भारी उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। बाजार की तेजी में सबसे अधिक योगदान आईटी, मेटल और ऑटो सेक्टर ने दिया।
दिन के दौरान सेंसेक्स ने 83,936.47 का उच्चतम स्तर और 83,124.03 का न्यूनतम स्तर छुआ और 335.97 अंक या 0.40 प्रतिशत बढ़कर 83,871.32 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी ने 25,715.80 के उच्चतम स्तर और 25,449.25 के न्यूनतम स्तर को छुआ और 120.60 अंक या 0.47 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,694.95 पर था।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, एमएंडएम, अदाणी पोर्ट्स, एचसीएल टेक, इटरनल, इन्फोसिस, भारती एयरटेल, सन फार्मा, एलएंडटी, एचयूएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, ट्रेंट, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी और एनटीपीसी टॉप गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, कोटक महिंद्रा बैंक, पावरग्रिड और टाटा स्टील लूजर्स थे।
लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप का प्रदर्शन मिलाजुला रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 302.75 अंक या 0.50 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,427 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 37.20 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,101.40 पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा कि दिल्ली ब्लास्ट की चिंताओं के चलते घरेलू शेयर बाजार लाल निशान में खुला। हालांकि, मजबूत वैश्विक संकेतों और अमेरिका में शटडाउन समाप्त होने के चलते बाजार में रिकवरी देखने को मिली है। वहीं, दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर आने के कारण बाजार में तेजी देखी जा रही है।
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देश में अगस्त-अक्टूबर के दौरान भर्तियों में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उपभोक्ता भावना में सुधार, आकर्षक त्योहारी पेशकशों और भौगोलिक विस्तार के दम पर यह वृद्धि दर्ज की गई।
कार्यबल समाधान प्रदाता एडेको इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की समान अवधि की तुलना में इस वर्ष ‘गिग’ (अल्पकालिक) और अस्थायी नौकरियों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
आंतरिक आंकड़ों एवं बाहरी रिपोर्ट के विश्लेषण पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया कि दशहरा से पहले और उसके बाद के हफ्तों में खुदरा, ई-कॉमर्स, बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं एवं बीमा), लॉजिस्टिक्स तथा आतिथ्य क्षेत्रों में अस्थायी कर्मचारियों की मांग में तेज उछाल देखने को मिला।
एडेको ने 2025 में 2.16 लाख ‘गिग’ और अस्थायी नौकरियों का अनुमान लगाया था लेकिन सिर्फ तीन महीनों में ही इस क्षेत्र में अस्थायी भर्ती में 37 प्रतिशत और ‘गिग वर्कर’ की तैनाती में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जो मौसमी मांग की मजबूती को दर्शाता है। 'गिग वर्कर' से तात्पर्य काम के आधार पर भुगतान पाने वाले कम समय के कर्मचारियों से है।
एडेको इंडिया के निदेशक एवं प्रमुख (जनरल स्टाफिंग) दीपेश गुप्ता ने कहा, ‘‘ इस वर्ष भारत में त्योहारों के दौरान भर्ती आर्थिक विश्वास और ‘गिग’ अर्थव्यवस्था की परिपक्वता दोनों को दर्शाती है। भर्ती का परिमाण एवं पारिश्रमिक भुगतान पिछले तीन वर्ष से अधिक रहे हैं जिससे 2025, कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद सबसे मजबूत वर्ष बन गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ 2024 की तुलना में ‘गिग’ और अस्थायी भर्ती में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि महिला कार्यबल की भागीदारी 30-35 प्रतिशत बढ़ी है खासकर खुदरा, ग्राहक सेवा, लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सेवाओं से जुड़े कार्यों में...।’’
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे महानगर की कुल भर्ती में सबसे अधिक 75-80 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। हालांकि, मझोले एवं उभरते शहरों में मांग में अधिक तेजी आई जहां सालाना आधार पर 21-25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
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अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे बढ़कर 88.57 (अस्थायी) पर बंद हुआ। वित्तपोषण की दिक्कतों के कारण कई अमेरिकी विभागों का कामकाज ठप होने संबंधी (शटडाउन) विधेयक पर प्रगति और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर उम्मीदों के बीच रुपये में यह तेजी देखी गई।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में तेजी लौटने और अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर उम्मीदों ने रुपये को समर्थन प्रदान किया।
हालांकि, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और विदेशी पूंजी की निकासी ने निवेशकों की कारोबारी धारणा को प्रभावित किया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 88.69 पर खुला और दिन के दौरान 88.52 के उच्चस्तर तक गया और 88.72 के निचले स्तर तक आया। अंत में, रुपया 88.57 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 16 पैसे अधिक है। सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 88.73 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में जोखिम उठाने की क्षमता में वृद्धि और डॉलर के कमजोर होने के कारण मंगलवार को रुपये में तेजी आई।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार के ‘शटडाउन’ के खत्म होने की उम्मीदों ने वैश्विक बाजार की कारोबारी धारणा को मजबूत किया।
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यूबीएस की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वर्तमान में तेजी से विकास की राह पर अग्रसर है। इसी के साथ देश 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट और 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
यूबीएस रिपोर्ट के अनुसार, भारत का घरेलू उपभोग चीन, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों को भी पीछे छोड़ते हुए पिछले एक दशक में दोगुना बढ़कर 2024 में 2.4 ट्रिलियन डॉलर हो चुका है। भारत के घरेलू उपभोग ने 7.9 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज करवाई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारा अनुमान है कि भारत का कंज्यूमर मार्केट 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बनने की राह पर है।"
रिपोर्ट बताती है कि भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर वित्त वर्ष 27 में 6.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 28 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सपोर्टेड पॉलिसी और मजबूत घरेलू मांग के कारण भारत 2027 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत के बाद 6.1 प्रतिशत जीडीपी के साथ फिलीपींस और 5.1 प्रतिशत जीडीपी के साथ इंडोनेशिया का स्थान होगा।
वहीं, जीडीपी वृद्धि के मामले में अमेरिका की गति कुछ धीमी रह सकती है, जो कि 2025 में 1.9 प्रतिशत से घटकर 2026 में 1.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, 2027 में यह रिकवर करते हुए 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसी तरह, चीन की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 2025 के 4.9 प्रतिशत से घटकर 2026 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी और भारत की पॉलिसी प्रतिक्रिया से जुड़ी अनिश्चितता को देखते हुए भारत की वृद्धि को नीचे की ओर जाने का कुछ रिस्क हो सकता है।
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