हिंडनबर्ग: 'पूरी दुनिया में है उथल पुथल, लेकिन PM मोदी हैं चुप, न कोई चर्चा, न कोई जांच- यही है मित्रकाल'

शेयर बाजार में अडानी समूह का बुरा हाल है। अडानी के शियर धूल फांक रहे हैं। इस पर कांग्रेस ने अडानी समूह के गिरते शेयर से जुड़ा एक ग्राफिक्स शेयर करते हुए लिखा, नुकसान जनता का हुआ है। इनका कुछ नहीं बिगड़ा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भंवर में फंसे उद्योगपति गौतम आडानी और अडानी समूह ने चंद दिनों में ही अर्श से फर्श तक का सफर तय कर लिया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। एक तरफ जहां अडानी दुनिया के अमीरों की 20 सूची से भी बाहर हो गए। वहीं दूसरी तरफ शेयर बजार में अडानी समूह के शेयर दिन प्रतिदिन गिरते-गिरते पताल में चले गए हैं। अडानी चारों तरफ से घिरे हुए हैं। वहीं, विपक्षा अडानी और पीएम मोदी पर सवाल पर सवाल दागे जा रहा है। वह पूछ रहा है कि मित्र अडानी की बर्बादी पर आखिर पीएम मोदी क्यों चुप हैं? संसद में इस मुद्दे पर चर्चा तक से मोदी सरकार भाग रही हैं।

इन सबके बीच कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा है। कांग्रेस ने ट्वीट किया, “PM मोदी के 'परम मित्र' के साथ अब तक क्या हुआ?

• 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा की चपत

• LIC और निवेशकों का पैसा डूबा

• डाउ जोन्स ने बाहर किया

• S&P ने रेटिंग नेगेटिव की

पूरी दुनिया में उथल पुथल है, लेकिन PM मोदी चुप हैं। न कोई चर्चा, न कोई जांच - यही है 'मित्रकाल'।”


शेयर बाजार में अडानी समूह का बुरा हाल है। अडानी के शियर धूल फांक रहे हैं। इस पर कांग्रेस ने अडानी समूह के गिरते शेयर से जुड़ा एक ग्राफिक्स शेयर करते हुए लिखा, "नुकसान जनता का हुआ है। इनका कुछ नहीं बिगड़ा है।"

आलम यह है कि अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर शुक्रवार को इंट्रा डे ट्रेड में करीब 35 फीसदी तक गिर गए थे। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह के शेयरों का मार्केट कैप सप्ताहभर में 108 बिलियन डॉलर से अधिक घट गई है।


हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या है?

अमेरिका की फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के सभी कंपनियों के लोन पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से ज्यादा ओवरवैल्यूज हैं। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी के शेयरों में भारी गिरावट आई। शेयर बाजार में भूचाल मचा हुआ है।

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