आर्थिक मोर्चे पर पस्त मोदी सरकार को एक और झटका, अगस्त महीने में 12 हजार करोड़ रुपये घटी रेलवे की आमदनी

रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे ने अगस्त तक यात्री सेवाओं से आमदनी में 9.65 फीसदी की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा था, लेकिन असल में वह सिर्फ 4.56 फीसदी वृद्धि दर्ज कर पाई। वहीं ढुलाई से वृद्धि के 12.22 फीसदी के लक्ष्य की तुलना में सिर्फ 2.80 फीसदी रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था के बीच भारत के लिए कहीं से कोई अच्छी खबर नहीं आ रही है। खस्ता हाल अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार के लिए एक और बुरी खबर है। अगस्त के महीने में रेलवे की आमदनी 12 हजार करोड़ रुपये घट गई है। रेलवे की चालू वित्त वर्ष में अप्रैल और अगस्त के महीने के दौरान टिकट बुकिंग, ढुलाई और अन्य विविध मदों से आमदनी पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 12 हजार करोड़ रुपये कम रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष के पहले 5 महीने में रेलवे वृद्धि के अपने किसी भी टारगेट को हासिल करने में नाकाम रही है। आमदनी में 11,852.91 करोड़ रुपये की गिरावट में कर्मचारियों के वेतन और पेंशन खर्च को नहीं जोड़ा गया है। अगर इन्हें जोड़ दिया जाए तो रेलवे की आमदनी में कमी का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे ने अगस्त तक यात्री सेवाओं से आमदनी में 9.65 फीसदी की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा था, लेकिन असल में वह सिर्फ 4.56 फीसदी वृद्धि दर्ज कर पाई है। वहीं ढुलाई से वृद्धि के 12.22 फीसदी के लक्ष्य की तुलना में असल में सिर्फ 2.80 फीसदी रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल के आखिर तक रेलवे की आमदनी 30 हजार करोड़ रुपये तक कम रह सकती है। वहीं रेलवे अधिकारियों ने आमदनी में कमी के कोई पूरा आंकड़ा देने से इनकार कर दिया है।


रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह की बात सामने आई है कि हामरी आमदनी कम रही है। प्रवक्ता ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा, “हम दक्षता बढ़ाएंगे, किफायत बरतेंगे। इस दिशा में काम किया जा रहा है।”

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