योगी सरकार की गले की फांस बना झांसी एनकाउंटर, पुष्पेंद्र यादव की मौत पर परिजनों ने उठाए कई सवाल

पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर से उत्तर प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है। परिजनों ने योगी की पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कई गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुष्पेंद्र के ट्रक को मोंठ थाना प्रभारी धर्मेद्र चौहान ने रिश्वत लेकर छोड़ा था, जिसे लेकर पुष्पेंद्र की थाना प्रभारी से कहासुनी हुई थी।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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आस मोहम्मद कैफ

पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर से उत्तर प्रदेश की सियासत में उबाल जारी है। झांसी के मोंठ इलाके में हुए एनकाउंटर पर कई सवाल उठने लगे हैं। हालांकि योगी सरकार में यह पहली मुठभेड़ भी नहीं है। इससे पहले यूपी में कई मुठभेड़ हो चुकी है, जिनमें सौ से ज्यादा बदमाश मारे जा चुके हैं। इनमें कई पर मजिस्ट्रेट जांच के आदेश हुए हैं। लेकिन जैसा विरोध झांसी की इस मुठभेड़ का हो रहा है वैसा पहले नही हुआ है।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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झांसी के मोंठ में शनिवार की रात मुठभेड़ हुई थी। बताया जाता है कि मोंठ प्रभारी धर्मेंद्र चौहान के साथ मुठभेड़ करगुवा खुर्द निवासी पुष्पेंद्र यादव की मौत हो गई थी। परिजनों ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए फर्जी बताया है। गोली लगने के बाद पुष्पेंद्र यादव को महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम कराया गया था। इसके बाद नाराज लोगों और परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के बाहर शव रखकर प्रदर्शन भी किया था। पीड़ित परिजनों की मांग है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उन्हें जेल भेजा है।


इस एनकाउंटर को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहां झांसी पहुंचकर योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं कई बड़े तमाम नेता झांसी में मौजूद है। अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में यह ठोकने की नीति का परिणाम है कि अब हर एक व्यक्ति भयभीत है कि जरा सी नाराजगी पर पुलिस कभी भी उसे ठोक सकती है। अखिलेश यादव ने आगे कहा, “बीजेपी के विरोध में उठने वाली हर आवाज़ को कुचला जा रहा है।”

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झांसी के समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष छत्रपाल यादव के मुताबिक, “मरने वाले पुष्पेंद्र के ट्रक को मोंठ थाना प्रभारी धर्मेद्र चौहान ने रिश्वत लेकर छोड़ा था जिसे लेकर पुष्पेंद्र की थाना प्रभारी से कहासुनी हुई थी। जिसकी खुन्नस में थाना प्रभारी ने पुष्पेंद्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी और बाद में इसे मुठभेड़ का नाम दे दिया गया।”

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वहीं बीजेपी प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह के मुताबिक, मृतक खनन माफिया था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा झांसी एनकाउंटर में मारे पुष्पेंद्र यादव के घर जाना खनन माफिया और जातिवाद के प्रति उनका लगाव है। पुष्पेंद्र यादव दोनों तरफ से गोली चलने के कारण मारा गया है।


कानपुर के एडीजीपी प्रेमप्रकाश ने हर तरह की जांच कराने का भरोसा दिया हैं लेकिन परिजन सुनने के लिए तैयार नहीं है। झांसी के एसएसपी ओपी सिंह का कहना है, “मुठभेड़ में उनके थाना प्रभारी के कान के पास से गोली छूकर निकल गई वो अभी घायल है और उनका इलाज जारी है। मोंठ थाने पर नए प्रभारी की नियुक्ति कर दी गई है। परिजनों का आरोप है कि पुष्पेंद्र यादव के शव को घटनास्थल से 40 किमी दूर ले जाकर फर्जी मुठभेड़ दिखा दी गई है। हालांकि सूबे के तमाम बड़े पुलिस अफसर लगातार इस मामले पर सफाई दे रहे हैं।

मरने वाले ने पुष्पेंद्र यादव का भाई सीआरपीएफ में जवान है और उसने दोषी पुलिसकर्मियों की विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। परिजनों ने थाना प्रभारी पर हत्या करने और एसएसपी पर उसे संरक्षण देने का आरोप लगाया है। मृतक के परिजन हत्या का मुकदमा दर्ज कर इंस्पेक्टर धर्मेद्र सिंह चौहान की गिरफ्तारी पर अड़े हुए हैं। बता दें कि ने पुष्पेंद्र यादव की तीन महीने पहले ही शादी हुई थी।


स्थानीय लोगों के मुताबिक, मृतक के ट्रक छोड़ने के एवज में रिश्वत मांगे जाने को लेकर पुष्पेंद्र यादव की थाना प्रभारी से कहासुनी हुई थी जिससे नाराज होकर थाना प्रभारी ने पुष्पेंद्र की हत्या कर दी और बाद में इसे मुठभेड़ का रूप दे दिया गया।

बता दें कि सोमवार को पुलिस ने पुष्पेंद्र यादव का शव को अपने कब्जे में लेकर अंतिम संस्कार कर दिया था और विरोध करने वाले झांसी से समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद सीपी यादव को 39 अन्यों के साथ जेल भेज दिया गया था। झांसी पुलिस के अलावा मरने वाले पुष्पेंद्र यादव के गांव के आसपास ललितपुर और जालौन से भी फोर्स बुलाई गई है।

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Published: 10 Oct 2019, 5:00 PM