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अर्थतंत्र की खबरें: ट्रंप के टैरिफ ने अमेरिकी लोगों पर टैक्स की तरह किया काम और सोने की कीमतों ने रचा इतिहास

ट्रंप के लिबरेशन डे ​​टैरिफ की आलोचना करते हुए गोपीनाथ ने कहा कि पिछले छह महीनों से स्कोरकार्ड नेगेटिव रहा है। ट्रंप ने 2 अप्रैल को लिबरेशन डे ​​घोषित किया, यह वह दिन था जब उन्होंने टैरिफ बढ़ाने को लेकर घोषणा की थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 

आईएमएफ की पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्रस्तावों ने अमेरिकी उपभोक्ताओं पर टैक्स की तरह काम किया, महंगाई बढ़ी और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कोई लाभ नहीं हुआ।

ट्रंप के लिबरेशन डे ​​टैरिफ की आलोचना करते हुए गोपीनाथ ने कहा कि पिछले छह महीनों से स्कोरकार्ड नेगेटिव रहा है। ट्रंप ने 2 अप्रैल को लिबरेशन डे ​​घोषित किया, यह वह दिन था जब उन्होंने टैरिफ बढ़ाने को लेकर घोषणा की थी।

उन्होंने अमेरिकी व्यापार घाटे को लेकर नेशनल इमरजेंसी की घोषणा की और विदेशी आयातों पर व्यापक टैरिफ लगाने के लिए इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (आईईईपीए) लागू किया।

उनका उद्देश्य दशकों से चली आ रही अनुचित व्यापार बाधाओं को दूर करना था, जिससे अमेरिकी उत्पादकों को नुकसान हुआ था।

हालांकि, गोपीनाथ ने कहा कि जैसा कि ट्रंप ने दावा किया था पिछले छह महीनों में टैरिफ से न तो व्यापार संतुलन में सुधार हुआ और न ही अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिला। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कोई लाभ नहीं हुआ।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में गोपीनाथ ने कहा, लिबरेशन डे टैरिफ लागू हुए 6 महीने हो गए हैं। अमेरिकी टैरिफ से क्या हासिल हुआ है?"

उन्होंने कहा, क्या इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई? हां काफी हद तक, जो कि अमेरिकी कंपनियों द्वारा वहन किया गया और कुछ अमेरिकी उपभोक्ताओं को पास कर दिया गया। इस तरह ट्रंप के इस फैसले ने यूएस फर्म और उपभोक्ताओं पर टैक्स की तरह काम किया।

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सोने की कीमतों ने रचा इतिहास

अमेरिका में वित्तपोषण की दिक्कतों के कारण कुछ विभागों में कामकाज ठप रहने (शटडाऊन) से उत्पन्न भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच मजबूत वैश्विक रुझानों के अनुरूप, राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने की कीमतों में लगातार तीसरे दिन तेजी रही और यह 2,600 रुपये की तेजी के साथ 1,26,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गईं।

वैश्विक जोखिम से बचने की धारणा की वजह से निवेशकों के सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख करने के कारण पिछले तीन दिन में सोने में 6,000 रुपये की वृद्धि हुई है।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 2,700 रुपये की भारी वृद्धि दर्ज करने के एक दिन बाद मंगलवार को 700 रुपये बढ़कर 1,24,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

बुधवार को स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोने की कीमत 2,600 रुपये बढ़कर 1,26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई।पिछले बाजार सत्र में यह 1,23,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।

विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी सरकार के मौजूदा शटडाऊन और बढ़ते वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव ने सुरक्षित निवेश वाली इस परिसंपत्ति में निवेश को बढ़ावा दिया है।

इसके अलावा, बुधवार को चांदी की कीमतें 3,000 रुपये बढ़कर 1,57,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर के करीब पहुंच गईं। मंगलवार को यह 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। सोमवार को चांदी 1,57,400 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गई थी।

विदेशी बाजारों में सर्राफा कीमतों में जोरदार तेजी देखी गई। हाजिर सोना लगभग दो प्रतिशत बढ़कर 4,049.59 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

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शेयर बाजार में तेजी थमी, सेंसेक्स 153 अंक टूटा, निफ्टी भी नुकसान में

स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को पिछले चार कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर विराम लगा और रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बीएसई सेंसेक्स 153 अंक टूटा, जबकि एनएसई निफ्टी 62 अंक के नुकसान में रहा।

उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 153.09 अंक यानी 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,773.66 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, इसमें 611.66 अंक की घट-बढ़ हुई। ऊंचे में यह 82,257.74 अंक तक गया और नीचे में 81,646.08 अंक तक आया।

पचास शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी 62.15 अंक यानी 0.25 प्रतिशत टूटकर 25,046.15 अंक पर बंद हुआ। विश्लेषकों ने कहा कि वाहन, रियल एस्टेट और बैंक शेयरों में मुनाफावसूली से बाजार में गिरावट आई।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, ट्रेंट, सन फार्मा, पावर ग्रिड और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टाइटन, इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा शामिल हैं।

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रुपया तीन पैसे टूटकर 88.80 प्रति डॉलर पर

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को रुपये में सीमित दायरे में कारोबार हुआ और यह डॉलर के मुकाबले तीन पैसे की गिरावट के साथ 88.80 (अस्थायी) पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख और जोखिम-से बचने की धारणा मजबूत होने के कारण रुपये में गिरावट आई।

विदेशी मुद्रा कारोबारियो ने कहा कि डॉलर अपनी स्थिति बनाए हुए है, फिर भी डॉलर के स्थिर स्वरूप के पीछे एक बढ़ता तनाव छिपा है।

आईपीओ से संबंधित निवेश प्रवाह जैसे घरेलू कारकों के समर्थन से, रुपया एक सीमित दायरे में रहने की संभावना है, और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में संभावित प्रगति धीरे-धीरे रुपये के पक्ष में धारणा को मोड़ सकती है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 88.76 पर खुला। कारोबार के दौरान इसने 88.81 के निचले स्तर को छुआ और अंत में 88.80 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से तीन पैसे की गिरावट है। मंगलवार को रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले तीन पैसे टूटकर 88.77 पर बंद हुआ था।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.31 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.88 पर कारोबार कर रहा था।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.25 प्रतिशत बढ़कर 66.27 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

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