'दमनकारी... इस विधेयक में सरकार का छुपा हुआ मकसद है', 130वें संशोधन बिल पर विपक्षी संसदों ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं इसे पूरी तरह से दमनकारी चीज मानती हूं, क्योंकि यह हर चीज के खिलाफ जाता है। इसे भ्रष्टाचार विरोधी उपाय कहना केवल लोगों की आंखों पर पर्दा डालना है।

संसद का मॉनसून सत्र जारी है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह 130वां संविधान संशोधन बिल, 2025 संसद में आज पेश करने वाले हैं। यह बिल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को 30 दिनों तक हिरासत में रहने की स्थिति में उनके पद से हटाए जाने की कानूनी व्यवस्था लाता है।
यह बिल अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन लाने का प्रस्ताव रखता है, जिसमें केंद्र, राज्य और दिल्ली के लिए लागू नियम शामिल हैं। विपक्ष इस बिल के विरोध में है। इस बिल के विरोध के पीछे विपक्षी सांसदों ने अपनी-अपनी दलीलें दी हैं। किसने क्या कहा, आइए आपको बताते हैं।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी: "मैं इसे पूरी तरह से दमनकारी चीज मानती हूं, क्योंकि यह हर चीज के खिलाफ जाता है। इसे भ्रष्टाचार विरोधी उपाय कहना केवल लोगों की आंखों पर पर्दा डालना है। कल आप किसी भी मुख्यमंत्री पर किसी भी तरह का केस डाल सकते हैं, उसे बिना दोषसिद्धि के 30 दिनों तक गिरफ्तार कर सकते हैं, और वह मुख्यमंत्री नहीं रहेगा। यह बिल पूरी तरह असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।"
आरएसपी सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन: "यह बिल्कुल भी प्रधानमंत्री पर लागू नहीं है बल्कि मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर लागू है। यह सरकार की ओर से एक छुपे हुए मकसद के साथ है, ताकि गैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारों और मुख्यमंत्रियों को अस्थिर किया जा सके। हम जानते हैं कि ईडी, आईटी और कई केंद्रीय जांच एजेंसियां गैर-बीजेपी राज्य सरकारों के पीछे लगी हुई हैं। ईडी का उपयोग करके विपक्ष-शासित राज्य सरकारों को अस्थिर करना बहुत आसान है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता, इसका विरोध किया जाएगा।"
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी: "कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ है, लेकिन जब से बीजेपी सत्ता में आई है, भ्रष्टाचार की परिभाषा बदल गई है। चाहे चुनाव आयोग हो, ईडी हो या सीबीआई, इनका बहुत दुरुपयोग हो रहा है, और इसलिए इनकी दोषसिद्धि दर 90 फीसदी से अधिक है। बिल आने दीजिए; हम इसे समझेंगे, और केवल समझने के बाद ही कार्रवाई करेंगे और इस पर प्रतिक्रिया देंगे।"
सीपीआई सांसद पी.संदोष कुमार: "यह संविधान के कुछ हिस्सों का विनाश है। आरएसएस ने कभी इस देश की संघीय संरचना पर विश्वास नहीं किया। यह आरोप कौन बना रहा है? सारी एजेंसियां बीजेपी के हाथों में हैं। तो, वे किसी भी मंत्री पर आरोप लगा सकते हैं और उसे 30 दिनों की अवधि के लिए जेल में डाल सकते हैं और उसका अंत कर सकते हैं। तो, क्या हम इसे अनुमति दे सकते हैं? एनडीए अब नेशनल डिस्ट्रक्शन अलायंस बन गया है। उन्हें इससे बाहर आना चाहिए और हम इसका मुकाबला करेंगे।"
एसपी सांसद राम गोपाल यादव: "भले ही किसी पर कोई आरोप न हो, इस सरकार के तहत आरोप लगाए जा सकते हैं और लगाए जा रहे हैं। लोगों को झूठे, गंभीर आरोपों में जेल में डाला जा रहा है। जिन राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्री या मंत्री नहीं हैं, वहां से उन्हें सत्ता से हटाने का एक और तरीका यह सरकार ला रही है। लोकतांत्रिक मानदंड अब बचे नहीं हैं। जो लोग यह बिल ला रहे हैं, उन्हें एक बात समझ नहीं आ रही- एक बार वे सत्ता से बाहर हो गए, तो वापस नहीं आएंगे। उनके अपने ही लोग उनका विरोध करना शुरू कर चुके हैं।"
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