ट्रंप के झटके का भारत में दिखने लगा असर, शुल्क के कारण तमिलनाडु में कई कपड़ा कंपनियों ने उत्पादन रोका
कपड़ा उद्योग के प्रतिनिधियों ने बताया कि अमेरिकी बाजार को तिरुप्पुर से होने वाला कपड़ा निर्यात सालाना लगभग 12,000 करोड़ रुपये का होता है, जो कि तिरुप्पुर और आसपास के क्षेत्रों से होने वाले कुल 45,000 करोड़ रुपये के वार्षिक निर्यात का करीब 30 प्रतिशत है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयात पर लगाए गए टैरिफ का असर भारत में दिखने लगा है। तमिलनाडु के तिरुप्पुर में कई कपड़ा निर्माताओं ने शुल्क के कारण उत्पादन रोक दिया है और कई अन्य कंपनियां अपने विकल्पों पर विचार कर रही हैं। ये सभी कंपनियां अमेरिका को निर्यात करती थीं। तिरुप्पुर को देश का 'निटवियर हब' भी कहा जाता है।
कपड़ा उद्योग प्रतिनिधियों ने कहा कि अमेरिकी खरीदारों के निर्णय के अनुसार ऑर्डरों के क्रियान्वयन पर भी रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत शु्ल्क लगाए जाने के बाद अमेरिका को कपड़ा और परिधान निर्यातक देखो और इंतजार करो की स्थिति में हैं- यानी तुरंत कोई बड़ा कदम नहीं उठा रहे, बल्कि पहले देखना चाहते हैं कि आगे हालात कैसे बदलते हैं, ताकि उसी के अनुसार फैसला लिया जा सके।
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भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद तिरुप्पुर की ये कपड़ा कंपनियां अब अपने कारोबार के लिए ब्रिटेन के बाजार से उम्मीदें लगा रही हैं। कपड़ा उद्योग के प्रतिनिधियों ने बताया कि अमेरिकी बाज़ार को होने वाला कपड़ा निर्यात सालाना लगभग 12,000 करोड़ रुपये का होता है, जो कि तिरुप्पुर और आसपास के क्षेत्रों से होने वाले कुल 45,000 करोड़ रुपये के वार्षिक निर्यात का करीब 30 प्रतिशत है।
तिरुप्पुर निर्यातक संघ (टीईए) के अध्यक्ष के.एम. सुब्रमण्यन ने 'पीटीआई' को बताया, "तिरुप्पुर क्षेत्र से कुल निर्यात लगभग 45,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 30 प्रतिशत लगभग 12,000 करोड़ रुपये का निर्यात अमेरिकी बाजार को होता है। हमें उम्मीद है कि 50 प्रतिशत कारोबार, यानी लगभग 6,000 करोड़ रुपये का निर्यात प्रभावित होगा।"
टीईए के सदस्यों ने कहा कि तत्काल उपाय के तौर पर, अमेरिकी बाजार को निर्यात करने वाले कुछ कपड़ा निर्माताओं ने अपने कारखानों में उत्पादन रोक दिया है। कुछ अभी भी स्थिति से निपटने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। सुब्रमण्यन ने कहा, "फिलहाल, अमेरिका को निर्यात करने वाले निर्माताओं ने उत्पादन रोक दिया है। इसका व्यापार पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। हम अगले दो हफ्तों तक प्रतीक्षा करेंगे और देखेंगे कि क्या रणनीति अपनाएं।"
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