अपराध

हर आधुनिक तकनीक से लैस है दिल्ली पुलिस, अपराध रोकने में फिर भी नाकाम  

सितंबर से दिल्ली पुलिस क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) जैसी तकनीक से लैस हो गई है, जिससे पुलिस हैडक्वार्टर स्थित इसके कंट्रोल रूम से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक की सुरक्षा की निगरानी की जा सकती है।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

ऐसा नहीं है कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के पास पर्याप्त कोष या आधुनिक तकनीक की कमी है। लेकिन इनका सही प्रकार से प्रयोग नहीं किया जा रहा इसलिए पुलिस और जनता दोनों को ही परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक समय था जब दिल्ली पुलिस लैंडलाइन, वायरलैस और फैक्स मशीनों पर निर्भर थी। इसके बाद मोबाइल फोन ने पुलिस को तेजी से काम करने में मदद की।

Published: 05 Oct 2019, 12:10 PM IST

अब, सितंबर से दिल्ली पुलिस क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) जैसी तकनीक से लैस हो गई है, जिससे पुलिस हैडक्वार्टर स्थित इसके कंट्रोल रूम से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक की सुरक्षा की निगरानी की जा सकती है। इस तकनीक के जरिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को सीधे एक कॉन्सटेबल से जोड़ दिया है। इस तकनीक से, एक अधिकारी कभी भी, कहीं से भी जनता द्वारा की जा रही कॉल की जानकारी ले सकता है।

Published: 05 Oct 2019, 12:10 PM IST

अधिकारी यह पता लगा सकते हैं कि 112 या 100 नम्बर पर रिसीव की गई कॉल पर क्या कार्रवाई की गई। कई किलोमीटर दूर पुलिस डायरी में की गई हर प्रविष्टि की जानकारी सीसीटीएनएस सिस्टम द्वारा ली जा सकती है, जिसे क्राइम ब्रांच हैंडल कर रहा है। हालांकि, आपको आश्चर्य होगा कि दिल्ली पुलिस के पास यह अत्याधुनिक तकनीक होने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में झपटमारी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसका मतलब है कि दिल्ली पुलिस इस तकनीक का प्रभावी रूप उपयोग नहीं कर सकी है।

Published: 05 Oct 2019, 12:10 PM IST

इस मुद्दे पर आईएएनएस से बात करते हुए क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त जॉय तिर्के ने कहा, "यह सच है कि इन दिनों कुछ विशेष स्थानों पर छपटमारी की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। कई गिरोहों को पकड़ा गया है। उन्हें गिरफ्तार कराने में दिल्ली पुलिस की डोजियर सेल और सड़कों पर सीसीटीवी ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई है।" उन्होंने कहा कि झपटमार सिर्फ दिल्ली के नहीं बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के भी हैं।

Published: 05 Oct 2019, 12:10 PM IST

उन्होंने कहा, "हमारी टीम ने कई ऐसे झपटमारों और लुटेरों को पकड़ा है जो मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) से यहां अपराध करने आए और उसी दिन लौट गए।" यह पूछने पर कि क्या यह दिल्ली पुलिस की असफलता नहीं है कि अपराध करने के बाद अपराधी आसानी से दिल्ली छोड़कर फरार हो जाते हैं, तिर्के ने कहा, "दिल्ली पुलिस दिन-रात पूरे समर्पण से काम करती है लेकिन हां, हम जहां भी थोड़े ढीले पड़ते हैं, तो झपटमार वहीं बाजी मार लेते हैं।"

Published: 05 Oct 2019, 12:10 PM IST

झपटमारों द्वारा हत्या करने के सवाल पर डीसीपी ने कहा, "ऐसे मामलों में ज्यादातर यह देखा गया है कि इसके पीछे मुख्य कारण हथियारों तक आसान पहुंच है।" उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच ने हाल ही में गाजियाबाद निवासी एक हथियार तस्कर इरशाद खान को गिरफ्तार किया। जांच में पाया गया कि वह मध्य प्रदेश से 7.65 बोर की पिस्तोल जैसे जानलेवा हथियार सिर्फ 20,000 रुपये में खरीदकर उन्हें दिल्ली में 40,000 रुपये में बेचता था।

अधिकारी ने कहा, "हम सड़कों पर हो रहे इन अपराधों को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। इरशाद से हमने 40 पिस्तौलें जब्त कीं। सोचिए, अगर ये सभी पिस्तौलें अपराधियों तक पहुंच जातीं तो स्थिति कितनी खतरनाक होती।"

Published: 05 Oct 2019, 12:10 PM IST

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Published: 05 Oct 2019, 12:10 PM IST