कोरोना संकट ने बड़े-बड़ों को हिला दिया, अमेरिका में ट्रंप तो इजरायल में नेतन्याहू की लोकप्रियता घटी

कोरोना महामारी और उसके कारण आए आर्थिक संकट ने सिर्फ आम लोगों को ही नहीं, बड़े-बड़ों का खूंटा हिला दिया है। मौजूदा संकट के कारण अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लोकप्रियता में रिकॉर्ड कमी आई है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पूरी दुनिया पर छाए कोरोना वायरस संकट ने सिर्फ आम ही नहीं बड़े-बड़ों को हिला कर रख दिया है। महामारी और उसके कारण आए आर्थिक संकट ने कई ताकतवर राष्ट्राध्यक्षों की लोकप्रियता पर बट्टा लगा दिया है। यहां तक कि मौजूदा संकट में असहाय नजर आ रहे विश्व के शक्तिशाली देश अमेरिका के चर्चित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भी अपने देश में लोकप्रियता में रिकॉर्ड कमी आई है।

अमेरिका में एक नए सर्वेक्षण में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अप्रूवल रेटिंग में रिकॉर्ड गिरावट सामने आई है। बताया गया है कि छह महत्वपूर्ण राज्यों में संभावित वोटरों के बीच उनकी अप्रूवल रेटिंग 45 फीसद है। सीएनबीसी-चेंज रिसर्च पोल सर्वे ने पूरे देश में 1,258 संभावित वोटरों और छह राज्यों अरिजोना, फ्लोरिडा, मिशिगन, नार्थ कैरोलिना, पेंसिलवेनिया, विस्कॉन्सिन के 4322 वोटरों के बीच यह सर्वे किया।

बुधवार को किए गए इस सर्वे में पता चला कि 45 प्रतिशत लोगों ने ट्रंप के काम को हरी झंडी दी जबकि 55 प्रतिशत लोगों ने इसे नकार दिया। सर्वे के अनुसार, "कोरोना वायरस मामले को देखते हुए, 54 प्रतिशत वोटरों का मानना है कि पूर्व उप राष्ट्रपति और डेमोक्रेट्स जो बिडेन राष्ट्रपति ट्रंप की तुलना में अच्छा काम करेंगे। वहीं 46 प्रतिशत लोगों ने माना कि कोराना से निपटने में ट्रंप और रिपब्लिकंस ने अच्छा काम किया।"

वहीं इजरायल में भी किए गए एक नए सर्वेक्षण के मुताबिक प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लोकप्रियता में कमी आई है। पहले से जारी एक आपराधिक मुकदमे के अलावा कोरोना संकट और उसके कारण आए आर्थिक झटके ने भी उनकी लोकप्रियता घटाई है। जबकि नेतन्याहू इजरायल के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल के रेडियो 103 एफएम द्वारा बुधवार को जारी किए गए पोल के मुताबिक उनकी दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के मतदाताओं के बीच भी उनकी लोकप्रियता कम हो रही है। लिकुड मतदाताओं में से 41 फीसदी ने कहा कि उनका मानना है कि सरकार संकट से निपटने में विफल रही है। बेरोजगारी के 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ने के कारण कई इजरायली लोगों को लगता है कि नेतन्याहू की सरकार ने प्रतिबंध और लॉकडाउन के कारण अपनी नौकरी और आजीविका खोने वाले लोगों की मदद करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए हैं।

इतना ही नहीं मंगलवार रात नेतन्याहू के विरोध में हजारों इजरायलियों ने देश भर में सड़कों पर प्रदर्शन किए। उनमें से करीब 5,000 लोगों ने यरूशलेम में प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास के बाहर रैली की और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर नेतन्याहू से इस्तीफा देने के लिए कहा। इस दौरान पुलिस से झड़प के बाद यरूशलेम में करीब 50 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।नेतन्याहू पर 24 मई से रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वासघात का मुकदमा शुरू हुआ है। इस पर मामले में अगली चर्चा 19 जुलाई को होनी है।

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