उत्तराखंड में आफत की बारिश, कहीं बही गाड़ियां तो कहीं टूटे पुल, 3 दिन में 12 लोगों की मौत

उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक बरसात की मार है। जगह-जगह पर बारिश के कारण लोग बेहाल हैं। हालात ये हैं कि उफनाई नदियों में कहीं गाड़ियां डूब रही हैं तो कहीं लोग। लैंड स्लाइड के कारण भी हालात और भी खराब हो गये हैं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक बरसात की मार है। जगह-जगह पर बारिश के कारण लोग बेहाल हैं। हालात ये हैं कि उफनाई नदियों में कहीं गाड़ियां डूब रही हैं तो कहीं लोग। लैंड स्लाइड के कारण भी हालात और भी खराब हो गये हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन विभाग को अपने हाथों में लेकर तमाम जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। दरअसल,उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। इस बार मौसम विभाग की मानें तो 19 जुलाई की रात से 21 जुलाई तक उत्तराखंड के तमाम जिलों में भयंकर बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार ज्यादातर बरसात देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा और चंपावत में देखने को मिलेगी। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद राज्य सरकार ने भी अधिकारियों को एक्टिव रहने के लिए कहा है।

उत्तराखंड में बारिश का कहर कुछ इस कदर है कि मैदान से लेकर पहाड़ तक हर कोई त्राहिमाम कर रहा है। राजधानी देहरादून सहित हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल और पिथौरागढ़ जैसे क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। आलम यह है कि आज कई जगहों पर गाड़ी फिसलने या नदी में गिरने की वजह से कई घटनाएं सामने आईं। ऐसे में मौसम विभाग की चेतावनी के बाद खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन विभाग को अपने हाथों में लेकर तमाम जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।


तमाम जिलाधिकारियों को कहा गया है कि अपने अपने क्षेत्रों में वह इस बात को सुनिश्चित करें कि किसी तरह की कोई भी घटना इन 2 दिनों में न हो। जिसके बाद एहतियातन देहरादून और नैनीताल जिला अधिकारी ने तमाम आंगनबाड़ी और स्कूलों की छुट्टियों के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही सीएम ने कहा बारिश से निपटने के लिए पूरे राज्य में इंतजाम किये गये हैं।

पहाड़ों में बह रही गाड़ियां और टूट रहे पुल:


बारिश से आलम ये है कि रुदप्रयाग में नदियां उफान पर हैं। ऋषिकेश में पानी सड़कों पर है। देहरादून में सड़क पर खड़ी गाड़िया बह रही हैं तो हरिद्वार में पानी शहर में इस कदर भर गया है कि लोग सड़क और नदी में फर्क नहीं समझ पा रहे हैं। पहाड़ से आता पानी और मलबा इतना खतरनाक हो गया है कि उत्तराखंड के कई शहरों से डरावनी तश्वीरें सामने आ रही हैं। खटीमा में स्कूल बस का बह जाना हो या फिर रुद्रप्रयाग में 64 करोड़ की लागत से बन रहे पुल की शटरिंग ढह जाना, ये सभी खबरें डराने वाली हैं। एक अनुमान के मुताबिक राज्य भर में लगभग 170 से अधिक सड़कें फिलहाल बंद हैं. जिनको खोलने का काम निरंतर जारी है।


जरूरत हो तो ही घर से बाहर निकलें:


बारिश के हालात और घटनाओं को देखते हुए मौसम वैज्ञानिक भी लोगों से अपील के साथ-साथ आने वाले खतरे से उन्हें बचने की हिदायत दे रहे हैं।

मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक विक्रम सिंह की मानें तो अभी पहाड़ों पर बरसात लोगों को यूं ही परेशान करेगी। उन्होंने सभी को नदियों और बरसाती नालों से दूर रहने के निर्देश दिये हैं। साथ ही उन्होंने कहा अगर जरूरत हो तो ही घर से बाहर निकलें। विक्रम सिंह का कहना है की अभी 21 जुलाई के बाद ही मौसम खुलेगा, तब तक हालात ऐसे ही रहेंगे। मौसम विभाग मान रहा है। कि उत्तराखंड में पूरे जुलाई में बरसात होगी।


3 दिन में 12 से अधिक लोग डूबे :


नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने की वजह से कई नदियां चेतावनी लेवल से ऊपर बह रही हैं। इसके साथ ही प्रदेश में पिछले 3 दिनों में 12 लोगों की मौत डूबने से हुई है। जिसमें तीन लोग ऋषिकेश के पास तपोवन में डूबे हैं। अभिषेक नाम के युवक की भी देहरादून की जाखन नदी डूबने से मौत हुई। इसके अलावा उत्तरकाशी से लेकर कुमाऊं में अलग अलग जगहों पर लोगों के डूबने की खबर है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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Published: 20 Jul 2022, 8:02 PM
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