कांग्रेस के बाद अब AAP ने वक्फ बिल के खिलाफ खोला मोर्चा, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे AAP विधायक अमानतुल्लाह खान

अमानतुल्लाह खान का कहना है कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता को कम करता है, साथ ही यह अपने धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों का प्रबंधन करने के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करता है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर विपक्षी दलों का विरोध जारी है। आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

अमानतुल्लाह खान का कहना है कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता को कम करता है, साथ ही यह अपने धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों का प्रबंधन करने के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करता है।

इससे पहले बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ संशोधन विधेयक की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वह इस बिल को लेकर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के सदस्य भी थे। इसके अलावे अन्य नेताओं ने भी विरोध जताते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद की याचिका में कहा गया है कि विधेयक वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर मनमाने प्रतिबंध लगाता है, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता कमजोर होती है। इस याचिका को अधिवक्ता अनस तनवीर के माध्यम से दायर किया गया है।


मोहम्मद जावेद ने बताया कि वक्फ बिल के खिलाफ पहली याचिका उन्होंने दायर की है। वक्फ संशोधन बिल दो और तीन अप्रैल को लोकसभा-राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हो गया। अब इस वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। उनकी सहमति के बाद यह कानून बन जाएगा।

उधर, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिल के खिलाफ याचिका दाखिल की। जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि विधेयक के प्रविधान मुसलमानों और मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन करते हैं।

आपको बता दें, वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक, 2024 को लोकसभा के बाद राज्यसभा ने पास कर दिया है। एक ओर जहां लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े तो वहीं इसके खिलाफ 232 वोट पड़े। वहीं राज्यसभा में वक्फ बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। अब इसे अब राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। उनकी सहमति के बाद यह कानून बन जाएगा।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia