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अर्थतंत्र की खबरें: भारत में खुदरा महंगाई दर 0.7% की रफ्तार से बढ़ी और क्रिसमस से पहले आभूषणों की मांग बढ़ी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में खाद्य महंगाई दर -3.91 प्रतिशत रही है। ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर -4.05 प्रतिशत है, जबकि शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर -3.60 प्रतिशत रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

भारत में खुदरा महंगाई दर नवंबर में 0.71 प्रतिशत रही है, जो कि अक्टूबर की महंगाई दर 0.25 प्रतिशत से 46 आधार अंक अधिक है। यह जानकारी सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को दी गई।

मंत्रालय ने बताया कि नवंबर में शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर 1.40 प्रतिशत रही है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर 0.10 प्रतिशत रही है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में खाद्य महंगाई दर -3.91 प्रतिशत रही है। ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर -4.05 प्रतिशत है, जबकि शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर -3.60 प्रतिशत रही है।

नवंबर में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले अनाज की कीमत में 0.10 प्रतिशत, मांस और मछली की कीमत में 2.50 प्रतिशत, अंडों की कीमत में 3.77 प्रतिशत, दूध और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में 2.45 प्रतिशत, ऑयल और फैट की कीमतों में 7.87 प्रतिशत, फलों की कीमतों में 6.87 प्रतिशत, चीनी और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में 4.02 प्रतिशत और गैर अल्कोहल पेय पदार्थों की कीमतों में 2.92 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है।

दूसरी तरफ सब्जियों की कीमतों में 22.20 प्रतिशत, दालों और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में 15.86 प्रतिशत और मसालों की कीमतों में 2.89 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

सरकारी आंकड़ों में बताया गया कि परिवहन और संचार में महंगाई दर नवंबर में 0.88 प्रतिशत रही है, जो कि अक्टूबर में 0.94 प्रतिशत पर थी।

ईंधन और ऊर्जा में नवंबर में महंगाई दर 2.32 प्रतिशत रही है, जो कि अक्टूबर में 1.98 प्रतिशत थी।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को जीएसटी रेट कटौती और खाद्य कीमतों में तेज गिरावट के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए देश के मुद्रास्फीति दर के अनुमान को पहले के 2.6 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया है।

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भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन बड़ी तेजी के साथ बंद, सेंसेक्स 449 अंक उछला

भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लगातार दूसरे दिन बड़ी तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। दिन के अंत में सेंसेक्स 449.53 अंक या 0.53 प्रतिशत की बढ़त के साथ 85,267.66 और निफ्टी 148.40 अंक या 0.57 प्रतिशत की मजबूती के साथ 26,046.95 पर बंद हुआ।

बाजार को ऊपर खींचने का काम मेटल और रियल्टी शेयरों ने किया। निफ्टी मेटल 2.63 प्रतिशत और निफ्टी रियल्टी 1.53 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। निफ्टी ऑटो 0.58 प्रतिशत, निफ्टी आईटी 0.47 प्रतिशत, निफ्टी एनर्जी 0.83 प्रतिशत, निफ्टी प्राइवेट बैंक 0.45 प्रतिशत, निफ्टी इन्फ्रा 1.18 प्रतिशत, निफ्टी पीएसई 0.72 प्रतिशत और निफ्टी कंजप्शन 0.59 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ।

दूसरी तरफ, निफ्टी एफएमसीजी 0.24 प्रतिशत और निफ्टी मीडिया 0.05 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ बंद हुए।

बाजार की तेजी को मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने मजबूती से सपोर्ट किया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 705.25 अंक या 1.18 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,283.30 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 161.90 अंक या 0.94 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,389.15 पर था।

सेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, इटरनल (जोमैटो), अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी, मारुति सुजुकी, भारती एयरटेल, अदाणी पोर्ट्स, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, टाइटन, टीसीएस, बजाज फिनसर्व और ट्रेंट गेनर्स थे। एचयूएल, सन फार्मा, आईटीसी, एशियन पेंट्स, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक, कोटक महिंद्रा, इन्फोसिस और एसबीई लूजर्स थे।

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क्रिसमस से पहले भारत में बने रत्नों और आभूषणों की मांग बढ़ी, नवंबर में निर्यात में 19 प्रतिशत का इजाफा हुआ

