सिनेमा

फिल्म निर्देंशक सुधीर मिश्रा ने कहा, स्वतंत्र फिल्में बनाना अकेलेपन का काम 

फिल्म निर्देंशक सुधीर मिश्रा ने कहा कि यदि आप मुंबई फिल्म उद्योग को देखते हैं तो स्वतंत्र फिल्म बनाना अकेलेपन वाला काम है। इसलिए मैं युवाओं को प्रेरणादायक मानता हूं। 

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया   मैं युवाओं को प्रेरणादायक मानता हूं: फिल्म निर्देंशक सुधीर मिश्रा

आगामी फिल्म पुरस्कारों के जूरी सदस्य फिल्मकार सुधीर मिश्रा ने कहा कि वह युवा प्रतिभा को प्रेरणादायक मानते हैं, क्योंकि मुंबई फिल्म उद्योग उस व्यक्ति को अकेला कर सकता है, जो स्वतंत्र फिल्में बनाता है। सुधीर मिश्रा, फराह खान, सुजॉय घोष और निखिल आडवाणी के साथ न्यूज18 डॉट कॉम के रील मूवी अवॉर्ड्स में निर्णायक मंडल के सदस्य हैं। यह कार्यक्रम 20 मार्च को आयोजित होगा।

इसमें कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा, जो उत्कृष्ट कहानी कहने के माध्यम से दर्शकों को अपनी उत्कृष्ट रचनात्मकता के साथ रोमांचित करेंगे।

उन्होंने कहा, “मैं इस जूरी का हिस्सा बनना चाहता था, क्योंकि युवाओं ने मुझे प्रेरित किया, मुझे कम अकेलापन महसूस होता है, अन्यथा यदि आप मुंबई फिल्म उद्योग को देखते हैं, तो स्वतंत्र फिल्म बनाना अकेलेपन वाला काम है।”

‘दासदेव’ रिलीज होने का इंतजार कर रहे फिल्मकार ने कहा, “मैं लगभग 30 वर्षो से इस क्षेत्र में हूं, जो मैं चाहता हूं वो करने की कोशिश कर रहा हूं और यह बहुत अच्छा है कि अब अन्य भी इसमें शामिल हो रहे हैं।”

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • उपराष्ट्रपति चुनाव: केजरीवाल ने विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी का किया समर्थन, सभी से साथ देने की अपील की

  • ,
  • खेल: एशिया कप से श्रेयस अय्यर को बाहर रखना चौंकाने वाला! और एशिया कप में पाकिस्तान से खेलने से नहीं रोकेगा केंद्र

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: बी सुदर्शन रेड्डी बोले- उपराष्ट्रपति का दायित्व राजनीतिक दायित्व नहीं है, यह उच्च संवैधानिक दायित्व है

  • ,
  • हरियाणा: भारी बवाल के बीच भिवानी में शिक्षिका मनीषा का हुआ अंतिम संस्कार, 3 बार हुआ पोस्टमार्टम, CBI करेगी जांच

  • ,
  • संसद अनिश्चितकाल तक स्थगित, हंगामे की भेंट चढ़ा पूरा सत्र, लोकसभा में सिर्फ 37 घंटे हुई चर्चा, राज्यसभा में 41 घंटे