अपराध

बंगालः आरजी कर रेप कांड के दोषी की भांजी का शव अलमारी से लटका मिला, लोगों ने माता-पिता पर किया हमला

पड़ोसियों ने आरोप लगाया कि माता-पिता अक्सर लड़की को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। एक पड़ोसी ने कहा कि बच्ची को अक्सर रात में, यहां तक कि देर रात दो बजे भी घर से बाहर निकाल दिया जाता था। इस दुर्व्यवहार ने उसे गहरे सदमे में डाल दिया था।

बंगालः आरजी कर रेप कांड के दोषी की भांजी का शव अलमारी से लटका मिला, लोगों ने माता-पिता पर किया हमला
बंगालः आरजी कर रेप कांड के दोषी की भांजी का शव अलमारी से लटका मिला, लोगों ने माता-पिता पर किया हमला फोटोः सोशल मीडिया

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के भवानीपुर इलाके में मंगलवार को उस समय तनाव फैल गया जब कुछ गुस्साए स्थानीय लोगों ने 11 साल की एक बच्ची के पिता और सौतेली मां पर हमला कर दिया। बच्ची का शव एक दिन पहले उनके घर की अलमारी से आंशिक रूप से लटका हुआ मिला था।

पुलिस ने बताया कि मृतक नाबालिग सुरंजना सिंह, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले के मुख्य दोषी संजय रॉय की भांजी थी। रॉय को ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भोला सिंह और उनकी पत्नी पूजा, जो कथित तौर पर अपने घर से भागने की कोशिश कर रहे थे, को पड़ोसियों ने रोक लिया और दोनों पर घर में बच्ची को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उन पर हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि स्थानीय लोगों ने सौतेली मां को बाल पकड़कर घसीटा और पीटा, जबकि पिता को भी जूतों से पीटा गया।

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पुलिस मौके पर पहुंची और दंपति को उग्र पड़ोसियों से बचाकर स्थानीय अलीपुर थाने ले गई। पुलिस ने बताया कि भोला ने पहले संजय रॉय की बड़ी बहन बबीता से शादी की थी और सुरंजना उनकी इकलौती संतान थी। कुछ साल पहले बबीता की आत्महत्या के बाद, उसने उसकी छोटी बहन पूजा से शादी कर ली।

पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची एक अलमारी के अंदर हैंगर से लटकी हुई पाई गई, जिसका गला कपड़े के एक टुकड़े से बंधा हुआ था। उसकी सौतेली मां जब बाहर से घर लौटी, तो बच्ची को इस हालत में पाया। उसे एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

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पड़ोसियों ने आरोप लगाया कि माता-पिता अक्सर लड़की को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। एक पड़ोसी ने आरोप लगाया, ‘‘बच्ची को अक्सर रात में, यहां तक कि देर रात दो बजे भी घर से बाहर निकाल दिया जाता था। इस दुर्व्यवहार ने उसे बहुत गहरे सदमे में डाल दिया था।’’ पीड़िता की दादी ने आरोप लगाया कि माता-पिता उसे बेल्ट से पीटते थे और अक्सर किसी न किसी बहाने उसका सिर दीवारों पर पटकते थे।

पत्रकारों से बात करते हुए पिता ने कहा, ‘‘मेरा कोई बच्चा नहीं बचा है। अब मेरे जीवन का कोई अर्थ नहीं है।’’ पुलिस को मृतका की प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली है, जिससे जांचकर्ता अभी तक किसी गड़बड़ी की संभावना से इनकार नहीं कर पा रहे हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘शुरुआती जांच में आत्महत्या का संकेत मिला है। हालांकि, हत्या की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि वे मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए विस्तृत पोस्टमार्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

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