ट्रंप का एक और टैरिफ प्रस्ताव, अमेरिकी शेयर बाजार में हलचल, क्या भारत पर भी पड़ेगा इसका असर?
अमेरिकी वाणिज्य विभाग फिलहाल इस प्रस्ताव पर जांच कर रहा है। यह जांच ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट, 1962 की धारा 232 के तहत की जा रही है। यह कानून अमेरिकी सरकार को उन उत्पादों पर टैरिफ लगाने की अनुमति देता है जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम माना जाता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब फर्नीचर आयात पर नया टैरिफ लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने कहा है कि आने वाले 50 दिनों में जांच पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाले फर्नीचर पर कितना शुल्क लगाया जाए। ट्रंप ने कहा कि यह कदम अमेरिका के घरेलू उद्योग को मजबूती देगा और अमेरिकी कंपनियों को फिर से देश के भीतर उत्पादन करने के लिए प्रेरित करेगा।
ट्रंप क्यों लगाना चाहते हैं टैरिफ?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नॉर्थ कैरोलाइना, साउथ कैरोलाइना और मिशिगन जैसे राज्यों का जिक्र किया, जो कभी फर्नीचर उद्योग के बड़े केंद्र माने जाते थे। सस्ती लेबर और कम उत्पादन लागत की वजह से पिछले कुछ दशकों में कई कंपनियां अपना उत्पादन विदेशों में शिफ्ट कर चुकी हैं। ट्रंप का कहना है कि नए टैरिफ से अमेरिकी कंपनियों को मजबूरन स्थानीय स्तर पर उत्पादन करना पड़ेगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
शेयर मार्केट पर सीधा असर
डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान का सीधा असर अमेरिकी शेयर बाजार में देखने को मिला। फर्नीचर और होम गुड्स कंपनियों जैसे Wayfair, RH और Williams-Sonoma के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। वहीं, La-Z-Boy जैसी अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, जो अपना अधिकतर फर्नीचर अमेरिका में ही बनाती है, उसके शेयरों में बढ़त देखी गई। जानकारों का कहना है कि अगर टैरिफ लागू होता है तो विदेशी उत्पाद महंगे होंगे और घरेलू कंपनियों को बड़ा फायदा मिलेगा।
किस तरह की जांच हो रही है?
अमेरिकी वाणिज्य विभाग फिलहाल इस प्रस्ताव पर जांच कर रहा है। यह जांच ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट, 1962 की धारा 232 के तहत की जा रही है। यह कानून अमेरिकी सरकार को उन उत्पादों पर टैरिफ लगाने की अनुमति देता है जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम माना जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि प्रस्तावित टैरिफ मौजूदा ड्यूटी के अतिरिक्त होगा या उसकी जगह लेगा।
अमेरिकी फर्नीचर उद्योग के बारे में
अमेरिका का फर्नीचर उद्योग कभी बेहद मजबूत था। 1979 में इस क्षेत्र में लगभग 12 लाख लोग कार्यरत थे, लेकिन 2023 तक यह संख्या घटकर सिर्फ 3.4 लाख रह गई। इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण विदेशों में सस्ता उत्पादन और बड़े पैमाने पर आउटसोर्सिंग को माना जाता है। ट्रंप का दावा है कि नए टैरिफ से न सिर्फ अमेरिकी उद्योग को मजबूती मिलेगी बल्कि हजारों नौकरियां भी वापस आएंगी।
क्या भारत पर पड़ेगा इसका असर?
ट्रंप प्रशासन का यह कदम केवल फर्नीचर तक सीमित नहीं है। सरकार अन्य उत्पादों जैसे कॉपर, सेमीकंडक्टर और फार्मास्यूटिकल्स पर भी टैरिफ लगाने पर विचार कर रही है। इसका मुख्य मकसद घरेलू उत्पादन बढ़ाना, विदेशी निर्भरता कम करना और रोजगार को बढ़ावा देना है।
भारत के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में फर्नीचर निर्यात करता है। अगर टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय फर्नीचर महंगा हो जाएगा, जिससे भारतीय कंपनियों की अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है।
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