हवाई यात्री ध्यान दें! 1 महीने में 10 से ज्यादा इमरजेंसी लैंडिंग, अनहोनी की बजी घंटी, क्या कर रही है सरकार?

देश में पिछले कई दिनों से अलग अलग विमान कंपनियों की फ्लाइट्स की इमरजेंसी लैंडिंग की खबरें सामने आ रही हैं। अब तक स्पाइसजेट के विमानों में आ रही खराबी के बाद इमरजेंसी लैंडिंग को लेकर चर्चा थी, लेकिन अब इस लिस्ट में इंडिगो का भी नाम जुड़ गया है।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

इस दौड़ती भागती जिंदगी में जिस विमान के जरिए आप हजारों किलोमीटर का सफर चंद मिनटों में तय करते हैं, अब उससे सफर करना आपकी जान पर बन सकती है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि पिछले कई दिनों में विमान कंपनियों से जुड़ी ऐसी ऐसी खबरें सामने आई है जो आपको यह सोचने पर मजबूर कर देंगी कि विमान से सफर करें या नहीं?

पिछले कई दिनों से विमानन कंपनी स्पाइसजेट के बारे में आप कई तरह की खबरें सुन और देख रहे थे, लेकिन अब इंडियो एयरलाइंस भी इस 'डरावना सफर' वाली लिस्ट में शामिल हो गया है। दरअसल, हाल ही में दिल्ली से बडोदरा जा रहे एक इंडिगो विमान के इमरजेंसी लैंडिंग की खबर सामने आई। इससे ना सिर्फ विमान पर बैठे यात्रियों की जान पर बन आई बल्कि लगातार हवाई सफर करने वाले लोग भी डरे सहमें हैं। अभी तक लैंडिंग विंडशील्ड में दरार, धुआं, बर्ड हिट, बैगेज डोर में कोई दिक्कत होने की वजह से करवाई गई है।

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इंडिगो विमान 6 E-859 की जयपुर में इमरजेंसी लैंडिंग

ताजा घटना की बात करें तो 14 जुलाई यानी गरुवार को दिल्ली से वडोदरा जा रहे इंडिगो विमान 6 E-859 की जयपुर में इमरजेंसी लैंडिंग हुई है। इंजन में वाइब्रेशन होने के बाद ये इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। इसे लेकर DGCA का बयान भी सामने आया है।

DGCA ने बताया कि मामले के जांच के आदेश दे दिए गए हैं। किन कारणों की वजह से इंडिगो के इंजन में यूं वाइब्रेशन हुई, ये अभी तक स्पष्ट नहीं है। इसके साथ ही ये खबर भी सामने नहीं आई है कि कितने यात्री विमान में सवार थे। एयरलाइन ने इस बात की भी जानकारी नहीं दी है। सिर्फ इतना कहा गया है कि कुछ तकनीकी खराबी की वजह से दिल्ली से वडोदरा जा रहे विमान की जयपुर में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई।

बुधवार को भी इंडिगो एयरलाइंस की हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग

ऐसा पहली बार नहीं है जब इंडिगो विमान को लेकर सोशल मीडिया पर इस तरह चर्चा है। इससे पहले भी दिल्ली से इंफाल जा रहे इंडिगो एयरलाइंस के विमान की बुधवार को कोलकाता एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। हालांकि इस बार विमान में कोई खराबी नहीं थी बल्कि मौसम के चलते ऐसा करना पड़ा।

इंडिगो की विमान संख्या- 6ई2615 को मणिपुर की राजधानी इंफाल में उतरना था लेकिन वहां खराब मौसम के चलते लैंडिंग नहीं हो पाई। वहां आसमान में बहुत देर तक चक्कर लगाने के बाद विमान का ईंधन भी समाप्त होने की ओर था, जिसके बाद विमान को कोलकाता में लैंडिंग कराने का फैसला लिया गया। यहां विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई गई। विमान में 141 यात्री सवार थे जो सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

सिर्फ इंडिगो ही नहीं स्पाइसजेट भी इमरजेंसी लैंडिंग को लेकर इन दिनों चर्चा में है। स्पाइसजेट की बात करें तो करीब 18 दिनों में 8 से ज्यादा विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई, अब इस लिस्ट में इंडिगो भी शामिल होता दिख रहा है।

हाल ही में हुई फ्लाइट में तकनीक खराबी और इमरजेंसी लैंडिंग

  • 11 जुलाई को दुबई से मदुरै जाने वाली स्पाइसजेट की बोइंग बी737 मैक्स विमान में 'अंतिम समय में तकनीकी समस्या' की बात सामने आई, जिसके कारण उड़ान में देरी हो गई है। इस विमान के अगले पहिए में खराबी आई थी।

  • 2 जुलाई को जबलपुर जा रही स्पाइसजेट की फ्लाइट तब वापस दिल्ली लौट आई जब करीब पांच हजार फुट की ऊंचाई पर चालक दल के सदस्यों ने केबिन में धुंआ देखा।

  • 6 जुलाई को इंडिगो की रायपुर-इंदौर उड़ान के चालक दल के सदस्यों ने विमान के गंतव्य पर उतरने के बाद उसमें धुआं देखा। सभी यात्री विमान से सुरक्षित उतर गए।

  • 5 जुलाई को स्पाइसजेट का एक मालवाहक विमान कोलकाता लौट आया है, विमान के पायलट्स को उड़ान भरने के बाद यह अंदेशा हुआ कि मौसम संबंधी रडार काम नहीं कर रहा है। स्पाइसजेट कंपनी का ये बोईंग 737 मालवाहक विमान को कोलकाता से चोंगक्विंग जाना था।

