केरल: ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों के बीच उत्साह के साथ किया लोगों ने मतदान, वायनाड में बंपर वोटिंग

लोकसभा चुनाव के तीसरे दौर में केरल की सभी 20 सीटों पर मतदान हो गया। तमाम जगहों से ईवीएम में खराबी की शिकायतों के बावजूद भारी तादाद में लोगों ने मतदान किया। कई इलाकों में 60 फीसदी से ज्यादा मतदान की खबरें हैं, जिसे मोदी सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है।

फोटो : सोशल मीडिया
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ऐशलिन मैथ्यू

आम तौर पर केरल में भी साधारण ही मतदान होता रहा है, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग नजर आए। इस बार केरल की वायनाड सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उम्मीदवारी ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया। इससे कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ में जबरदस्त उत्साह दिखा और माना जा रहा है कि यूडीएफ इस बार 20 में से करीब 13 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। वहीं बाकी सीटों पर केरल में सत्तासीन एलडीएफ भी उम्मीदें जमाए बैठा है।

इस सबके बीच केरल में खाता खोलने की बीजेपी की उम्मीदें एक बार फिर धराशाई होने के आसार हैं। खासतौर से सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर हुई हिंसा के बाद लोगों में बीजेपी को लेकर काफी नाराजगी है। केरल में तेज़ी से मतदान संकेत देता है कि लोगों में लोकतंत्र के प्रति विश्वास और उम्मीद कायम है।

केरल की कुल 20 सीटों में कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) में से 17 पर कांग्रेस, 2 पर मुस्लिम लीग और एक पर आरएसपी के उम्मीदवार हैं। वहीं सीपीएम की अगुवाई वाले एलडीएफ में 16 सीटों पर सीपीएम के, दो पर सीपीआई के और दो पर फ्रंट के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार हैं। इसके अलावा एनडीए में बीजेपी ने 15, भारत धर्म जन सेना ने 4 और केरल कांग्रेस (थॉमस) ने एक उम्मीदवार उतारा है।

केरल में करीब 2.61 करोड़ वोटर हैं जिन्होंने कुल 227 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर दिया। दोपहर एक बजे तक इनमें से आधे से ज्यादा लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

लेकिन वायनाड सीट पर मतदान के लिए लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। इस सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं। प्रचार के दौरान इस इलाके के ज्यादातर मतदाताओं का कहना था कि वे राहुल गांधी को अपने यहां से ज्यादा से ज्यादा अंतर से जिताकर लोकसभा भेजना चाहते हैं।

वायनाड में एनडीए ने भारत धर्म जन सेना के तुषार वेलापल्ली को उतारा, लेकिन इस सीट की एक वोटर सुकुमारी के बयान से साफ हो जाता है कि एनडीए उम्मीदवार को लेकर मतदाताओं का रुक क्या था। सुकुमारी ने कहा कि, “अगर वह अपनी जमानत बचा ले तो बहुत बड़ी बात होगी।”

इसके अलावा केरल की एक और सीट है जहां काफी रोचक मुकाबला है। यह सीट है पथनमिट्ठा। यहां से कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ के एंटो एंटनी, सीपीएम की अगुवाई वाले एलडीएफ से वीना जॉर्ज और बीजेपी के के सुरेंद्रन मैदान में हैं। इस सीट पर दोपहर 3 बजे तक करीब 52 फीसदी वोट डाले जाने की खबरें हैं।

केरल के चुनावों पर गहरी नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषक ने थिरुवला में कहा कि, “ज्यादा तादाद में लोगों का वोट डालने के लिए आना यूडीएफ के लिए अच्छा है। लेफ्ट के तो अपने वोटर हैं ही, जिनमें से कुछ इस बार शायद बीजेपी को वोट देंगे। आम तौर पर यूडीएफ समर्थक वोट डालने नहीं निकलते हैं। लेकिन इस बार ज्यादा तादाद में लोगों के बाहर आने से संकेत हैं कि यूडीएफ की स्थिति बेहतर है और लोग केंद्र की मोदी सरकार की फासीवादी नीतियों के खिलाफ वोट दे रहे हैं।”

थिरुवला पथनमिट्ठा लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां करीब 13.5 लाख वोटर हैं। यहां आम तौर पर 70 फीसदी वोटिंग होती रही है। इस सीट पर 56 फीसदी हिंदू वोटर हैं जबकि ईसाई 38 फीसदी और मुस्लिम मात्र 4.6 फीसदी हैं। चुनाव विश्लेषक का कहना है कि बीजेपी के केरल अध्यक्ष पी श्रीधरन द्वारा मुस्लिमों के बारे में बयान के बाद न तो ईसाई और न ही मुस्लिम बीजेपी को वोट देने वाले।


केरल की राजधानी थिरुवनंतपुरम में भी वीआईपी मुकाबला रहा। यहां से कांग्रेस के शशि थरूर चुनाव मैदान में हैं और उनहोंने चुनौती दे रहे हैं सीपीआई के सी दिवाकर। बीजेपी ने यहां से के राजशेखरन को उतारा है। इस सीट पर दोपहर 3 बजे तक करीब 56 फीसदी मतदान हो चुका था।

हालांकि इस सीट पर बीजेपी ने पिछले दो चुनाव के दौरान अपना वोट प्रतिशत काफी सुधारा है। वैसे यहां कांग्रेस और सीपीआई का ही वर्चस्व रहा है। थिरुवनंतपुरम में 67 फीसदी हिंदू हैं तो 19 फीसदी ईसाई और 14 फीसदी मुसलमान हैं। हिंदुओं में से 37 फीसदी नायर हैं।

इसके अलावा बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री के जे अल्फोंस को एर्नाकुलम से मैदान में उतारा। लेकिन इस सीट पर उनका होने या न होने से कोई फर्क नहीं दिखाई दिया क्योंकि मुख्य मुकाबला यहां कांग्रेस के हिबी एडन और सीपीएम के पी राजीव के बीच ही दिखा।

मतदान के दौरान पूरे केरल से ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी और खराब होने की शिकायतें आती रहैं। कई जगह यूडीएफ और एलडीएफ कार्यकर्ताओं की शिकायत थी कि वे वोट किसी को दे रहे हैं लेकिन वोट जा बीजेपी को रहा है। इसके अलावा यह खबर भी आई कि एक जगह वोट देने के लिए लाइन में लगे 3 लोगों की अलग-अलग जगह मृत्यु हो गई।

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