नौकरी पर संकट: इस साल हजारों लोगों की चली गईं जॉब, 2008-09 के मंदी को भी दे दिया मात, 2023 और दे सकता है दर्द!

इस साल 1 हजार से अधिक तकनीकी कंपनियों ने इस साल वैश्विक स्तर पर 1 लाख 52 हजार से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की, जो 2008-2009 के महान मंदी के स्तर को पार कर गया।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

इस साल हजारों लोगों की नौकरियां चली गईं। अकेले टेक कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर की गई छंटनी ने 2008-2009 के मंदी को भी मात दे दिया। ग्लोबल आउटप्लेसमेंट और करियर ट्रांजिशनिंग फर्म चैलेंजर ग्रे एंड क्रिसमस के आंकड़ों के अनुसार 2008 में टेक कंपनियों ने लगभग 65 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था और 2009 में इतनी ही संख्या में श्रमिकों ने अपनी आजीविका खो दी थी। उनकी तुलना में इस साल 1 हजार से अधिक तकनीकी कंपनियों ने इस साल वैश्विक स्तर पर 1 लाख 52 हजार से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की, जो 2008-2009 के महान मंदी के स्तर को पार कर गया।

क्रंचबेस टैली के अनुसार यूएस टेक सेक्टर में इस साल 91 हजार से अधिक कर्मचारियों की कटौती की गई। भारत में बायजू, अनएकेडमी व वेदांता जैसी एडटेक कंपनियों के नेतृत्व में 17 हजार से अधिक तकनीकी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया।

फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने चेतावनी दी है कि यह सिलसिला अगले 12 से 18 महीनों तक चल सकता है और उद्योग को बहुत उथल-पुथल और अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-सितंबर की अवधि में भारत में केवल दो स्टार्टअप शिपरॉकेट और वनकार्ड ने यूनिकॉर्न का दर्जा (1 बिलियन डॉलर और उससे अधिक का मूल्य) प्राप्त किया।

देवएक्स वेंचर फंड के को-फाउंडर रुषित शाह ने कहा, इस साल की दूसरी तिमाही में गिरावट आई थी और गुणवत्ता सौदे का प्रवाह काफी हद तक सूख गया था। शाह ने बताया, दर्द को कम करना नया मंत्र बन गया है, इसके कारण विशेष रूप से एडटेक क्षेत्र में एक उदास माहौल में छंटनी हुई है।

लीगलविज.इन के संस्थापक श्रीजय शेठ के अनुसार 2023 अधिकांश लोगों के लिए निरंतरता का वर्ष बना रहेगा और फंड देने वाले अधिक सतर्क बने रहेंगे। शेठ ने कहा, वैल्यूएशन मल्टीप्लायर और फंडिंग के अवसर दोनों अधिक रूढ़िवादी हो जाएंगे। महंगे अधिग्रहण से चलने वाले विकास चैनलों के विपरीत स्टार्टअप को बेहतर यूनिट इकोनॉमिक्स का निर्माण करना चाहिए। भू-राजनीतिक मुद्दे, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला संकट और अन्य मैक्रो मुद्दों के प्रबल होने की उम्मीद है।


शेठ ने जोड़ा, ज्यादातर गंभीर फंडिंग हाउस प्रबल होंगे, जबकि हम वीसी की दुनिया में दर्शकों को विराम लेते हुए देखेंगे।

भारत ने इस वर्ष वित्त पोषण में 35 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी, जो 2021 में 37.2 बिलियन डॉलर से 24.7 बिलियन डॉलर हो गया। ट्रैक्सन के अनुसार पिछले साल की समान अवधि की तुलना में एडटेक स्टार्टअप्स में 39 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

जनवरी-नवंबर 2021 में 29.3 अरब डॉलर से इस साल इसी अवधि के लिए 16.1 अरब डॉलर का अंतिम चरण का निवेश 45 प्रतिशत गिर गया।

यश शाह, सह-संस्थापक और सीईओ, क्लाइंटजॉय के अनुसार, 'हर कीमत पर विकास' अब निवेशकों का दर्शन नहीं है।

उन्होंने कहा, इस समय के दौरान संस्थापकों को अपने रूपांतरण फनल की पहचान करने और अनुकूलन करने के लिए खुद को धक्का देना चाहिए ,जो सीधे उनकी अधिग्रहण लागत में कमी दिखाते हैं और कंपनी को पूर्ण लाभप्रदता नहीं तो कम से कम इकाई स्तर की लाभप्रदता की ओर धकेलते हैं।

महत्वाकांक्षी परियोजनाओं और सफलता की कम संभावना वाली लंबी अवधि की पहलों ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत प्रतिभाओं को ताक पर रख दिया है और जीवित रहना प्राथमिकता बन गया है।

शाह ने कहा, आखिरकार बाजार बदल जाएगा और अनुशासित संस्थापक और शीर्ष प्रतिभाएं इस मंदी के बाद खूब लाभ प्राप्त करेंगी। यह संकटकाल है, विस्तार का समय नहीं है।

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