पीएम मोदी ने पूर्व में हुए सर्जिकल स्ट्राइक का बनाया मजाक, कांग्रेस ने बताया सेना और शहीदों का अपमान

कांग्रेस पर हमला करने की कोशिश में पीएम मोदी ने अपनी सरकार से पहले की सरकारों में सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का मजाक उड़ाते हुए उसे वीडियो गेम करार दिया है। कांग्रेस ने इसे सेना और जवानों की शहादत का अपमान बताया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव अब धीरे धीरे अपने चरम पर पहुंचने लगा है। पिछले चार चरणों के मतदान के ट्रेंड से परेशान पीएम मोदी अब अपने चुनावी सभाओं में भी हताश नजर आ रहे हैं। ये हताशा का ही परिणाम है कि शुक्रवार को सीकर में एक चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधने की कोशिश में उन्होंने भारतीय सेना और जवानों की शहादत का मजाक उड़ाते हुए उनके पराक्रम पर ही सवाल खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे सेना और जवानों की शहादत का अपमान करार दिया है।

दरअसल शुक्रवार को राजस्थान के सीकर में एक चुनावी सभा में पीएम मोदी ने अपनी सरकार से पहले हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े करते हुए उनकी तुलना वीडियो गेम से कर दी। पीएम मोदी ने रैली में कहा, “कांग्रेस अब कह रही है कि उनके कार्यकाल में 6 सर्जिकल स्ट्राइक हुई हैं। लेकिन ये कैसी स्ट्राइक थी, जिसके बारे में आतंकियों को नहीं पता, स्ट्राइक करने वालों को नहीं पता, पाकिस्तान को नहीं पता और न ही देश की जनता को कुछ पता है। कांग्रेस में ऐसे लोग हैं जो उम्र के किसी भी पड़ाव में वीडियो गेम खेलते रहते हैं और शायद सर्जिकल स्ट्राइक को भी वीडियो गेम समझकर आनंद लेते होंगे।”

पीएम मोदी ने इसके साथ ही कार्यस्थल पर यौन शोषण के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाए गए अभियान ‘मी टू’ का भी मजाक उड़ाते हुए कहा, “पहले उन्होंने इसका मजाक उड़ाया, फिर उसका विरोध किया और अब ‘मी टू, मी टू’ कर रहे हैं।”


कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे सेना और शहीद जवानों का अपमान बताया है। कांग्रेस ने मोदी के बयान पर एक ट्वीट कर कहा कि यह मोदी द्वारा भारतीय रक्षा बलों के अपमान का जीता-जागता उदाहरण है। कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए पूछा, “बहादुर जवानों और उन शहीदों का क्या, जिनका इस्तेमाल वो वोट मांगने के लिए करते हैं? क्या 2014 से पहले उनका अस्तित्व नहीं था?”

गौरतलब है कि एक दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने मोदी सरकार पर सेना का चुनावी इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए बताया था कि यूपीए शासन में भी भारत ने 6 बार सर्जिकल स्ट्राइक्स किया, लेकिन कभी इसका इस्तेमाल चुनावी लाभ लेने के लिए नहीं किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी भारत ने 2 सर्जिकल स्ट्राइक्स किया था।

कांग्रेस नेता ने तारीखों का ब्यौरा देते हुए कहा कि यूपीए सरकार के दौरान पहली सर्जिकल स्ट्राइक 19 जून 2008 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ स्थित भट्टल सेक्टर में किया गया था। वहीं दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक 30 अगस्त से 1 सितंबर 2011 के बीच केल में नीलम रिवर वैली के पास शारदा सेक्टर में दिया गया। जबकि 6 जनवरी 2013 को सावन पत्रा चेकपोस्ट पर भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। चौथी 27-28 जुलाई 2013 को नजीरपीर सेक्टर, पांचवीं 6 अगस्त 2013 को नीलम वैली पर और छठी सर्जिकल स्ट्राइक 14 जनवरी 2014 को की गई। जबकि वाजपेयी सरकार में भारतीय सेना ने पहली बार 21 जनवरी 2000 को नाडला एन्क्लेव और दूसरी बार 18 सितंबर 2003 को पूंछ के बरोह सेक्टर में सर्जिकल स्ट्राइक किया।

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राजीव शुक्ला ने पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं द्वारा लोकसभा चुनाव में सर्जिकल स्ट्राइक को अपनी उपलब्धि बताकर वोट मांगने पर आपत्ति जताते हुए इसे निंदनीय करार दिया। उनका कहना है कि कभी किसी सरकार ने सेना का इस्तेमाल चुनावी लाभ के लिए नहीं किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और आतंकवाद का मुद्दा मोदी सरकार की असफलता छिपाने का जरिया है। मोदी सरकार और बीजेपी विकास, रोजगार और कालेधन पर सवालों के जवाब देने के बजाय वे राष्ट्रवाद का राग अलाप रहे हैं।

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Published: 03 May 2019, 6:19 PM