ग्वालियर में गोरखपुर जैसा ‘ऑक्सीजन कांड’, शिवराज सरकार के अस्पताल में ऑक्सीजन बाधित, 3 मरीजों की मौत

मध्य प्रदेश में ग्वालियर के सरकारी अस्पताल में लापरवाही के चलते तीन मरीज की मौत हो गई।परिजनों ने मौत के पीछे ऑक्सीजन की कमी को बताया है। वहीं अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि मरीज पहले से ही गंभीर हालत में थे।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

शिवराज सरकार में गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज जैसा आक्सीजन कांड हुआ है। मध्य प्रदेश में ग्वालियर के सरकारी जयारोग्य अस्पताल में बड़ी लापरवाही के चलते तीन मरीजों की मौत हो गई है। मरीजों के परिवार का आरोप है कि बिजली गुल होने के दौरान ऑक्सीजन की सप्लाई रुक गई, जिससे मरीजों की मौत हुई। जबकि अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को खारीज करते हुए कहा कि पहले से ही मरीज की हालत नाजुक थी।

परीजनों को कहना है कि बिजली गुल होने से मरीजों की सांसे उखड़ने लगी। उन्होंने आगे कहा कि डॉक्टर और नर्सों के सामने उन्होंने गिड़गिड़ा भी लेकिन हमारी आवाज को कोई भी सुनने वाला नहीं था। 20 मिनट बाद वेंटिलेटर चालू किए गए, लेकिन तब तक आईसीयू में भर्ती महेंद्र जाटव, राजेश बघेल और ओम प्रकाश धाकड़ की एक के बाद एक मौत हो गई थी।

सूचना मिलने के पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर, रमेश अग्रवाल ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। उन्होंने पूछताछ की तो ड्यूटी डॉ. जीएस वर्मा ने बताया कि बिजली की वजह से मरीजों की मौत नहीं हुई है। जीएस वर्मा ने कहा कि अस्पताल में चल रहे एसी लगाने के काम की वजह से कुछ देर के लिए दो मॉनीटर बंद हो गए थे, उसका वेंटीलेटर से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, पूर्व विधायक ट्रॉमा सेंटर के बाहर ही धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार रुपए दिए जाएं।

ट्रामा सेंटर में भर्ती राजेश के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में एसी लगाने का काम चल रहा है, जिससे लाइट जाने के कारण ऑक्सीजन बंद हो गई। डॉक्टरों ने वेंटीलेटर हटा दिया था, लेकिन हंगामे को देखते हुए फिर से वेंटीलेटर लगा दिया।

इससे पहले अगस्त,2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी ऑक्सीजन की कमी की वजह से 46 बच्चों की मौत हुई थी।

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उत्तर प्रदेश के भी फर्रुखाबाद में 49 बच्चों की मौत ऑक्सजीन और दवाओं की कमी के चलते हो चुकी है।

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Published: 30 May 2018, 10:55 AM