भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 484.53 अंक या 0.58 प्रतिशत की तेजी के साथ 83,952.19 पर और निफ्टी 124.55 अंक या 0.49 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,709.85 पर था।
सत्र के दौरान सेंसेक्स ने 84,099.53 और निफ्टी ने 25,781.50 का स्तर छुआ, जो कि 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर था।
बाजार की तेजी का नेतृत्व एफएमसीजी शेयरों ने किया। निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स 1.37 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुआ। निफ्टी ऑटो (0.66 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज (0.57 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.37 प्रतिशत) और निफ्टी इन्फ्रा (0.36 प्रतिशत) की बढ़त के साथ बंद हुआ। निफ्टी आईटी (1.63 प्रतिशत), निफ्टी पीएसयू बैंक (0.65 प्रतिशत), निफ्टी मेटल (0.85 प्रतिशत) और निफ्टी एनर्जी (0.21 प्रतिशत) की गिरावट के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, एमएंडएम, भारती एयरटेल, आईटीसी, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा, एचडीएफसी बैंक, टाइटन, मारुति सुजुकी, ट्रेंट, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक और बीईएल टॉप गेनर्स थे। इन्फोसिस, एचसीएल टेक, इटरनल (जोमैटो), टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड और एलएंडटी टॉप लूजर्स थे।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 338.90 अंक या 0.57 प्रतशित की गिरावट के साथ 58,902.25 और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 9.45 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,122.40 पर था।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि बाजार ने अपनी तेजी को जारी रखा है और 52-सप्ताह के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिसका मुख्य कारण उपभोग केंद्रित शेयरों में बढ़त बने रहना है। बैंकों की आगामी आय और परिसंपत्ति गुणवत्ता पर दबाव कम होने के संकेतों ने समग्र उद्योग जगत में आशावाद को बढ़ावा दिया है।
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रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 21 पैसे चढ़कर 87.75 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि विदेशी पूंजी प्रवाह में वृद्धि तथा कच्चे तेल की कम कीमतों से निवेशकों की धारणा को और बल मिला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.91 प्रति डॉलर पर खुला। फिर बढ़त के साथ 87.75 प्रति डॉलर के शुरुआती उच्च स्तर को छू गया, जो पिछले बंद भाव से 21 पैसे की बढ़त दर्शाता है। रुपया बृहस्पतिवार को 12 पैसे चढ़कर 87.96 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.17 पर आ गया।
घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स शुरुआती कारोबार 261.58 अंक की गिरावट के साथ 83,206.08 अंक पर और निफ्टी 76.7 अंक फिसलकर 25,508.60 अंक पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60.90 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को लिवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 997.29 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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डेलॉइट के प्रिंसिपल और ग्लोबल एआई लीडर नितिन मित्तल ने शुक्रवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भले ही उद्योगों में तेजी से बदलाव ला रहा हो, लेकिन इस टेक्नोलॉजी द्वारा कम से कम अभी तक तो नौकरी छीनने का काम नहीं किया गया है।
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में द लास्ट जॉब? एआई एंड द फ्यूचर ऑफ वर्क शीर्षक वाले एक सत्र में मित्तल ने कहा कि उनके द्वारा अभी तक एआई के कारण एक भी नौकरी जाने का मामला नहीं देखा गया है।
यह बताते हुए कि उभरती टेक्नोलॉजी जैसे कि एजेंटिक एआई किस प्रकार वर्क पैटर्न को एक नया आकार दे रही हैं उन्होंने कहा, "एआई की वजह से नौकरी जाने का मुझे अभी तक एक भी वाक्या सुनने में नहीं आया।"
उन्होंने बताया कि बार-बार कोडिंग की आवश्यकता वाले कुछ रोल जरूर एआई की वजह से प्रभावित हुए हैं, लेकिन ये रोल गायब होने के बजाय विकसित हो रहे हैं।
मित्तल ने कहा, "कोडिंग एक परफेक्ट उदाहरण है। वे नौकरियां व्हाइट कोडिंग हैं, जो इंसानों द्वारा की जाने वाली हैं और प्रभावित हुई है। विशेष रूप से एजेंटिक एआई और निकट भविष्य में, फिजिकल एआई नौकरियों पर प्रभाव डालेगा। लेकिन मुझे एक भी ऐसी नौकरी नहीं मिली है जो एआई के कारण चली गई हो।"
मित्तल ने एजेंटिक एआई को ऑटोनॉमस सिस्टम बताया जो कम से कम मानवीय हस्तक्षेप के साथ अपने लक्ष्य निर्धारित कर सकती हैं, योजना बना सकती हैं और कार्य कर सकती हैं।
उन्होंने सॉवरेन एआई के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो न केवल डेटा की सुरक्षा करता है, बल्कि राष्ट्र की संस्कृति और भाषा को भी संरक्षित करता है।
जब मित्तल से पूछा गया कि भारत कैसे सुनिश्चित कर सकता है कि वह ग्लोबल एआई क्रांति में एक बैक ऑफिस न बना रह जाए तो इस पर उन्होंने कहा कि देश अपने मजबूत सेवा क्षेत्र के कारण पहले से ही एक स्वाभाविक लाभ का आनंद ले रहा है।
मित्तल ने कहा, " भारत के पास अपने सर्विस सेक्टर के कारण एआई में टेक्नोलॉजी को लागू करने का एक प्रमुख और स्वाभाविक लाभ है। लेकिन सवाल यह है कि हम इसका लाभ कैसे उठाएं? इसके लिए बड़े पैमाने पर रि-स्किलिंग और निवेश की आवश्यकता है।"
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