  • 5 जुलाई को ही स्पाइसजेट के दो और विमानों में खराबी आई थी, पहला दिल्ली से दुबई जा रहे एक विमान के फ्यूल इंडिकेटर में खराबी के बाद उसे कराची डायवर्ट कर दिया गया था, वहीं दूसरा कांडला-मुंबई फ्लाइट की खिड़की के शीशे में उड़ान भरने के बाद 23 हजार फीट की ऊंचाई पर दरार दिखने पर उसकी महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में प्रायोरिटी लैंडिंग करानी पड़ी थी।

  • 24 और 25 जून को अलग-अलग विमानों में 'फ्यूजलेज डोर वार्निंग' प्रणाली सक्रिय होने की वजह से, विमानों को बीच में यात्रा छोड़ कर वापस आना पड़ा।

  • 19 जून को पटना से 185 यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए उड़ान भरने के बाद ही स्पाइसजेट के विमान के इंजन में आग लग गई। जिसके बाद प्लेन को लैंड करना पड़ा।

बताते चलें कि DGCA ने स्पाइसजेट को विमानों में बार-बार तकनीकी खराबी की घटनाओं के बाद 6 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। DGCA ने कहा था कि 19 जून से अब तक विमानों में तकनीकी खराब के 8 मामले सामने आ चुके हैं। समीक्षा से पता चलता है कि सस्ती सेवा प्रदाता कंपनी सुरक्षित, प्रभावी और विश्वसनीय हवाई सेवा मुहैया कराने में 'असफल' रही है।

देश में एक महीने में एक साथ इतनी सारी इमरजेंसी लैंडिग ने खतरे की घंटी बजा दी है। ऐसे में सवाल यह है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय इन एयरलाइंस के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है? क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही मंत्रालय जगेगा और सख्त कदम उठाएगा?

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क्या होती है इमरजेंसी लैंडिंग?

इमरजेंसी लैंडिंगन खास परिस्थितियों में तय समय और स्थान से पहले ही जब विमान को किसी और एयरपोर्ट या जगह पर उतार दिया जाता है तो उसे इमरजेंसी लैंडिंग कहा जाता है। अगर विमान में कोई दिक्कत आने से या फिर यात्रा कर रहे लोगों में से किसी की तबीयत खराब होने पर इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला लिया जाता है। सरल भाषा में समझें तो जब भी प्लेन में बैठे यात्रियों की जान को कुछ खतरा होता है तो इस स्थिति में फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग करवा दी जाती है, यानी विमान को तय जगह के अलावा कहीं और उतार दिया जाता है। कई परिस्थितियों में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई जाती है।

जैसे मान लीजिए विमान में कोई दिक्कत आ जाती है या फिर यात्री की तबीयत खराब हो जाती है तो लैंडिंग करवाई जाती है। ये लैंडिंग कई तरह की होती है और इमरजेंसी लैंड करवाए जाने के कई कारण होते हैं और अलग अलग कारणों से इसको अंजाम दिया जाता है।

इमरजेंसी लैंडिंग कितने तरह की होती है?

लैंडिंग करवाने का तरीका लैंडिंग के कारणों पर निर्भर करता है। आम तौर पर माना जाता है कि फ्लाइट की तीन तरह से लैंडिंग करवाई जाती है। इसमें फोर्स्ड लैंडिंग, प्रीकॉश्नरी लैंडिंग और डिचिंग लैंडिंग शामिल है। ये अलग अलग कारणों पर निर्भर करता है कि इमरजेंसी लैंडिंग कैसी होगी।

  • फोर्स्ड लैंडिंग- फोर्स्ड लैंडिंग को इमिडिएट लैंडिंग कहा जाता है, जिसमें विमान ज्यादा समय तक उड़ाने की स्थिति में नहीं होता है। इस स्थिति में जल्द से जल्द फ्लाइट को लैंड करवाया जाता है और यह स्थिति इंजन में आने वाली दिक्कत की वजह से होती है। इस स्थिति में जल्द से जल्द फ्लाइट को जमीन पर लाया जाता है।

  • प्रीकॉश्नरी लैडिंग- इस तरह की लैंडिंग में फ्लाइट को उड़ाया तो जा सकता है, लेकिन इसकी सलाह नहीं दी जाती है। इस स्थितियां काफी सामान्य होती हैं और अक्सर इस तरह की लैंडिंग ही करवाई जाती है। जैसे मौसम में गड़बड़ी, फ्यूल शॉर्टेज, विमान में कोई हल्की दिक्कत होने की वजह से इस तरह की लैंडिंग करवाई जाती है। जो एकदम आपातकाल की स्थिति नहीं होती है, लेकिन यात्रियों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए उसमें सुधार किया जाता है।

  • डिचिंग लैंडिंग- ये लैंडिंग काफी रेयर होती है। इस तरह की लैंडिंग बहुत कम देखने को मिलती है। ये लैंडिंग एयरपोर्ट, रनवे पर नहीं बल्कि पानी में करवाई जाती है। जब विमान क्रैश करने की स्थिति में होता है तो इस स्थिति में पानी में विमान को उतारा जाता है। इसके सबसे चर्चित उदाहरण है साल 2009 का, जब यूएस एयरवेज फ्लाइट 1549 को Hudson नदी में उतारा गया था और 155 लोगों को बचाया गया था, जिसमें कुछ लोग घायल भी हो गए थे।

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