देश के आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का उत्पादन नवंबर 2024 में धीमा होकर 4.3 प्रतिशत रहा। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। एक साल पहले इसी माह में यह 7.9 प्रतिशत था। मासिक आधार पर इन क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि अक्टूबर 2024 में दर्ज 3.7 प्रतिशत बढ़ोतरी से अधिक थी। नवंबर 2024 में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में कमी आई। कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात और बिजली की उत्पादन वृद्धि क्रमशः 7.5 प्रतिशत, 2.9 प्रतिशत, दो प्रतिशत, 4.8 प्रतिशत और 3.8 प्रतिशत रही।
पिछले साल नवंबर में कोयला की उत्पादन वृद्धि 10.9 प्रतिशत, रिफाइनरी उत्पाद की 12.4 प्रतिशत, उर्वरक की 3.3 प्रतिशत, इस्पात की 9.7 प्रतिशत और बिजली की 5.8 प्रतिशत थी।समीक्षाधीन महीने में सीमेंट का उत्पादन बढ़ने की रफ्तार बढ़कर 13 प्रतिशत हो गई। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 8.7 प्रतिशत थी। आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में इसकी 40.27 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया मंगलवार को 13 पैसे की गिरावट के साथ अब तक के अपने सबसे निचले स्तर 85.65 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी की भारी निकासी और वैश्विक बाजारों में डॉलर के मजबूत रुख से साल के दौरान इसमें तीन प्रतिशत की तीव्र गिरावट आई। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि ब्याज दरों में कटौती के बारे में फेडरल रिजर्व के सतर्क रुख और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से डॉलर सूचकांक (डीएक्सवाई) तथा अमेरिकी 10 साल के बॉण्ड प्रतिफल में मजबूती से रुपया लगातार दबाव में है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.54 प्रति डॉलर पर खुला और दिन में कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.66 के निचले स्तर पर पहुंचा था। कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.65 (अस्थायी) पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 13 पैसे की गिरावट है। रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.52 पर बंद हुआ था।
घरेलू मुद्रा में डॉलर के मुकाबले इस साल करीब तीन प्रतिशत की गिरावट आई है। रुपया 29 दिसंबर 2023 को 83.16 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था जो गिरकर 31 दिसंबर 2024 को 85.65 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। स्थानीय मुद्रा 10 अक्टूबर को 84 प्रति डॉलर और 19 दिसंबर को 85 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गई थी। रुपया 27 दिसंबर को दिन के कारोबार में यह अबतक के सबसे निचले स्तर 85.80 प्रति डॉलर पर पहुंचा था जो करीब दो वर्षों में उसमें एक सत्र में आई सबसे अधिक गिरावट थी।
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विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी लगातार जारी रहने और वैश्विक बाजारों के कमजोर संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजार वर्ष 2024 के अंतिम कारोबारी दिन मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स में 109 अंकों की गिरावट रही जबकि निफ्टी लगभग स्थिर रहा। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 109.12 अंक यानी 0.14 प्रतिशत गिरकर 78,139.01 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 687.34 अंक गिरकर 77,560.79 पर आ गया था।
हालांकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी शुरुआती गिरावट से काफी हद तक उबरने में सफल रहा और अंत में 0.10 अंक की मामूली गिरावट के साथ 23,644.80 पर बंद हुआ। इस तरह घरेलू बाजार में वर्ष 2024 का समापन गिरावट के साथ हुआ। हालांकि इस साल सेंसेक्स कुल 5,898.75 अंक यानी 8.16 प्रतिशत उछला है जबकि निफ्टी में 1,913.4 अंक यानी 8.80 प्रतिशत की तेजी रही है।
सेंसेक्स ने इस साल 27 सितंबर को 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड शिखर को छुआ था। निफ्टी भी उस दिन 26,277.35 के अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि उसके बाद दोनों ही सूचकांकों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा। मंगलवार को कारोबार के दौरान सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से टेक महिंद्रा, जोमैटो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एचसीएल टेक्नोलॉजीज में गिरावट रही। दूसरी तरफ कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और टाटा मोटर्स के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 1,893.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।
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सुरक्षित निवेश के रूप में सोने का भाव नये साल में भी रिकॉर्ड तोड़ता रहेगा और यह 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। भू-राजनीतिक तनाव तथा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच घरेलू बाजार में यह 90,000 रुपये के स्तर तक भी जा सकता है। मौद्रिक नीति में नरम रुख तथा केंद्रीय बैंकों की खरीद से भी इसके भाव बढ़ेंगे। हालांकि भू-राजनीतिक संकट कम होने पर रुपये में गिरावट थमेगी जिससे सोने की कीमत में भी नरमी आ सकती है।
वर्तमान में हाजिर बाजार में सोने का भाव 79,350 रुपये प्रति 10 ग्राम और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में 76,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चल रहा है। सोने की कीमत इस साल 30 अक्टूबर को 82,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। चांदी भी पीछे नहीं रही और यह एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गई। वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा ने वर्ष की शुरुआत करीब 2,062 डॉलर प्रति औंस पर की और 31 अक्टूबर को 2,790 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।विशेषज्ञों का मानना है कि भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंक की खरीद और प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कमी की ओर रुख करने से 2025 में भी सोने की कीमत रिकॉर्ड बनाती रहेगी।
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने संशोधित आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन अब 15 जनवरी 2025 तक बढ़ा दी है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी। करदाता जो इस तारीख तक आईटीआर फाइल नहीं कर पाए थे उनके लिए लेट फीस के साथ रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख पहले 31 दिसंबर रखी गई थी। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 है।
जीएसटी रजिस्टर्ड करदाताओं को अपने वार्षिक लेनदेन को कंसोलिडेट करने के लिए यह रिटर्न जमा करना आवश्यक होगा। जीएसटी वार्षिक रिटर्न (जीएसटीआर-9) फाइल न करने पर 5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कंपनी को 50 रुपये प्रतिदिन (सीजीएसटी और एसजीएसटी के तहत 25-25 रुपये) या टर्नओवर का 0.04 प्रतिशत अधिकतम सीमा पेनल्टी के रूप में जमा करना होगा। 5 करोड़ रुपये से 20 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली कंपनी को 100 रुपये प्रतिदिन (सीजीएसटी और एसजीएसटी के तहत 50-50 रुपये) या टर्नओवर का 0.04 प्रतिशत अधिकतम सीमा पेनल्टी देनी होगी। इसी तरह 20 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनी को 200 रुपये प्रतिदिन (सीजीएसटी और एसजीएसटी के तहत 100-100 रुपये) या टर्नओवर का 0.50 प्रतिशत अधिकतम सीमा पेनल्टी भरनी होगी। 2 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले बिजनेस को जीएसटीआर-9 फाइल करना होगा।
जीएसटी कंपोजिशन स्कीम के तहत करदाताओं के लिए जीएसटीआर-9ए है। 5 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायों के लिए जीएसटीआर-9सी होता है। जीएसटीआर-9 के साथ एक अतिरिक्त वार्षिक समाधान विवरण की आवश्यकता होती है। एक पैन के तहत कई जीएसटी पंजीकरण वाले व्यवसायों को प्रत्येक जीएसटीआईएन के लिए अलग-अलग जीएसटीआर-9 रिटर्न दाखिल करना होगा। समय सीमा के बाद आईटीआर फाइल करने वाले करदाताओं पर 5,000 रुपये का जुर्माना है। 5 लाख रुपये से कम आय वाले करदाताओं के लिए यह जुर्माना राशि 1,000 रुपये है।
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