योगी सरकार में बड़ा राशन घोटाला, खुद को फंसता देख ज्यादा आय वाले किसानों को 'राशन चोर' कह रही है सरकार

योगी सरकार में बड़ा राशन घोटाला सामने आ रहा है। ऐसे कई मामले हैं जहां किसी को बिना कार्ड के ही राशन मिल रहा है तो कहीं कार्ड होने पर भी राशन नहीं मिल रहा है। खुद को फंसता देख सरकार ज्यादा आमदनी वाले किसानों को राशन चोर बता रही है और उनसे वसूली करने की बात कह रही है।

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के संतोष

कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक फ्री राशन को वोट की फसल काटने का औजार बनाने में जुटे हैं। अन्न महोत्सव के नाम पर फ्री राशन की ब्रांडिंग हो रही है। लेकिन सच यह है कि इन सबमें योगी सरकार बड़े अनाज घोटाले में फंसती दिख रही है। इससे बचने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये के फ्री राशन की बंदरबांट और गोलमाल का ठीकरा लखपति किसानों पर फोड़ना शुरू कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 64 हजार से अधिक लखपति किसान फ्री का राशन ले रहे हैं। यह स्थिति तब है जब योगी सरकार अखिलेश राज में बने 30 लाख समेत करीब 93 लाख राशन कार्ड पिछले चार साल में निरस्त कर चुकी है।

उत्तर प्रदेश में 3.59 करोड़ राशन कार्ड पर 14.78 करोड़ से ज्यादा गरीबों को राशन मुफ्त दिया जा रहा है। यह राशन पैकेट में हैं और उन पर मोदी-योगी की तस्वीरें लगी हैं। हर महीने अन्त्योदय कार्ड धारकों को 35 किलोग्राम, तो पात्र गृहस्थी वालों को प्रति यूनिट पांच किलोग्राम अनाज मुफ्त दिया जा रहा है। सरकार का दावा है कि प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत नवंबर तक गरीबों में 9.99 करोड़ कुंतल अनाज फ्री में बांटा जा चुका है।

लेकिन फ्री राशन वितरण में धांधली के कई उदाहरण अपने आप सामने आए। जैसे, किसी के नाम कार्ड है लेकिन उसे राशन नहीं मिल रहा; जो पात्र नहीं हैं, उन्हें भी राशन दिया जा रहा है या उनके नाम पर राशन उठाया जा रहा है; राशन को खुले बाजार में बेच देने की शिकायतें तो मिलती ही रही हैं। इन सबमें सरकार ने खुद को फंसता देखा, तो उसने ज्यादा आय वाले किसानों को राशन चोर बता दिया और कहा कि उनसे वसूली की जाएगी। यह उसी तरह है जैसे सरकार ने पहले तो आंखें मूंदकर किसान सम्मान धन दिया और अब कुर्की-जब्ती तक की धमकी देकर लोगों से वसूली में लगी है।


सरकार ने जो सूची जारी की है, इसमें सर्वाधिक किसान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। यह इस इलाके के लोगों पर दबाव बनाने का तरीका भी माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि शाहजहांपुर में 4,710, रामपुर में 3,520, खीरी में 3,342 तो सीतापुर में 2,968 लखपति किसान फ्री राशन उठा रहे हैं। लखनऊ में भी फ्री राशन लेने वाले किसानों की संख्या 130 है। पूर्वांचल में सर्वाधिक 3,772 किसान महराजगंज में फ्री राशन का लाभ ले रहे हैं। विभाग ने मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में भी 1,376 लखपति किसानों की सूची जारी की है। विभाग का दावा है कि लखपति किसानों में कई बीते तीन सालों में 2 से 10 लाख रुपये तक की फसल क्रय केंद्रों पर बेच चुके हैं। एनआईसी ने आधार नंबर के जरिये इनकी पहचान की है। अब सत्यापन कर अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त करने का आदेश जिलाधिकारियों को दिया गया है।

घोटाले पर राख डालने की कोशिश

राशन वितरण का पूरा काम मैकेनाइज्ड है। खाद्यान्न विभाग अपने यहां के डेटा फीडिंग सिस्टम के जरिये अनाज की सप्लाई करता है, फिर पीएसओ मशीन के जरिये कार्ड धारकों को राशन दिया जाता है और ये कार्ड आधार से जुड़े हुए हैं।

2017 में भाजपा सत्ता में आई, तो उसके अगले ही साल मेरठ से करोड़ों रुपये का अनाज घोटाला उजागर हुआ था। तब यूपी के 43 जिलों में 1.86 लाख से अधिक परिवारों का राशन महज 859 आधार कार्ड से उठाने का मामला सामने आया था। यह सब पीओएस मशीन के डेटा में छेड़छाड़, खाद्यान्न विभाग के डेटा फीडिंग सिस्टम का दुरुपयोग और पासवर्ड- आईडी में गोलमाल कर किया जा रहा था और यह सब सूबे में करीब 1,000 केंद्रों पर हुआ था।


इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई, दर्जनों मामले भी दर्ज हुए लेकिन सब कुछ ठंडे बस्ते में है। अब जांच एसटीएफ से हटाकर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी गई है। हालांकि यूपी के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अतुल गर्ग का दावा है कि, ‘सरकार का जोर पारदर्शिता पर है। इसीका नतीजा है कि घोटाले पकड़े जा रहे हैं।’ लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कपीश श्रीवास्तव का कहना है कि ‘पूंजीपतियों के इशारे पर भाजपा के निशाने पर बड़े किसान हैं। इसीलिए येन केन प्रकारेण किसानों को टारगेट किया जा रहा है। पारदर्शी व्यवस्था में कोई योजना का लाभ गलत तरीके से लेता है तो यह सरकार की व्यवस्थापर सवाल है।’

पूर्व सांसद हरिकेश बहादुर का कहना है कि ‘बड़े किसान विरोध कर रहे हैं, इसलिए वे सरकार के निशाने पर हैं। योगी सरकार द्वारा सपा राज में बने 30 लाख समेत कुल 93,78,789 राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। सत्ताधारी दल से जुड़े ग्राम प्रधान और कोटेदार लिस्ट तैयार कर रहे हैं। मोदी-योगी की तस्वीर वाले पैकेट में राशन दिया जा रहा है। फ्री राशन के राजनीतिकरण का नतीजा हैं ये घोटाले।’

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