छात्रसंघ चुनाव में बवाल पर कुशवाहा का नीतीश पर तंज, इतनी फजीहत के बाद जीत भी गए तो क्या पीएम बन जाएंगे?

आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला हैं। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर पुलिस, प्रशासन, विश्वविद्यालय सबको दंडवत करा दिया। इतनी फजीहत कराकर जीत भी गए तो क्या प्रधानमंत्री बन जाएंगे।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

एनडीए के घटक दलों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव को लेकर इशारों-इशारों में सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी छात्रसंघ चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच मचे घमासान के लिए आड़े हाथों लिया और कहा कि आने वाली पीढ़ी कैसे विश्वास करेगी कि आप भी उसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं।

उन्होंने आगे लिखा, “जनाब, छात्रसंघ चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर पुलिस, प्रशासन, विश्वविद्यालय सबको दंडवत करा दिया। इतनी फजीहत कराकर जीत भी गए तो क्या प्रधानमंत्री बन जाएंगे।”

एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, “छात्रसंघ का चुनाव छात्रों का है। पटना विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं मासूम और संवेदनशील हैं, उन्हें बख्श दें। छात्रों को राजनीतिक स्वार्थ में गुमराह कर उनके भविष्य से खिलवाड़ न करें। छात्रों के बीच वैचारिक द्वंद्व को आपराधिक रंग देना ठीक नहीं। लिंगदोह रिपोर्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।” उन्होंने आगे कहा, “छात्रसंघ चुनाव में सत्ता और सत्ताधारी दल की ताकत का महादुरुपयोग व्यक्ति के अहंकार की पराकाष्ठा है। ऐसा अहंकार तो इतिहास में हमेशा ही सर्वनाश का कारण साबित हुआ है।”

उन्होंने आगे कहा, “शर्मनाक है कि नीतीश कुमार जी जबरन पुलिस-प्रशासन पर दबाव डाल, विश्वविद्यालय प्रशासन को बंधक बनाकर पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव जीतना चाहते हैं। महामहिम राज्यपाल जी, हस्तक्षेप कर वीसी को बर्खास्त करें या चुनाव पर रोक लगायें अन्यथा निष्पक्ष चुनाव सम्भव नही है।”

बता दें कि दो दिन पूर्व विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के प्रचार के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और जेडीयू के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हुई थी। इसमें जेडीयू के एक छात्र नेता घायल हो गया था। आरोप है कि इस मामले में पटना पुलिस ने एबीवीपी के राज्य कार्यालय में कई बार छापेमारी की थी। इसके बाद बीजेपी और जेडीयू के नेता आमने-सामने आ गए। बीजेपी नेताओं ने प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन पर छात्रसंघ चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। विश्वविद्यालय के कुलपति से सोमवार को मिलने पहुंचे प्रशांत किशोर की कार पर एबीवीपी के छात्रों ने हमला बोल दिया था, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे।

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Published: 04 Dec 2018, 6:26 PM