नेपाल में देशभर में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू, कर्फ्यू का ऐलान, सेना ने हथियार-गोलाबारूद सरेंडर करने की अपील की

सेना ने एक बयान में चेतावनी दी कि इस अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी और व्यक्तियों या संपत्ति को निशाना बनाने वाले हमलों को आपराधिक गतिविधि माना जाएगा और उससे निपटा जाएगा।

नेपाली सेना ने देशभर में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए
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नवजीवन डेस्क

नेपाली सेना ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में किसी भी संभावित हिंसा को रोकने के लिए बुधवार को सुबह से शाम पांच बजे तक देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए और अगले दिन सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है।

सेना ने एक बयान में चेतावनी दी कि इस अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी और व्यक्तियों या संपत्ति को निशाना बनाने वाले हमलों को आपराधिक गतिविधि माना जाएगा और उससे निपटा जाएगा।

इसमें कहा गया है कि प्रतिबंधात्मक आदेश पूरे देश में सुबह से शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेंगे और उसके बाद बृहस्पतिवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा।

सेना ने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए ये कदम ज़रूरी हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘बलात्कार और हिंसक हमलों का भी खतरा है। देश की सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।’’


बयान में स्पष्ट किया गया है कि एम्बुलेंस, दमकल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सुरक्षा बलों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों और कर्मियों को प्रतिबंधात्मक आदेशों और कर्फ्यू के दौरान काम करने की अनुमति होगी।

नेपाल आर्मी ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने पास मौजूद अनाधिकृत हथियार और गोलाबारूद सुरक्षा कर्मियों के पास सरेंडर कर दें। आर्मी ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा, "इन हथियारों का दुरुपयोग हो सकता है और इससे जान-माल की हानि हो सकती है, इसलिए जिन लोगों को भी इसकी जानकारी मिले, उनसे अनुरोध है कि वे सुरक्षा एजेंसी को सूचित करें और संबंधित लोगों को हथियार सौंपने के लिए प्रोत्साहित करें।"

नेपाल में देशभर में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू, कर्फ्यू का ऐलान, सेना ने हथियार-गोलाबारूद सरेंडर करने की अपील की

भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जी’ द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे जिसके तुरंत बाद मंगलवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था।

 हालांकि, उनके इस्तीफे के बाद भी प्रदर्शन जारी रहा।

 प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी इमारतों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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