अर्थतंत्र

नई जिम्मेदार सरकार बदलेगी मोदी सरकार के फैसले : चिदंबरम

पी चिदंबरम ने कहा है कि कोई भी जिम्मेदार सरकार मोदी सरकार द्वारा बनाए गए टैक्स कानून और संशोधनों को बदल देगी

फोटो : Getty Images
फोटो : Getty Images पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम

आरोपों पर फल-फूल रही मोदी सरकार पर इल्जाम लगाते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को इस बात पर हैरत है कि आखिर इस सरकार में 2 जी और कोयला घोटाले पर कोई बात क्यों नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि, “कोयला घोटाले में एक-दो लोगों दोषी ठहराए गए हैं और 2 जी घोटाले में तो अभियोजन पक्ष, तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री के खिलाफ आरोप ही तय नहीं कर पाया है और अदालत अभियजन की तरफ से पेश चार्जशीट को ही खारिज कर दिया है।”

Published: 28 Oct 2017, 3:59 PM IST

चूंकि कोई भी सरकार या मीडिया आजकल हर किसी को तब तक दोषी मानती है, जब तक वे निर्दोष साबित न हो जाएं, इसलिए एक वकील होने के नाते वे उन मामलों पर तब तक टिप्पणी करना उचित नहीं समझते, जब तक आरोप तय नहीं हो जाते और मुकदमा शुरू नहीं हो जाता। अपने बेटे कार्ति पर लगे आरोपों के संबंध में पी चिदंबरम का कहना है कि उनके बेटे पर सिर्फ आरोप हैं, लेकिन कोई मुकदमा नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, अब तो प्रधानमंत्री ने खुद ही ‘अच्छे दिनों’ और डॉलर की कीमत 40 रुपए लाने की बात करना बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि ये उनकी गलती नहीं है, उनकी तरह ज्यादातर मुख्यमंत्रियों को मैक्रो इकॉनॉमिक्स यानी दीर्घ या विस्तृत अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है।

Published: 28 Oct 2017, 3:59 PM IST

चिदंबरम ने उन आरोपों का भी जवाब दिया जिसमें कहा जा रहा है कि यूपीए सरकार के शासनकाल में बड़े उद्योगों को दिए गए कर्ज एनपीए यानी नॉन पर्फार्मिंग एसेट बन गए। एनपीए वह कर्ज होता है जिसकी वापसी नहीं होती। एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में चिदंबरम ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 2014 तक तो ये सारे कर्ज पर्फार्मिंग एसेट थे, यानी ये डूबे हुए कर्ज नहीं थे, अब मोदी सरकार को जवाब देना होगा कि पिछले 40 महीने में यह कर्ज एनपीए कैसे हो गए।

उन्होंने दावा किया कि वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने कभी भी किसी बैंक के चेयरमैन या अधिकारी को फोन करके किसी उद्योग या कारोबारी को कर्ज देने के लिए नहीं कहा। उन्होंने साफ किया कि ज्यादातर बड़े कर्ज बैंकों के समूह यानी कंसोर्शियम ने ही मंजूर किए हैं, और यूपीए सरकार में किसी ने भी ऐसा नहीं किया कि सभी बैंकों के चेयरमैन पर एक साथ दबाव बनाया जाए। उन्होंने आगे जोड़ा कि, “लेकिन इस सरकार में क्या होता है, मुझे नहीं पता।“

चिदंबरम ने एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति घोष का हवाला देते हुए कहा कि, उन्होंने भी यह बात रिकॉर्ड में कही है कि यूपीए सरकार में कभी भी किसी ने उन पर किसी को कर्ज देने के लिए दबाव नहीं डाला।

उन्होंने यह भी कहा कि उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ कार्यवाही की शुरुआत यूपीए सरकार के शासनकाल में ही हो गई थी।

Published: 28 Oct 2017, 3:59 PM IST

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी एक ऐसा कर जंजाल है जिसमें 8 दरें हैं, कई किस्म के अधिभार यानी सेस हैं और राज्यों को दिए गए अधिकार में इच्छानुसार जीएसटी वापस लेने या बदलाव करने की छूट है। इसी का फायदा उठाकर गुजरात सरकार ने कई चीज़ों पर जीएसटी घटाया है।

उन्होंने कहा कि कोई भी जिम्मेदार सत्ता में आते ही इन सारे नियमों और फैसलों के निरस्त करेगी जो मोदी सरकार ने टैक्स के मामले में लिए हैं। आयकर अधिनियम में किए गए कठोर संशोधनों के संदर्भ में चिदंबरम ने कहा कि ये सारे संशोधन बड़े और ताकतवर उद्योगों और कारोबारियों को बचाने के लिए किए गए हैं। इनकम टैक्स के नए नियमों के बाद केंद्र सरकार की एजेंसियां छोटे कारोबारियों और उद्योगों के पीछे पड़ गई हैं, जिससे वे अपने धंधों में निवेश ही नहीं कर पा रहे हैं।

Published: 28 Oct 2017, 3:59 PM IST

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Published: 28 Oct 2017, 3:59 PM IST