राहुल गांधी का केंद्र पर वार, बोले- अन्नदाता की शहादत से नहीं, ट्रैक्टर रैली से मोदी सरकार को हो रही शर्मिंदगी

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि " 60 से ज्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई, लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है! आपको बता दें, बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में भी इस ट्रैक्टर रैली को लेकर सुनवाई हुई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को नोटिस जारी किया था।

फोटो: Getty Images
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पवन नौटियाल @pawanautiyal

मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। देश के अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। मोदी सरकार के रवैये से गुस्साए किसान 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की भी तैयारी में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों के इस ऐलान से घबराई सरकार इस पर रोक की तैयारी में लगी हुई है।

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इन सबके बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि "60 से ज्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई, लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है! आपको बता दें, बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में भी इस ट्रैक्टर रैली का मुद्दा उठा था। केंद्र और दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल हलफनामे पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को नोटिस जारी किया था।

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित किसानों की ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने किसान संगठनों को नोटिस भेजा है। यह नोटिस 26 जनवरी पर किसान संगठनों की तरफ से प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर जारी किया गया। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'किसी भी रैली को आयोजित करने से पहले एक लिखित सूचना दी जाती है, जिसके बाद पुलिस-प्रशासन की शर्तों के मुताबिक रैली का आयोजन होता है। लेकिन, किसान संगठनों की तरफ से ऐसी कोई लिखित सूचना नहीं दी गई है।

साथ ही हम अपने आदेश में यह भी कहेंगे कि किसान संगठन दिल्ली में रामलीला मैदान या किसी अन्य स्थान पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पास आवेदन कर सकते हैं।' गौरतलब है कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस तरह के मार्च अथवा रैली के कारण गणतंत्र दिवस उत्सव में व्यवधान पैदा हो सकता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है। ऐसे में शीर्ष अदालत से किसी भी तरह के मार्च, रैली अथवा वाहन रैली को रोकने के संबंध में अनुरोध किया जाता है।

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