भारत की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका लगा है। दूसरी तिमाही में विकास दर की रफ्तार में काफी कमी दर्ज की गई है। नए आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर मात्र 5.4 फीसदी दर्ज की गई है। बड़ी बात यह है कि उम्मीद से बहुत कम विकास दर रही है। इस तिमाही में 6.5 फीसदी का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन यह आंकड़ा उम्मीद से भी काफी नीचे चला गया है। जो सात महीने का सबसे निचला स्तर है। ऐसे में सरकार के लिए आने वाले दिनों में कई चुनौतियां खड़ी होने वाली हैं।
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भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान 7.2 प्रतिशत निर्धारित किया है। वित वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर 2.2 प्रतिशत, खनन और उत्खनन सेक्टर की विकास दर नकारात्मक -0.1 प्रतिशत, कृषि और उससे जुड़े सेक्टर की विकास दर 3.5 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन सेक्टर की विकास दर 7.7 प्रतिशत रही है।
ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज की विकास दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6 प्रतिशत रही है। तृतीयक क्षेत्र की विकास दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 7.1 प्रतिशत रही है।
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वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में रियल ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 6 प्रतिशत बढ़ा है। इस दौरान सरकारी अंतिम उपभोग व्यय में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
देश की जीडीपी में निजी खपत की हिस्सेदारी 60 फीसदी है और विकास दर में तेजी भविष्य के लिए शुभ संकेत है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-अक्टूबर अवधि में राजकोषीय घाटा 7.51 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो कि पिछले साल 8.04 लाख करोड़ रुपए था। यह पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य 16.13 लाख करोड़ रुपए का 46.5 प्रतिशत है।
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चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में कुल व्यय 24.74 लाख करोड़ रुपए रहा है, यह वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में 23.94 लाख करोड़ रुपए था।
वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से अक्टूबर के बीच कुल प्राप्तियां 17.23 लाख करोड़ रुपये रही है। यह पिछले साल समान अवधि में 15.91 लाख करोड़ रुपए थी।
चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के बीच पूंजीगत खर्च 4.67 लाख करोड़ रुपए रहा है। यह पिछले साल समान अवधि में 5.47 लाख करोड़ रुपए था।
वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-अक्टूबर अवधि में सकल कर आय 20.33 लाख करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 18.35 लाख करोड़ रुपए थी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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