अमृतपाल की मंशा थे खतरनाक! पूर्व सैनिकों को अपनी टीम में किया था शामिल, ब्रेनवॉश कर देता था ट्रेनिंग

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दुबई से लौटने के बाद अमृतपाल ने अपने पैतृक गांव जल्लूपुर में एक नशा मुक्ति केंद्र शुरू किया। इसके साथ ही उसने ऐसे पूर्व सैनिकों की तलाश शुरू कर दी, जो सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे, ताकि उनका इस्तेमाल हथियारों के प्रशिक्षण देने में किया जा सके।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

खालिस्तान समर्थक और वारिस दे पंजाब प्रमुख अमृतपाल सिंह को लेकर हर दिन चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। खबरों के मुताबिक, अमृतपाल के इरादे बहुत ही खतरनाक थे। नशा करने वाले और पूर्व सैनिकों को टारगेट कर रहा था। चंडीगढ़ में पुलिस अधिकारियों ने ये जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा करने के पीछे उसका मकसद ये था कि वो इन लोगों को साथ मिलाकर एक ऐसा गिरोह बनाना चाहता था, जिसे आगे चल कर आसानी से एक आतंकवादी संगठन में बदला जा सके।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दुबई से लौटने के बाद अमृतपाल ने अपने पैतृक गांव जल्लूपुर में एक नशा मुक्ति केंद्र शुरू किया। इसके साथ ही उसने ऐसे पूर्व सैनिकों की तलाश शुरू कर दी, जो सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे, ताकि उनका इस्तेमाल हथियारों के प्रशिक्षण देने में किया जा सके। उसने दो पूर्व सैनिकों वरिंदर सिंह और तलविंदर सिंह का ब्रेनवॉश किया और अपने मकसद में शामिल कर लिया।

अधिकारियों ने बताया कि एक साथ चलाए गए अभियान में उसने अपने आदमियों के साथ ऐसे पूर्व सैनिकों की तलाश शुरू कर दी, जो अपने बुरे बर्ताव के कारण सेना से रिटायर हो चुके थे, ताकि उनका इस्तेमाल हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के लिए किया जा सके।


पुलिस ने बताया कि जब अमृतपाल ने 'वारिस पंजाब दे' की कमान संभाली तो उस समय उसके पास सिर्फ दो निजी गार्ड थे। लेकिन इस साल की शुरुआत में गार्डों की संख्या बढ़कर 16 हो गई थी। अधिकारियों ने कहा कि आश्चर्यजनक बात ये थी कि उसके सात प्राइवेट सुरक्षा अधिकारी युवा थे, जो पुनर्वास के लिए उसके नशामुक्ति केंद्र में शामिल हुए थे। उन्होंने ये भी बताया कि इलाज के लिए वहां रहने के दौरान उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई थी।

उन्होंने कहा कि नशामुक्ति केंद्र में भर्ती युवकों का ब्रेनवॉश किया गया और गन कल्चर की ओर धकेला गया। इन सभी को मारे गए आतंकवादी दिलावर सिंह का रास्ता चुनने के लिए भी उकसाया गया, जिसने खुद को उड़ा लिया और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या कर दी।


कौन है अमृतपाल सिंह? 

अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है। इसे अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था। दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। दीप सिद्धू लाल किला हिंसा का आरोपी भी था। दीप सिद्धू की मौत के बाद दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संगठन की कमान संभाली। दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia