‘संचार साथी एक जासूसी ऐप, देश में तानाशाही लागू करने का प्रयास', कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि “संचार साथी’’ ऐप लोगों की आवाज का गला घोंटने की बीजेपी की एक और कोशिश है।

फोटो: Getty Images
i
user

नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने नये मोबाइल हैंडसेट में ‘संचार साथी’ ऐप पहले से मौजूद होने संबंधी दूरसंचार विभाग के निर्देश को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि यह एक ‘जासूसी ऐप’ है और सरकार देश में तानाशाही लागू करने का प्रयास कर रही है।

दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट विनिर्माताओं और आयातकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी नये मोबाइल उपकरणों में धोखाधड़ी की सूचना देने वाला ऐप ‘संचार साथी’ पहले से मौजूद होना चाहिए। वहीं संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उपभोक्ता चाहें तो इस ऐप को मोबाइल से हटा सकते हैं और पंजीकरण न किए जाने तक यह सक्रिय नहीं होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि “संचार साथी’’ ऐप लोगों की आवाज का गला घोंटने की बीजेपी की एक और कोशिश है।

उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न हितधारकों और नागरिकों को विश्वास में लिए बिना इस ऐप को प्रीलोड करने का मोदी सरकार का एकतरफा निर्देश तानाशाही के समान है। सरकार यह क्यों जानना चाहती है कि नागरिक अपने परिवार और दोस्तों के साथ क्या बात करते हैं?’’


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संचार साथी एक जासूसी ऐप है और स्पष्ट रूप से यह हास्यास्पद है। नागरिकों को निजता का अधिकार है। हर किसी को निजता का यह अधिकार होना चाहिए कि वह सरकार की नजर के बिना परिवार और दोस्तों को संदेश भेज सके।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘यह सिर्फ टेलीफोन में ताक-झांक करना नहीं है। वे (सरकार) इस देश को हर रूप में तानाशाही में बदल रहे हैं। संसद नहीं चल रही है, क्योंकि सरकार किसी भी विषय पर चर्चा करने से इनकार कर रही है। विपक्ष पर आरोप लगाना बहुत आसान है, लेकिन वे किसी भी चीज़ पर चर्चा नहीं होने दे रहे हैं और यह लोकतंत्र नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में चर्चा जरूरी होती है और हर किसी के अलग-अलग विचार होते हैं, जिन्हें सरकारें सुनती हैं।

लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने और यह देखने के बीच की भारत का प्रत्येक नागरिक अपने फ़ोन पर क्या कर रहा है, एक बहुत बारीक रेखा होती है...धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए एक प्रभावी प्रणाली होनी चाहिए। हमने साइबर सुरक्षा के संदर्भ में इस पर काफी विस्तार से चर्चा की है। साइबर सुरक्षा की आवश्यकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह आपको प्रत्येक नागरिक के फोन में झांकने का बहाना देता है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई भी नागरिक खुश होगा।’’


कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि निजता का अधिकार जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का अभिन्न हिस्सा है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ ‘बिग ब्रदर’ हम पर नजर नहीं रख सकता। दूरसंचार विभाग का यह निर्देश असंवैधानिक है। निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का अभिन्न अंग है।’’

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी चीज को अनिवार्य बनाना उचित नहीं है। उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने इस मुद्दे का पूरी तरह से अध्ययन नहीं किया है, लेकिन सामान्य ज्ञान मुझे बताता है कि ये ऐप उपयोगी हो सकते हैं, बशर्ते वे स्वैच्छिक हों। जिस किसी को भी इनकी आवश्यकता है, उन्हें इन्हें डाउनलोड करने की अनुमति होनी चाहिए। लोकतंत्र में किसी भी चीज़ को अनिवार्य बनाना परेशान करने वाली बात है।’’

कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने ‘संचार साथी’ ऐप के मामले पर चर्चा कराने के लिए राज्यसभा में कार्य स्थगन का नोटिस दिया है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia