
फिल्म निर्माता-निर्देशक राम गोपाल वर्मा अपनी बेबाकी के साथ सुर्खियों में बने रहते हैं। सोशल मीडिया पर वर्मा का लेटेस्ट पोस्ट भी कुछ ऐसा ही है, जिसमें वह फिल्म निर्माता-निर्देशक एसएस राजामौली का समर्थन करते और उन्हें ट्रोल करने वालों को लताड़ लगाते नजर आए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एसएस राजामौली को निशाना बना रहे यूजर्स को उन्होंने जमकर खरी खोटी सुनाई। राजामौली के नास्तिक होने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे विवाद पर उन्होंने लंबी पोस्ट लिखकर अपनी बात बेबाकी से रखी।
राम गोपाल ने 'एक्स' पर लिखा कि भारत के संविधान का अनुच्छेद-25 हर व्यक्ति को विश्वास करने या न करने की पूरी आजादी देता है। इसलिए राजामौली को यह कहने का उतना ही हक है कि वे भगवान में विश्वास नहीं करते, जितना हक दूसरों को विश्वास करने का है। उन्होंने हल्के लहजे में पूछा, “अगर कोई फिल्ममेकर भगवान को फिल्म में दिखाता है, तो क्या उसे भगवान बनना पड़ेगा? गैंगस्टर फिल्म बनाने के लिए गैंगस्टर बनना जरूरी है क्या?” राम गोपाल ने आगे लिखा कि सबसे मजेदार बात यह है कि भगवान में विश्वास न करने के बावजूद राजामौली को भगवान ने सौ गुना ज्यादा सफलता, पैसा और फैन फॉलोइंग दी है, जितनी ज्यादातर आस्तिक लोग सौ जन्मों में भी नहीं पा सकते। इससे तीन नतीजे निकलते हैं कि या तो भगवान नास्तिकों से ज्यादा प्यार करते हैं या उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ता या फिर भगवान नोटपैड लेकर यह हिसाब नहीं लगा रहे कि कौन विश्वास करता है और कौन नहीं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर भगवान को राजामौली से कोई दिक्कत नहीं है, तो खुद को भगवान का ठेकेदार समझने वालों को ब्लड प्रेशर और अल्सर क्यों हो रहा है? असली समस्या यह नहीं कि राजामौली नास्तिक हैं, असली समस्या यह है कि बिना भगवान पर विश्वास किए वह इतने सफल हो गए और यह उन लोगों को बर्दाश्त नहीं हो रहा जो घंटों पूजा करने के बाद भी असफल हैं। अंत में रामू ने लिखा, “राजामौली के नास्तिक होने से भगवान छोटे नहीं हो जाते। इससे सिर्फ कुछ लोगों की असुरक्षा बढ़ती है। इसलिए रिलैक्स करो।”
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मनोज बाजपेयी की थ्रिलर और एक्शन से भरी सीरीज 'फैमिली मैन सीजन 3' अमेजन प्राइम वीडियो पर शुक्रवार को रिलीज हो गई। इस बार सीरीज में जयदीप अहलावत और निमृत कौर भी अलग किरदार में दिखे हैं। अब जयदीप अहलावत और मनोज बाजपेयी ने आईएएनएस से खुलकर अपने किरदार और सेट के अनुभवों को शेयर किया है। उन्होंने ये भी बताया कि सीजन 3 बाकी दो सीजन से कैसे अलग है। फैमिली मैन सीजन 3 को लेकर एक्साइटमेंट पर पूछे सवाल पर मनोज बाजपेयी ने कहा कि सीजन 3 आने में काफी समय लगा और वापस सेट पर जाना, पुरानी टीम से मिलना बहुत अच्छा लगा। सीरीज में इस बार जयदीप अहलावत और निमृत कौर भी हैं, जिनके काम को मैं पहले से ही बहुत एडमायर करता हूं। इनके साथ काम करने का एक्सपीरिंयस भी शानदार था। लगा ही नहीं कि ये दोनों इस सीरीज के लिए नए हैं। फैमिली मैन सीजन 3 में जयदीप अहलावत भी स्ट्रॉन्ग किरदार में दिखे हैं।
अपने किरदार के बारे में बात करते हुए जयदीप ने कहा कि इस सीजन में उनका किरदार काफी अलग है। "सीजन में मेरा शानदार आइटम नंबर भी है, हालांकि मेरा किरदार ऐसे शख्स का है जो अपने ही आप से भाग रहा है। अमीर और पावरफुल बनना चाहता है और जो कुछ उसके पास है, उससे खुश नहीं है, लेकिन किरदार को इस तरीके से लिखा गया है कि हम कहेंगे कि इसके अंदर भी इमोशंस हैं और ये भी फैमिली मैन बन सकता है। फैमिली मैन सीजन 1 से लेकर 3 तक में अपने किरदार को एक जैसा बरकरार रखने के सवाल पर मनोज ने कहा कि आमतौर पर पहले के सीजन की क्लिप देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन मेरे लिए तीनों सीजन में मेरे किरदार में भावनात्मक रूप से बहुत बदलाव आए हैं। मेरे लिए किरदार को पहले के जैसे बनाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। फैमिली मैन सीजन 3 दर्शकों को क्यों देखनी चाहिए के सवाल पर जयदीप अहलावत और मनोज बाजपेयी ने कहा कि सीजन 3 पहले दो सीजन से बिल्कुल अलग है और दर्शकों ने पहले दो सीजन को भी भरपूर प्यार किया, लेकिन बिना सीजन 3 के कहानी पूरी नहीं है, क्योंकि इस बार फैमिली मैन का न्यू वर्जन देखने को मिलेगा।
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मिस यूनिवर्स का खिताब पाना हर किसी का सपना होता है और इस बार साल 2025 में 130 देशों की प्रतियोगिओं को पीछे छोड़कर मैक्सिको की फातिमा बॉश के सिर मिस यूनिवर्स का ताज सजा है। विवादों में रहने के बाद भी 25 साल की फातिमा बॉश को खिताब मिला। उन्हें मिस थाइलैंड के निदेशक नवात इत्साराग्रिसिल ने बीच शो में तीखी डांट लगाई थी और शो के बाकी कंटेस्टेंट ने भी विरोध किया था, लेकिन विरोध के बीच भी फातिमा बॉश ने इतिहास रच दिया। 74वीं मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के फाइनल में सभी देशों की अलग-अलग ब्यूटी क्वीन्स गाउन पहनकर स्टेज पर आई। प्रतियोगिता में फर्स्ट रनरअप थाईलैंड की प्रवीणर सिंह, सेकेंड रनरअप मिस वेनेजुएला और थर्ड रनरअप मिस फिलीपींस रहीं। भारत से राजस्थान की मनिका विश्वकर्मा भी प्रतियोगिता का हिस्सा रहीं लेकिन वे टॉप 12 तक भी अपनी जगह नहीं बना पाईं। वे प्रतियोगिता के 30वें राउंड तक ही पहुंच पाईं। टॉप 12 में ग्वाडेलोप, मेक्सिको, प्यूर्टो रिको, चिली, कोलंबिया, क्यूबा, कोट डी आइवर, वेनेजुएला, चीन, फिलीपींस, थाईलैंड और माल्टा की सुंदरियों ने अपना दबदबा बनाया।
मैक्सिको की फातिमा बॉश प्रतियोगिता की शुरुआत से ही विवादों में रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मिस थाइलैंड के निदेशक नवात इत्साराग्रिसिल ने उन्हें भरे मंच पर तीखे सवाल किए और उनकी बुद्धिमता पर भी सवाल उठाए थे। हालांकि, फातिमा बॉश ने इन बातों का विरोध करते हुए मंच से वॉकआउट किया था। मंच पर मौजूद बाकी प्रतिभागियों ने भी फातिमा बॉश का सपोर्ट करते हुए मंच छोड़ दिया था। हालांकि, शो के फाइनल में अपनी खूबसूरती और बुद्धिमत्ता से शो में जीत हासिल की। इस साल की प्रतियोगिता में अलग-अलग इंटरेस्टिंग राउंड रखे, जिसमें इंटरव्यू राउंड, स्विमसूट सेगमेंट राउंड, और इवनिंग गाउन राउंड शामिल थे। इन सभी प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद जूरी ने टॉप फाइव के लिए थाईलैंड, फिलीपींस वेनेज़ुएला, मेक्सिको और कोट द’ईवोआर की खूबसूरत प्रतिभागियों को चुना और आखिरी में अपनी ग्रेस और बुद्धिमता से फातिमा बॉश ने मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम किया। इससे पहले मिस यूनिवर्स 2024 का खिताब विक्टोरिया केजर थेलविग के सिर सजा था, जोकि डेनमार्क को री-प्रेजेंट कर रही थीं।
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मशहूर सेलिब्रिटी शेफ संजीव कपूर को कौन नहीं जानता है। टीवी के शो 'खाना खजाना' से शुरू की गई उनकी जर्नी ने आज उन्हें विदेशों तक लोकप्रिय कर दिया है। आज वे कई रियलिटी शो में जज की भूमिका निभा चुके हैं और नए खाने से जुड़ी खुद की सीरीज भी लाते रहते हैं। इतनी सफलता को पाने के बाद शेफ ने अपने पुराने टीवी के दिनों और पहले शो की यादें ताजा की हैं। संजीव कपूर ने सोशल मीडिया पर अपने पहले शो और उससे हासिल हुई सफलता के बारे में बात की है। उन्होंने अपने पहले शो खाना खजाना की पुरानी फोटो डाली है और लिखा है, "टीवी ने मुझे एक ऐसा ब्रेक दिया जो कभी सोचा नहीं था। खाना खज़ाना के होस्ट के तौर पर रिजेक्ट होने से लेकर सालों तक इसे होस्ट करने तक, टेलीविजन ने मुझे अपने जुनून को आगे बढ़ाने और खाने के प्रति अपने प्यार को लाखों लोगों के साथ साझा करने का एक मंच दिया।" उन्होंने आगे लिखा, "ये पुरानी तस्वीरें मुझे उस समय की याद दिलाती हैं, जब सब कुछ शुरू हुआ था।"
संजीव कपूर अपने शो का अनुभव भी शेयर कर चुके हैं। उन्होंने बताया था कि जब पहली बार शो करने वक्त उन्हें कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। पहले दिन उन्हें शूट के लिए लंबी सी स्क्रिप्ट पकड़ा दी गई थी और उन्हें याद करने में बहुत परेशानी हुई, लेकिन उन्होंने बिना स्क्रिप्ट याद किए शो को अपने तरीके से होस्ट किया। ये बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि संजीव कपूर सिर्फ खाना बनाने में नहीं, बल्कि पढ़ाई में भी अव्वल थे। जब वे कॉलेज में थे, तो हर साल बेस्ट स्पीकर की ट्रॉफी जीतते थे। इस तरह वे खाना बनाने के साथ-साथ बोलने में भी पहले से एक्सपर्ट थे।
'खाना खजाना' शो साल 1993 से शुरू हुआ था और शो के पहले एपिसोड को पंजाबी शेफ हरपाल सिंह सोखी ने होस्ट किया था, लेकिन बाकी के सारे एपिसोड संजीव कपूर ने होस्ट किए थे। शो 1993 से 2012 तक चला था, जिसमें खाने की नई-नई रेसिपी को शेफ संजीव कपूर नई कहानियों के साथ लेकर आते थे। 'खाना खजाना' को शूट करने से पहले शो का नाम 'श्रीमान बावर्ची' था। शो का नाम सुनते ही संजीव कपूर ने शो करने से मना कर दिया था। उनकी पहली लड़ाई यही थी कि बावर्ची क्या होता है, हम शेफ हैं। काफी लड़ने और कई नामों का चुनाव करने के बाद में फिल्ममेकर हंसल मेहता के साथ शो का नाम 'खाना खजाना' रखा गया। ये शो फिल्ममेकर हंसल मेहता के करियर का भी पहला शो था, जो सुपरहिट साबित हुआ।
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बॉलीवुड में कुछ ऐसे कलाकार होते हैं जो अपने चेहरे की मासूमियत, हंसी और स्क्रीन पर अपनी कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। कार्तिक आर्यन ऐसे ही एक कलाकार हैं, जिन्होंने रोमांस और कॉमेडी से बॉलीवुड में एक अलग मुकाम हासिल किया है। उनकी फिल्में दर्शकों का लंबे समय से मनोरंजन करती आई हैं। उनकी फिल्मों में अभिनय के साथ-साथ ह्यूमर का जबरदस्त मेल देखने को मिलता है, जिसके चलते उन्हें आज 'बॉलीवुड का रोम-कॉम किंग' कहा जाता है। कार्तिक आर्यन का जन्म 22 नवंबर 1990 को मध्य प्रदेश के शहर ग्वालियर में हुआ। उनका असली नाम कार्तिक तिवारी है, लेकिन उन्होंने बॉलीवुड में आने के लिए अपना सरनेम बदलकर आर्यन रख लिया। उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं, इसलिए उनके परिवार की पहली इच्छा थी कि कार्तिक भी डॉक्टर बने। लेकिन कार्तिक के दिल में फिल्मी दुनिया का सपना था। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे एक्टिंग की ओर भी आकर्षित होते गए।
2011 में कार्तिक आर्यन ने बॉलीवुड में कदम रखा और 'प्यार का पंचनामा' फिल्म से डेब्यू किया। इस फिल्म में उनका किरदार 'रजत' नाम के लड़के का और उन्होंने एक सीन में लगभग पांच मिनट का लंबा मोनोलॉग बिना रुके कहा। यह मोनोलॉग आज भी बॉलीवुड की यादगार पलों में गिना जाता है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और कार्तिक की प्रतिभा को खूब सराहा गया। इस मूवी ने उनके लिए फिल्म इंडस्ट्री में दरवाजे खोल दिए। इसके बाद उन्होंने कई रोमांटिक फिल्मों में काम किया, लेकिन उनकी असली पहचान तब बनी जब उन्होंने 'प्यार का पंचनामा 2', 'सोनू के टीटू की स्वीटी', और 'लुका छुपी' जैसी फिल्में की। इन फिल्मों में उन्होंने अपने कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया। 'सोनू के टीटू की स्वीटी' में उनका किरदार ऐसा था जो दर्शकों के दिलों में तुरंत उतर गया। 'लुका छुपी' में उनकी मासूमियत और मजेदार अंदाज ने फिल्म को और भी हिट बनाया।
इन फिल्मों के जरिये कार्तिक ने साबित किया कि वह सिर्फ रोमांटिक हीरो नहीं, बल्कि कॉमेडी में भी माहिर हैं। कार्तिक आर्यन ने इसके अलावा 'पती-पत्नी और वो' जैसी फिल्मों में भी शानदार प्रदर्शन किया। कॉमेडी के साथ-साथ कार्तिक ने 'भूल भुलैया 2' और 'भूल भुलैया 3' जैसी हॉरर-कॉमेडी फिल्में भी की, जो सुपरहिट रहीं। इसके अलावा, उन्होंने 'धमाका' और 'फ्रेडी' जैसी फिल्में कर करके अपने अभिनय की सीमा को और बढ़ाया। 'धमाका' में उन्होंने एक जर्नलिस्ट का किरदार निभाया, जबकि 'फ्रेडी' में वह एक शर्मीले और शांत डेंटिस्ट बने, जिसमें उनका डार्क और सस्पेंस से भरा अंदाज देखने को मिला। करियर में अपनी मेहनत और अभिनय से उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते। उन्हें स्टारडस्ट अवार्ड, जी सिने अवार्ड्स, आईफा, और फिल्मफेयर आदि में नामांकन और पुरस्कार मिल चुके हैं। हाल ही में उन्हें 'भूल भुलैया 3' और 'चंदू चैंपियन' के लिए भी कई पुरस्कार मिले।
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