SIR पर बार-बार ‘यूटर्न’ ले रहा है चुनाव आयोग, प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण दे: कांग्रेस
शशिकांत सेंथिल ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि आयोग ने बिहार में एसआईआर के दौरान ‘डी-डुप्लीकेशन सॉफ्टवेयर’ का उपयोग बंद किया, लेकिन 12 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में फिर से शुरू कर दिया है।

कांग्रेस ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग पर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बार-बार ‘यूटर्न लेने’ का आरोप लगाया और कहा कि उसे स्पष्ट करना चाहिए कि वह किस प्रक्रिया का पालन तथा किस ऐप का उपयोग कर रहा है।
पार्टी के लोकसभा सदस्य शशिकांत सेंथिल ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि आयोग ने बिहार में एसआईआर के दौरान ‘डी-डुप्लीकेशन सॉफ्टवेयर’ का उपयोग बंद किया, लेकिन 12 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में फिर से शुरू कर दिया है।
सेंथिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले डुप्लीकेट मतदाता प्रविष्टियों की पहचान करने और उन्हें चिह्नित करने के लिए एक ‘डी-डुप्लीकेशन सॉफ्टवेयर’ का उपयोग किया जाता था। यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक बूथ या जिले में पंजीकृत पाया जाता है, तो सॉफ्टवेयर इसे चिह्नित करता है, जिसके बाद बीएलओ निवास की जांच करने के लिए जमीनी सत्यापन करता है। यदि व्यक्ति सामान्य निवासी नहीं होता था, तो डुप्लीकेट प्रविष्टि हटा दी जाती थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सॉफ़्टवेयर हर वार्षिक संशोधन के दौरान बार-बार उपयोग में लाया जाता था। 2023 में भी यही व्यवस्था अपनाई गई थी। लेकिन निर्वाचन आयोग ने बिहार में एसआईआर के दौरान इस सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं करने का फैसला किया।’’
उनके मुताबिक, अब जानकारी सामने आई है कि बिहार मतदाता सूची में कथित तौर पर अभी भी लगभग 14.5 लाख डुप्लिकेट प्रविष्टियां हैं।
उन्होंने आयोग पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जिस प्रक्रिया की उसने 2023 तक प्रशंसा की थी, उस पर निर्वाचन आयोग का अचानक ‘यूटर्न’ लेना बेहद चिंताजनक है।’’
सेंथिल ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग बीते कई साल से कह रहा था कि हमारी मतदाता सूची एकदम पाक-साफ है, लेकिन जैसे हमने संवाददाता सम्मेलन करके 'वोट चोरी' के सबूत दिए, तो आयोग एसआईआर-एसआईआर खेलने लगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि निर्वाचन आयोग उस प्रक्रिया के बारे में पारदर्शी तरीके से बताए, जिसका अनुसरण वह कर रहा है। दूसरे चरण में डी-डुप्लीकेशन कब शुरू किया, कब बंद किया और कर रहे हैं या नहीं? वह कौन सा नया ऐप है, जिसमें आप ये तार्किक विसंगतियां कर रहे हैं? कृपया देश को उचित स्पष्टीकरण दें।’’
सेंथिल ने यह दावा भी किया कि एसआईआर के तहत तमिलनाडु की मतदाता सूची से करीब 97 लाख नाम काटे गए हैं तथा इनमें से छह लाख नाम अकेले उनके संसदीय क्षेत्र तिरुवल्लूर से काटे गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस आंकड़े से सब लोग चिंतित हैं, लेकिन भाजपा को कोई चिंता नहीं हो रही है।
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