जामिया-AMU में पुलिस की बर्बरता पर कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, धरने पर फिर बैठे छात्र, जानें अब तक का अपडेट

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया और अलीगढ़ हिंसा मामले पर वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। दूसरी ओर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक बार फिर छात्र धरने पर बैठ गए हैं।

फोटो: ऐश्लिन
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नवजीवन डेस्क

जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मामले में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। कल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने अपील की थी कि कोर्ट इस मामले में संज्ञान ले। इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

वहीं पुलिस द्वारा छात्रों पर बर्बरता के खिलाफ दायर याचिक पर दिल्ली हाई कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंसा बंद होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान किया जाना बंद होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी छात्रों को मेडिकल सुविधा मिले। दूसरी ओर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के कुछ इलाकों में आज भी तनाव जारी है। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाहर एक बार फिर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस की बर्बरता के खिलाफ छात्र शर्ट निकालकर कड़ाके के ठंड में विश्विद्यालय के गेट पर धरने पर बैठ गए। छात्रों की मांग है कि पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बता दें कि रविवार कोनागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस नेलाठीचार्ज किया था। पुलिस ने छात्र और छात्राओं को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। पुलिस यूनिवर्सिटी कैंपस में घुस गई थी। कैंपस में भी छात्रों को पुलिस ने नहीं बख्शा था।

पुलिस की बर्रबरता के खिलाफ मानवधिकार में शिकायत

पुलिस द्वारा जामिया के छात्रों पर की गई बर्बरता को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज हो गई है। यह शिकायत पुलिस के खिलाफ दर्ज कराई गई है। दूसरी ओर जामिया नगर में हिंसक प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से दो एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर संपत्ति के नुकसान पहुंचाने और हिंसा को लेकर दर्ज की गई है।


हालात तनावपूर्ण, आवाजाही पर रोक

नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद आज एहतियात के तौर पर ट्रैफिक पुलिस ने सरिता विहार से कालिंदी कुंज तक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। जबकि कल हिंसा के बाद तत्काल बंद किए गए 13 मेट्रो स्टोशनों को आज खोल दिया गया है।

जामिया के छात्रों के समर्थन में उतरे दूसरे राज्यों के छात्र

वहीं हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के छात्र ने परीक्षा को बायकॉट करने का ऐलान किया है। जामिया और एएमयू में छात्रों पर हुएलाठी चार्ज को लेकर देश भर में छात्रों से समर्थन मिल रहा है।


छात्रों पर हो रही हिंसा का विपक्ष ने किया विरोध

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि देश केयुवा के भविष्य को किस आग की भट्टी में झुलसा रहे हैं मोदी जी। उन्होंने लिखा,“सुनिए मोदी जी, कहां पहुंचा दिया है देश को? देश के युवा के भविष्य को किस आग की भट्टी में झुलसा रहे हैं आप? देश की इस बेटी की बात सुनिए और सोचिए,“मैं अनुज्ञा हूं, मैं तो मुस्लिम भी नही हूं रणदीप सुरजेवाला।”

बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ और फिर जामिया यूनिवर्सिटी में भी जो काफी बेकसूर छात्र और आम लोग शिकार हुए हैं यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है और पार्टी पीड़ितों के साथ है।

मायावती ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नसीहत देते हुए आगे कहा कि ऐसे में यूपी और केन्द्र सरकार को चाहिए कि वे इन वारदातों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराये और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिये औ रपुलिस-प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए।

रविवार को क्या हुआ था ?

जामिया नगर में इस कानून के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया था,  जब प्रदर्शनकारियों ने तीन बसों में आग लगा दी थी और एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की थी। इसके बाद पुलिस ने बेरहमी से जामिया यूनिवर्सिटी कैंपस पर एक तरहसे धावा बोल दिया। पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में घुसकर छात्रों और शिक्षकों के साथ मारपीट की थी। वहीं इस दौरान घटना को कवर कर रहे पत्रकारों को भी पुलिस ने नहीं बख्शा था।

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Published: 16 Dec 2019, 11:30 AM