भारत में बने रत्नों और आभूषणों का निर्यात नवंबर में 19 प्रतिशत बढ़कर 2.52 बिलियन डॉलर हो गया है, जो कि एक साल पहले 2.09 बिलियन डॉलर था। इसकी वजह तराशे और पॉलिश किए गए हीरे, सोना, चांदी और प्लैटिनम के आभूषणों की मांग में इजाफा होना है।

इस साल नवंबर निर्यात में बड़ी बढ़ोतरी की वजह कम आधार होना है। पिछले साल दीपावली के नवंबर में पड़ने के कारण कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बंद रही थीं।

कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका और चीन में क्रिसमस की मजबूत मांग के कारण निर्यात में तेज वृद्धि देखी जा रही है।

अप्रैल-नवंबर की अवधि में निर्यात 18.86 बिलियन डॉलर के साथ सपाट रहा है, जबकि 2024 में यह 18.85 बिलियन डॉलर था।

अप्रैल-नवंबर के आंकड़ों से सीजनल मांग और वैश्विक बाजार के रुझानों के कारण धीरे-धीरे सुधार के संकेत मिले हैं।

विश्लेषकों ने बताया कि लैब में उत्पादित हीरे (एलजीडी) के आभूषणों की मांग में भी अच्छी वृद्धि देखी जा रही है। नवंबर में इनका निर्यात 10 प्रतिशत बढ़कर 76 मिलियन डॉलर हो गया, हालांकि, अप्रैल-नवंबर में यह 11 प्रतिशत घटकर 757 मिलियन डॉलर रह गया था।

कट और पॉलिश किए गए हीरे (सीपीडी) का निर्यात नवंबर में 38 प्रतिशत बढ़कर 919.74 मिलियन डॉलर हो गया। नवंबर में सोने के आभूषणों का निर्यात 1.21 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष के 1.23 बिलियन डॉलर से थोड़ा कम है।

जड़े हुए सोने के आभूषणों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, नवंबर में इनकी बिक्री 49.24 प्रतिशत बढ़कर 828 मिलियन डॉलर हो गई। सादे सोने के आभूषणों का निर्यात इस माह 42.17 प्रतिशत गिरकर 390 मिलियन डॉलर रह गया, लेकिन अप्रैल-नवंबर की अवधि में इसमें 14.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 3.53 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर में सोने की कीमतों में 44 प्रतिशत की वृद्धि का इसमें सबसे अधिक योगदान रहा।

चांदी के आभूषणों की बिक्री नवंबर में 209 प्रतिशत बढ़कर 198 मिलियन डॉलर हो गई और अप्रैल-नवंबर की अवधि में यह 29.69 प्रतिशत बढ़कर 930 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई।

नवंबर में प्लैटिनम के आभूषणों का निर्यात लगभग दोगुना होकर 2024 के 15 मिलियन डॉलर से 30 मिलियन डॉलर हो गया।

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रुपया नौ पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 90.41 प्रति डॉलर पर

अमेरिका मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को नौ पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 90.41 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि कीमती धातुओं की वैश्विक कीमतों में उछाल के बीच आयातकों द्वारा डॉलर की आक्रामक खरीद से भी रुपये पर दबाव पड़ा।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.43 पर खुला। फिर लुढ़कता हुआ रिकॉर्ड निचले स्तर 90.56 प्रति डॉलर पर आ गया। अंत में यह 90.41 पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से नौ पैसे की गिरावट है।

रुपया बृहस्पतिवार को 38 पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 90.32 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

मीराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के बीच रुपये में गिरावट का अनुमान है। हालांकि, वैश्विक बाजार में सकारात्मक रुझान और कच्चे तेल की गिरती कीमतें रुपये को सहारा दे सकती हैं। डॉलर के कमजोर होने और केंद्रीय बैंक के किसी भी हस्तक्षेप से भी रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।’’

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.41 पर रहा।

घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 449.53 अंक की बढ़त के साथ 85,267.66 अंक पर जबकि निफ्टी 148.40 अंक चढ़कर 26,046.95 अंक पर बंद हुआ।

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61.27 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,020.94 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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