ब्याज दर पर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा, राहुल गांधी ने बताया लूट, प्रियंका बोलीं- चूक या चुनाव प्रेरित कदम?

प्रियंका गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा कि सच में सीतरामण, यह भारत सरकार की योजनाओं पर ब्याज दरों को कम करने का आदेश जारी करने के पीछे चूक थी या इसे चुनाव के मद्देनजर वापस लिया गया?

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

केंद्र सरकार ने छोटी बचत पर ब्याज दर कम करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। सीतारण ने कहा कि ये फैसला गलती से लिया गया था। इसके बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सीतारमण को आड़े हाथों लिया है।

राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि पेट्रोल-डीज़ल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव ख़त्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी। जुमलों की झूठ की ये सरकार जनता से लूट की!

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर 24 घंटे के भीतर सरकार द्वारा घोषित छोटी बचत पर नई ब्याज दरों को वापस लेने के लिए कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या यह वास्तव में 'चूक' थी या चुनाव के मद्देनजर ऐसा किया गया?

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, "सच में सीतरामण, यह भारत सरकार की योजनाओं पर ब्याज दरों को कम करने का आदेश जारी करने के पीछे चूक थी या इसे चुनाव के मद्देनजर वापस लिया गया?"

प्रियंका की यह टिप्पणी गुरुवार को सीतारमण के यह कहने के बाद आई, "भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें वही रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थीं, यानी जो मार्च 2021 की दरें थीं। गलती से जारी आदेश वापस ले लिया जाएगा।"

बुधवार को वित्त मंत्रालय ने छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में 50-110 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की थी।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर कहा ‘‘वित्त मंत्री को इस बारे में देश को स्पष्टीकरण देना होगा कि पीपीएफ और एनएससी सहित लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती का जनविरोधी फैसला पहले क्यों किया गया और फिर इसे वापस क्यों लिया गया?’’


कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी एक ट्वीट में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मैडम वित्त मंत्री, आप 'सर्कस' चला रही हैं या 'सरकार'? ऐसे में कोई भी अर्थव्यवस्था के कामकाज की कल्पना कर सकता है जब करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाला ऐसा विधिवत आदेश 'चूक' से जारी कर दिया जाता है। आदेश में जिस अधिकृत अधिकारी का जिक्र किया गया है वह कौन है? आपको वित्त मंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।"

सरकार ने अपनी घोषणा के 24 घंटे के भीतर 2021-22 की पहली तिमाही के लिए राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) सहित छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कमी का आदेश वापस ले लिया।

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