वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के खिलाफ देश भर में चल रहे प्रतिरोध के बीच एक और पत्रकार को गोली मारे जाने की खबर आई है। राष्ट्रीय सहारा अखबार से जुड़े पत्रकार पंकज मिश्रा को बिहार के अरवल जिले में बाइक सवार दो अपराधियों ने गोली मार दी। दोनों हमलावरों की पहचान अंबिका महतो और कुंदन के रूप में हुई है और पुलिस ने कुंदन को गिरफ्तार भी कर लिया है। शुरुआत में यह दावा किया जा रहा था कि लूटपाट के इरादे से इस घटना को अंजाम दिया गया है। लेकिन अब पीड़ित पंकज मिश्रा ने अपने बयान में साफ कहा है कि दोनों ही हमलावर कुर्था विधानसभा सीट से जेडीयू विधायक सत्यदेव सिंह के करीबी लोग हैं। पंकज मिश्रा का आरोप है कि वे कुंदन के खिलाफ अखबार में कई रिपोर्ट छाप चुके हैं और इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया।
पंकज मिश्रा के बयान से यह जाहिर होता है कि उनके साथ की गई लूटपाट की वारदात मामले को भटकाने का एक सोचा-समझा तरीका थी। घटना के समय पंकज मिश्रा के पास 2 लाख रुपए थे।
पंकज मिश्रा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एक ग्राहक सेवा केंद्र भी चलाते हैं। यहां स्थानीय निवासियों को सरकारी योजनाओें से जुड़े फॉर्म भरने में सहयोग किया जाता है। फिलहाल पंकज मिश्रा पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हैं और पुलिस दूसरे अपराधी अंबिका महतो की तलाश कर रही है।
इस मामले ने फिर से एक बार बिहार के कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के दावों की सच्चाई को भी उजागर कर दिया है। हाल में जेडीयू ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर बिहार में सरकार बनाई है और इस हत्या के प्रयास में उनकी पार्टी के नेता की कथित मिलीभगत से यह बात साबित होती है कि नीतीश कुमार और बीजेपी के राज में बिहार में गुंडों को खुली छूट मिली हुई है।
Published: 07 Sep 2017, 8:02 PM IST
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Published: 07 Sep 2017, 8:02 PM IST