पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी, खनौरी सीमा पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, हिरासत में कई किसान

हरियाणा के हिसार-नारनौंद रोड पर किसान खेरी चोपटा गांव से खनौरी सीमा जा रहे थे, उसी दौरान पुलिस ने उन पर आंसूगैस के गोले दागे।

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नवजीवन डेस्क

हरियाणा और पंजाब के किसानों का MSP और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी है। वहीं हरियाणा में किसानों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। पुलिस ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा की ओर बढ़ रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हिसार-नारनौंद रोड पर ये किसान खेरी चोपटा गांव से खनौरी सीमा जा रहे थे, उसी दौरान पुलिस ने उन पर आंसूगैस के गोले दागे। किसान पिछले कुछ दिनों से पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। वे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के ‘दिल्ली चलो’ आह्वान पर वहां इकट्ठा हुए हैं। पुलिस ने कुछ किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया है, जिसकी वजह से किसानों ने पथराव किया।

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उधर, खनौरी सीमा पर डेरा डाले लोगों में से एक किसान की हार्टअटैक से मौत हो गई। एक किसान नेता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि बठिंडा जिले के अमरगढ़ गांव निवासी दर्शन सिंह (62) की मौत हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) पंजाब और हरियाणा की शंभू व खनौरी सीमा पर विभिन्न मांगों को लेकर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

पंधेर के मुताबिक आंदोलन में शामिल 72 वर्षीय एक अन्य किसान की पूर्व में खनौरी सीमा पर ही हृदयाघात से मौत हो गई थी जबकि शंभू सीमा पर भी 63 वर्षीय एक किसान की हृदयाघात से मौत हुई थी। खनौरी सीमा पर बुधवार को हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच हुई झड़प में बठिंडा के रहने वाले 21 वर्षीय शुभकरण की मौत हो गई थी। इस घटना में 12 पुलिस कर्मी भी घायल हुए थे।

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वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अमृतसर में आज 'काला दिवस' मनाया, और राज्य की सीमा पर दो जगह डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के पुतले फूंके। हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच हिंसा में मारे गये किसान शुभकरण सिंह के प्रति शोक व्यक्त करने के लिए 'एसकेएम ने 'काला दिवस' मनाने का आह्वान किया था।

भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने कहा कि उसने सिंह की मौत के विरोध में पंजाब के 17 जिलों में 47 स्थानों पर प्रदर्शन किया। भारती किसान यूनियन (भाकियू-एकता उगराहां), एसकेएम का हिस्सा है। भाकियू (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के पुतले फूंके। अमृतसर में, किसानों ने मुख्य प्रवेश बिंदु न्यू गोल्डन गेट पर, भाजपा नीत केंद्र सरकार का पुतला फूंका।

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एसकेएम नेता रतन सिंह रंधावा ने कहा कि सीमा पर स्थित डोएकी, महिमा, पंडोरी, मोधे और रातोकी सहित विभिन्न गांवों में विरोध प्रदर्शन किया गया। एसकेएम और व्यापार संघों के सदस्यों ने संयुक्त रूप से लुधियाना में लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने शाह, खट्टर और विज के पुतले फूंके। प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों के इस्तीफे और सिंह की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।

ठीक इसी तरह का प्रदर्शन होशियारपुर जिले में भी हुआ, जहां किसानों ने केंद्र और हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने सरकार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने सहित प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मानने की मांग की।

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आपको बता दें, एमएसपी पर लीगल गारंटी के साथ-साथ कई और मांगों को लेकर किसान एक बार फिर सड़क पर उतर आए हैं। किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था। लेकिन पुलिस ने पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर ही किसानों को रोक दिया है।

(पीटीआई भाषा के इनपुट के साथ)

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