मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, उपद्रवियों की भीड़ ने सुरक्षाकर्मी का घर फूंका, अब 10 जुलाई तक इंटरनेट पर रहेगा बैन
सरकार ने कहा कि उसने शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर रोक पांच दिन बढ़ा दी है। अब 10 जुलाई अपराह्न तीन बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक रहेगी।
मणिपुर में पिछले दो महीनों से हिंसा जारी है। आए दिन किसी ने किसी हिस्से से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। खबरों के मुताबिक, उपद्रवियों की भीड़ ने इस बार सुरक्षाकर्मी के घर को आग लगा दिया है। इसी बीच सरकार ने इंटरनेट बैन की अवधि को फिर बढ़ा दिया गया है। सरकार ने कहा कि उसने शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर रोक पांच दिन बढ़ा दी है। अब 10 जुलाई अपराह्न तीन बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक रहेगी।
इससे पहले बुधवार को मणिपुर सरकार के शिक्षा विभाग (स्कूल) के तहत स्कूल 3 मई को पहाड़ी राज्य में भड़की जातीय हिंसा के कारण दो महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद कक्षा 1-8 के लिए फिर से खुल गए और अपनी सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू कर दीं। हालांकि आज औसतन 20 फीसदी छात्र ही उपस्थित थे। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कम उपस्थिति दर के लिए हिंसा से संबंधित मुद्दों, परिवहन और माता-पिता तथा बच्चों के बीच डर को जिम्मेदार ठहराया।
बता दें कि मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर में हिंसा के कारण हजारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, जबकि अब तक 130 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
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