विष्णु नागर का व्यंग्य: भक्तों की कृपा से हो रहा हूं मालामाल!

अब एक माननीया कंगना रनौत जी हैं। उनके 'सुवचन' इधर बाबाओं के 'सुवचनों' से भी अधिक 'लोकप्रिय' हो रहे हैं। मोहतरमा ने इधर फ़रमाया है कि चांद पर भी एक दाग़ है मगर मोदी जी पर एक भी नहीं! कितना अनोखी खोज है, कितना काव्यात्मक विचार है!

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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विष्णु नागर

भक्तों की महती कृपा से एक सप्ताह में इतने सारे विषय लिखने के लिए मिल जाते हैं कि मालामाल हो जाता हूं। इतना मालामाल कि सारा माल बटोर नहीं पाता। एक विषय पर लिखने की सोचता हूं तो दूसरा प्रकट हो जाता है। दूसरे की ओर बढ़ता हूं तो तीसरा सामने आ जाता है। इसी तरह चौथा, पांचवां ही क्या, दसवां भी प्रकट हो जाता है। भये प्रकट कृपाला, दीन दयालावाली स्थिति हो जाती है।

अब एक माननीया कंगना रनौत जी हैं। उनके 'सुवचन' इधर बाबाओं के 'सुवचनों' से भी अधिक 'लोकप्रिय' हो रहे हैं। मोहतरमा ने इधर फ़रमाया है कि चांद पर भी एक दाग़ है मगर मोदी जी पर एक भी नहीं! कितना अनोखी खोज है, कितना काव्यात्मक विचार है! मोदी जी तो खुशी से उछल पड़े होंगे। उधर चांद बेचारे के मन में यह सुनने के बाद या तो आत्महत्या करने का विचार आया होगा या मोदी जी बनने की दिशा में वह आगे बढ़ने की सोचने लगा होगा!  हमारे सौरमंडल में चांद तो सैकड़ों हैं मगर पूरे ब्रह्मांड में मोदी जी केवल एक हैं! एकोहं द्वितीयो नास्ति और ऊपर से उन पर एक  दाग तक नहीं है! वह तो चांद के भी चांद हैं!

कंगना जी यह भी चाहती हैं कि उनके दागरहित भगवान के मंदिर पूरे देश में बनें, ताकि लोग उनकी पूजा कर सकें। वह बेचारी नहीं जानतीं कि उनके इन भगवान के दर्शन तो बिना मंदिर के भी रोज सुबह- दोपहर -शाम हर किसी को करने ही पड़ते हैं। सार्वजनिक शौचालय तक उनके दर्शनों से सुरक्षित नहीं हैं! और क्या चाहती हैं वे?कंगना जी मूर्खता के प्रति आपका यह संपूर्ण और बिना शर्त समर्पण वंदनीय है। पूरी दुनिया आपकी मूर्खता की ओर एकटक देख रही है और आपको भ्रम  है कि वह आपके सौंदर्य का रसपान कर रही है!

और एक  जिहादी रामदेव जी हैं। देश में बहुत कुछ करवा चुके हैं। यहां तक कि वह मोदी जी से पेट्रोल तीस रुपए लीटर करवा चुके हैं। अब अपना शरबत बेचने के लिए दशकों से बिक रहे रूहअफ़ज़ा के विरुद्ध जिहाद छेड़ दिया है। वह कह रहे हैं कि उनका शर्बत खरीदोगे तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे। उन्होंने यह नहीं कहा कि अगर मेरी कंपनी का शर्बत खरीदोगे तो मंदिर और गुरुकुल खुलेंगे। होशियार बनिये हैं। यह भी एक आकर्षक विषय है।


विषय तो और भी हैं पर अब हम आते हैं योगी जी पर, जिनके राज्य में सारे जिहाद होते रहते हैं और आगे भी होते रहेंगे। लेटेस्ट 'शरबत जिहाद ' भी उनके राज्य में पहुंच जाएगा मगर माननीय योगी जी आजकल गरीबी के खिलाफ जिहाद छेड़ने के मूड में हैं। उन्होंने अगले तीन साल में उत्तर प्रदेश से गरीबी पूरी तरह खत्म करने का कौल ले लिया है।

