देश में शादियों के मौसम से पहले सोने की कीमत में भारी उछाल आया है। बुधवार को राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में 1,100 रुपये की छलांग लगाते हुए सोना 1.21 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,100 रुपये बढ़कर 1,21,100 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के नए शिखर पर पहुंच गया। मंगलवार को यह 1,20,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
स्थानीय सर्राफा बाजार में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना बुधवार को 1,100 रुपये बढ़कर 1,20,500 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। पिछले सत्र में इसका भाव 1,19,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था। हालांकि, चांदी की कीमतें 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर स्थिर रहीं, जो इसका रिकॉर्ड स्तर है।
सर्राफा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर श्रम बाजार ने फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को बल दिया है, जिससे सर्राफा कीमतों को और समर्थन मिला है। विदेशी बाजारों में हाजिर सोना एक प्रतिशत से अधिक बढ़कर 3,895.33 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। वहीं हाजिर चांदी लगभग दो प्रतिशत बढ़कर 47.56 डॉलर प्रति औंस के उच्च स्तर पर पहुंच गई।
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भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर को स्थिर रखने और वृद्धि अनुमान बढ़ाने के कदम से घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को काफी उत्साह रहा और यह आठ दिनों की लगातार गिरावट से उबरने में सफल रहा। सेंसेक्स 716 अंक उछल गया जबकि निफ्टी में 225 अंकों की तेजी रही। विश्लेषकों ने कहा कि मौद्रिक घोषणा के बीच वैश्विक बाजारों में तेजी के रुझान और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने भी स्थानीय निवेशकों की धारणा को मजबूती दी।
बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 715.69 अंक यानी 0.89 प्रतिशत उछलकर 80,983.31 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 800.81 अंक बढ़कर 81,068.43 अंक पर पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी 225.20 अंक यानी 0.92 प्रतिशत चढ़कर 24,836.30 अंक पर पहुंच गया।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से टाटा मोटर्स में सबसे ज़्यादा 5.54 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। उसके बाद कोटक महिंद्रा बैंक, ट्रेंट, सन फार्मा, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक का स्थान रहा। हालांकि, बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और टाटा स्टील के शेयरों में गिरावट का रुझान रहा।
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भारत में अरबपति लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इस साल अब तक हर हफ्ते एक नया बिलेनियर देश को मिला है। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई। एम3एम हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 के मुताबिक, भारत में अब 350 अरबपति हैं, जो 13 साल पहले जब यह सूची पहली बार जारी की गई थी, तब की तुलना में छह गुना अधिक है। हुरुन लिस्ट के 14वें संस्करण में 1,687 ऐसे कारोबारियों के नाम शामिल हैं जिनकी संपत्ति 1,000 करोड़ रुपए से अधिक है। इस लिस्ट में 284 नए लोगों को शामिल किया गया है, जिससे पिछले साल के मुकाबले इस सूची में मौजूद कारोबारियों की संख्या में 148 का इजाफा हुआ है। वहीं, बीते पांच वर्षों में यह संख्या 859 बढ़ी है।
रिपोर्ट में बताया गया कि इस सूची में शामिल लोगों की संयुक्त संपत्ति बढ़कर 167 लाख करोड़ रुपए हो गई है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 5 प्रतिशत अधिक है। यह आंकड़ा स्पेन की जीडीपी से अधिक और भारत की जीडीपी के बराबर है। रिपोर्ट में बताया गया कि वैश्विक उतार-चढ़ाव और तनाव के कारण लिस्ट में शामिल लोगों की औसत संपत्ति गिरकर 9,850 करोड़ रुपए रह गई है, जो कि पिछले साल 10,320 करोड़ रुपए थी। भारत के शीर्ष 10 सबसे अमीर लोग और भी अधिक अमीर और युवा होते जा रहे हैं। शीर्ष 10 अमीरों की सूची में प्रवेश के लिए सीमा पिछले साल के 1.63 लाख करोड़ रुपए की तुलना में बढ़कर 1.83 लाख करोड़ रुपए हो गई है, जबकि उनकी औसत आयु घटकर 69 वर्ष हो गई है, जो पहले से तीन साल कम है। स्टार्टअप वेल्थ क्रिएशन में अहम भूमिका निभा रहे हैं और 2025 में कुल 97 स्टार्टअप फाउंडर्स ने इस लिस्ट में जगह बनाई है। लिस्ट में शामिल अरबपतियों में से 137 फार्मा सेक्टर से, 132 इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स से और 125 केमिकल एवं पेट्रोकेमिकल्स से हैं।
