कोरोना पर हैरान करने वाली रिसर्च, ‘जानलेवा‘ सिगरेट से बच रही जान! कोरोना के खिलाफ रामबाण साबित होगी निकोटीन?

वैज्ञानिकों के मुताबिक सिगरेट और तंबाकू में निकोटीन पाया जाता है। ये निकोटीन वायरस को कोशिकाओं तक नहीं पहुंचने देता, जिसके संक्रमण रुक जाता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि निकोटीन इन अनावश्यक प्रतिक्रियाओं को कम कर देता है, जिससे कोरोना से ग्रसित मरीजों को फायदा होता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कोरोना के इलाज और बचाव को लेकर लगातार कोशिशें की जा रही है। जिसे लेकर कई तरह की रिसर्च भी सामने आई है। चीन, अमेरिका और बाकी कई देशों के वैज्ञानिकों के दावे के बीच एक नया दावा किया गया है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि सिगरेट पीने वालों में कोरोना का खतरा कम है। साथ ही अब वैज्ञानिक सिगरेट में पाए जाने वाले निकोटीन से कोरोना के इलाज की योजना बना रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस बड़ी तेज रफ्तार से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है, लेकिन इन सबके बीच इस तरह के दावे वाकई में हैरान करने वाले हैं।

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पेरिस के Pitie-Salpetriere अस्पताल में 480 मरीजों पर रिसर्च की गई। इसमें से 350 मरीज अस्पताल में भर्ती थे, जबकि बाकी मरीजों को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया था। स्टडी के दौरान देखा गया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की औसत उम्र 65 साल थी, जिसमें 4.4 फीसदी लोग धूम्रपान करते थे। वहीं जो लोग डिस्चार्ज होकर घर गए थे, उनकी औसत उम्र 44 साल थी। जिनमें से 5.3 फीसदी लोग नियमित धूम्रपान करते थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक मरीजों की अनुमानित जनसंख्या के मुकाबले धूम्रपान करने वालों की संख्या कम है, यहां पर 44 से 53 साल की आयु वाले 40 फीसदी लोग धूम्रपान करते हैं, वहीं 65-75 आयु वर्ग के बीच में ये आंकड़ा 8.8 से लेकर 11.3 फीसदी है।


वैज्ञानिकों के मुताबिक सिगरेट और तंबाकू में निकोटीन पाया जाता है। ये निकोटीन वायरस को कोशिकाओं तक नहीं पहुंचने देता, जिसके संक्रमण रुक जाता है। वहीं मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अनावश्यक प्रतिक्रियाएं करती रहती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि निकोटीन इन अनावश्यक प्रतिक्रियाओं को कम कर देता है, जिससे कोरोना से ग्रसित मरीजों को फायदा होता है।

निकोटीन के इस फायदे को देखते हुए अब वैज्ञानिक निकोटीन पैच तैयार कर रहे हैं, ताकी कोरोना के मरीजों का इलाज हो सके, हालांकि अभी फ्रांस में निकोटीन पैच के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी नहीं मिली है। वहीं वैज्ञानिकों ने साफ कर दिया है कि इस स्टडी का मकसद लोगों को धूम्रपान करने के लिए प्रोत्साहित करना नहीं है। इसमें मिलने वाले निकोटीन से कोरोना वायरस से लड़ा जा सकता है। धूम्रपान से कैंसर और फेफड़े संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं, जो जानलेवा साबित होंगी।

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