गरीबी - वरीबी योगियों- मोदियों जैसे 'अध्यात्मिक पुरुषों ' के विचार का विषय नहीं होना चाहिए। उन्हें इसमें उन्हें विषय- वासना जैसी गंध आनी चाहिए। वैसे भी मोदी जी, पूरे देश से गरीबी कभी की दूर कर चुके हैं और जो यत्र -तत्र चांद में दाग़ की भांति बची रह गई है,उसे भी वह 2047 तक दूर करने के लिए कृतसंकल्प हैं। वायदे के मुताबिक वह पिछले 11 साल में हर वर्ष दो करोड़ के हिसाब से 22 करोड़  रोजगार दे चुके हैं और 2029 तक आठ करोड़ रोजगार और दे देंगे। इसके अतिरिक्त हर आदमी के बैंक खाते में 15- 15 लाख रुपए डलवा चुके हैं। 'अच्छे दिन' तो वे ले ही आए थे, अमृतकाल भी ला चुके हैं। और क्या करें बेचारे देश से गरीबी हटाने के लिए?योगी जी को अपने नेता तक पर भी विश्वास नहीं है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के हर विज्ञापन में वह पहले मोदी जी की तस्वीर चिपकवाते हैं, फिर अपनी!

 सात साल राज करने के बाद अब उन्हें भी राहुल गांधी की तरह उत्तर प्रदेश में गरीबी क्यों नज़र आने लगी है और तो और वह इसे मिटाना भी चाहते हैं! घोर आश्चर्य ! अच्छा ओह,याद आया कि तीन साल बाद यूपी में चुनाव आ रहे हैं,तभी तो सोचूं कि इन्हें गरीबी जैसे गरीब और गैर-मुस्लिम विषय का खयाल कहां से आ गया!

वैसे योगी जी, आप खुद भी अपने 'सुकर्मों ' से 'गरीबी' काफी हद तक दूर कर चुके हो! आपने संविधान की शपथ जरूर ली है मगर आपने अपनी जिम्मेदारी हिंदू युवाओं तक सीमित रखी है, जो आप अच्छी से भी अच्छी तरह निभा रहे हो। आपके युवा रोज कहीं न कहीं डंडे, तलवार, फरसे लहराते हुए, डीजे बजाते हुए, जुलूस पर जुलूस निकाल रहे हैं ।मस्त हैं। कभी मस्जिद पर, कभी मजार पर भगवा फहरा रहे हैं, मस्त हैं। किसी को मार रहे हैं,किसी की इज्ज़त का कचरा कर रहे हैं, खुश हैं। उनकी ग़रीबी -बेरोजगारी आप लगभग दूर कर चुके हो। किसी को आपने गोरक्षा पर लगा रखा है। उस मोर्चे पर वह जो भी संभव और जो असंभव है, सब करने के लिए आपके संरक्षण में वे स्वाधीन हैं। उन्हें भरोसा है कि वे किसी का कत्ल भी कर देंगे तो उनका बाल तक बांका न होगा। किसी को आपने लव जिहाद के मोर्चे पर लगा रखा है। किसी को मस्जिद के आगे डीजे बजाने, मस्जिद और दरगाह में घुसने पर लगा रखा है। किसी को मस्जिद खोदकर मंदिर प्रकट करवाने पर लगा रखा है। किसी को मुस्लिम बस्तियों में बुलडोजर आमंत्रित करने का दायित्व दे रखा है। मतलब हर बेरोजगार हिंदू युवा को आपने 'आत्मसम्मान' और  'रोजगार' दोनों दे रखे हैं। सबसे कह रखा है कि वीर युवको, महाराणा प्रताप और शिवाजी की संतानो, कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो। फल देनेवाला मैं हूं न और साथ में मोदी जी- शाह जी भी हैं!

तो योगी जी आपके राज्य में गरीबी- बेरोजगारी की समस्या हल हो चुकी है ।आप फालतू में परेशान न हो हैं। उत्तर प्रदेश का तो नहीं, आपका भविष्य उज्जवल है। भक्त प्रजाति आपमें भावी प्रधानमंत्री देखने लगी है। ऐसा हुआ तो गरीबी की देशव्यापी समस्या भी पूर्णतया हल हो जाएगी। 2047 से बहुत पहले भारत 'विकसित' हो जाएगा और मोदी जी इतिहास के किसी गर्त में पड़े- पड़े आंसू बहा रहे होंगे।

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