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अमेरिका में शटडाउन का सरकारी कामकाज के साथ नौकरी समेत अन्य कई चीजों पर भी असर पड़ने वाला है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीनेट में अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं करवा पाए, जिसकी वजह से उनके दूसरे कार्यकाल में भी अमेरिका में शटडाउन लागू हो गया। आइए जानते हैं कि इस शटडाउन का किन-किन चीजों पर असर पड़ेगा। बता दें, 30 सितंबर को एक अस्थायी वित्तपोषण उपाय की समाप्ति के कारण शुरू हुआ यह बंद, सभी सरकारी एजेंसियों की सेवाओं को बाधित करेगा। बंद के बावजूद, लगभग 7.4 करोड़ अमेरिकियों को सामाजिक सुरक्षा और पूरक सुरक्षा आय भुगतान निर्बाध रूप से जारी रहेंगे। मेडिकेयर और मेडिकेड भुगतान जारी रहेंगे, लेकिन कई रिपोर्टों के अनुसार, सामाजिक सुरक्षा प्रशासन ने घोषणा की है कि 12 प्रतिशत कर्मचारियों को छुट्टी पर रखा जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप विपणन अभियानों में रुकावट आएगी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पूरक पोषण सहायता कार्यक्रम, जो अमेरिका का सबसे बड़ा खाद्य सहायता कार्यक्रम है और महिलाओं, शिशुओं और बच्चों के लिए विशेष पूरक पोषण कार्यक्रम, जिसे डब्ल्यूआईसी के नाम से जाना जाता है, बंद के दौरान भी अपना संचालन जारी रखेंगे। इसके अलावा पासपोर्ट और वीजा सर्विस पर भी इसका असर होगा। बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति ने संघीय कर्मचारियों के नौकरी को लेकर धमकी दी थी और कहा था कि 'जब आप इसे बंद करते हैं, तो आपको छंटनी करनी पड़ती है, हम बहुत से लोगों को नौकरी से निकाल देंगे।' वहीं शटडाउन के बाद आंतरिक राजस्व सेवा ने घोषणा की है कि वह पांच दिनों तक पूर्ण कर्मचारियों की नियुक्ति बनाए रखेगी। हालांकि, विभाग ने यह नहीं बताया कि अगर यह बंद पांच दिनों से ज्यादा समय तक जारी रहा तो 75,000 कर्मचारियों का क्या होगा।
इसके साथ ही 13,000 से ज्यादा हवाई यातायात नियंत्रक और परिवहन सुरक्षा प्रशासन के ज्यादातर कर्मचारी शटडाउन समाप्त होने तक बिना किसी मुआवजे के ड्यूटी पर बने रहेंगे। पेंटागन ने पुष्टि की है कि 20 लाख सक्रिय सैन्यकर्मी और नेशनल गार्ड बल बिना वेतन के सेवा करते रहेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा अवैध आव्रजन को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किए जाने के बाद, आव्रजन न्यायालय प्रणाली की देखरेख करने वाले अमेरिकी न्याय विभाग के कर्मचारी काम करते रहेंगे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वे कर्मचारी जो राज्य और स्थानीय अधिकारियों से अप्रवासियों की गिरफ्तारी के बारे में बात करते हैं, वह भी काम करते रहेंगे। नीति निर्माताओं और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण रोजगार और जीडीपी रिपोर्ट सहित प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का प्रकाशन स्थगित रहेगा। एजेंसी के एक बयान के अनुसार, लगभग 4,000 संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (फेमा) के कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा जाएगा। अगस्त में अमेरिकी नौकरियों में मामूली वृद्धि के आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व द्वारा अतिरिक्त ढील की उम्मीदों को बल दिया। निवेशकों का अनुमान है कि इस महीने 25 आधार अंकों की कमी होने की संभावना 97 प्रतिशत है, और दिसंबर में 76 प्रतिशत संभावना है।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाली का तोहफा देते हुए बुधवार को लगभग 49.19 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 68.72 लाख पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में तीन प्रतिशत की वृद्धि की। डीए और डीआर अभी तक मूल वेतन/पेंशन का 55 प्रतिशत था और इसमें तीन प्रतिशत की वृद्धि एक जुलाई, 2025 से प्रभावी है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि डीए और डीआर में वृद्धि के कारण राजकोष पर कुल मिलाकर 10,083.96 करोड़ रुपये का सालाना प्रभाव पड़ेगा। यह वृद्धि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है। डीए और डीआर में यह बढ़ोतरी जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के कुछ दिनों बाद हुई है।
केंद्र वर्ष में दो बार डीए और डीआर में संशोधन करता है। मार्च में घोषित पिछला संशोधन एक जनवरी से प्रभावी था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने रेलवे कर्मचारियों के लिए प्रदर्शन आधारित बोनस को मंजूरी दी थी।
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