अर्थतंत्र

अर्थजगतः ट्रंप ने कॉपर पर संभावित शुल्क की जांच के आदेश दिए और स्पाइसजेट का राजस्व तीसरी तिमाही में 36 फीसदी घटा

केंद्र सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए पेटीएम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि चालू किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खातों के तहत राशि 31 दिसंबर, 2024 तक 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है।

ट्रंप ने कॉपर पर संभावित शुल्क की जांच के आदेश दिए और स्पाइसजेट का राजस्व तीसरी तिमाही में 36 फीसदी घटा
ट्रंप ने कॉपर पर संभावित शुल्क की जांच के आदेश दिए और स्पाइसजेट का राजस्व तीसरी तिमाही में 36 फीसदी घटा फोटोः IANS

ट्रंप ने कॉपर पर संभावित शुल्क की जांच के दिए आदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कॉपर के आयात से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को लेकर संबंधित खतरे की जांच के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कार्यकारी आदेश के तहत एयरक्राफ्ट, वाहन, जहाज और दूसरे मिलिट्री हार्डवेयर बनाने में इस्तेमाल होने वाले मेटल पर नए शुल्क लगाए जा सकते हैं। ट्रंप ने वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक को 1962 के व्यापार विस्तार अधिनियम की धारा 232 के तहत जांच करने का निर्देश दिया। जिसके अनुसार अगर कोई आयात संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करता है तो राष्ट्रपति को आयात प्रतिबंध लगाने की अनुमति है।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब ट्रंप अमेरिका के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने, अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने और दूसरे नीतिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शुल्क का उपयोग कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने एक फैक्ट शीट में कहा, " इस आयातित कॉपर से संयुक्त राज्य अमेरिका पर पड़ने वाले संभावित खतरे को लेकर जांच की जाएगी। इसका एक उद्देश्य घरेलू उद्योगों की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे उपायों की जरूरत का आकलन करना भी होगा।" इसमें कहा गया है, "जांच के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें कॉपर की सप्लाई चेन में कमजोरियों की पहचान की जाएगी और अमेरिका की घरेलू कॉपर इंडस्ट्री को और मजबूत करने को लेकर सिफारिशें दी जाएंगी।"

एक सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के स्टील और एल्युमीनियम इंडस्ट्री की तरह, कॉपर इंडस्ट्री भी "हमारे घरेलू उत्पादन पर हमला करने वाले ग्लोबल एक्टर्स द्वारा तबाह कर दी गई है।" उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "हमारी कॉपर इंडस्ट्री को फिर से खड़ा करने के लिए, मैंने अपने वाणिज्य सचिव और यूएसटीआर से कॉपर के आयात की स्टडी करने और अमेरिकियों को बेरोजगार करने वाले अनुचित व्यापार को समाप्त करने का अनुरोध किया है। टैरिफ हमारे अमेरिकी कॉपर इंडस्ट्री को फिर से खड़ा करने और हमारी राष्ट्रीय रक्षा को मजबूत करने में मदद करेंगे।" उन्होंने आगे कहा, "अमेरिकी उद्योग कॉपर पर निर्भर हैं और इसे अमेरिका में ही बनाया जाना चाहिए- कोई छूट नहीं, कोई अपवाद नहीं! 'अमेरिका फर्स्ट' अमेरिकी नौकरियों का सृजन करता है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करता है। कॉपर के 'कम होम' का समय आ गया है।"

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स्पाइसजेट का राजस्व तीसरी तिमाही में 36 प्रतिशत घटा

किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट ने बुधवार को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी और तीसरी तिमाहियों के वित्तीय परिणाम जारी किए। तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) में सालाना आधार पर उसके समेकित परिचालन राजस्व में 36.30 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह एक साल पहले की समान तिमाही के 1,850.4 करोड़ रुपये से घटकर 1,178.7 करोड़ रुपये रह गया। समेकित आधार पर तीसरी तिमाही में कुल आय पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 2156.6 करोड़ रुपये से कम होकर 1,654.2 करोड़ रुपये रह गई है। यह 23.30 फीसदी की गिरावट दिखाता है। इस दौरान घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ने के बावजूद यह गिरावट आई है।

देश में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या पिछली आठ तिमाहियों से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में स्पाइसजेट का शुद्ध घाटा बढ़कर 441.7 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसे 431.54 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। बजट एयरलाइन का राजस्व दूसरी तिमाही में 817.12 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 1,425.29 करोड़ रुपये था। एयरलाइन ने शेयर बाजार को बताया कि उसकी बाजार हिस्सेदारी और यात्रियों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है। दूसरी तिमाही में 9.69 लाख यात्रियों ने उसकी उड़ानों का चयन किया और उसकी बाजार हिस्सेदारी 2.5 प्रतिशत रह गई। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में एयरलाइन ने 15.90 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करते हुए 4.3 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की थी।

त्योहारी मौसम वाली मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एयरलाइन ने 12.67 लाख यात्रियों को हवाई सफर करवाया और तीन प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 21.84 लाख यात्रियों के साथ उसकी बाजार हिस्सेदारी 5.6 प्रतिशत रही थी। एयरलाइन के वित्तीय प्रदर्शन में तीसरी तिमाही में सुधार देखा गया और वह लगभग 25 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित करने में सफल रही। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसे लगभग 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने बताया कि एक दशक में पहली बार कंपनी का नेटवर्थ सकारात्मक हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो "हमारी टर्नअराउंड रणनीति की सफलता को दर्शाता है।" उन्होंने कहा कि अतीत पीछे रह गया है और अब हम स्पाइसजेट के लिए एक मजबूत, अधिक लचीला भविष्य बनाने पर दृढ़ता से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

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सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए पेटीएम से किया समझौता

सरकार ने पेटीएम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत कंपनी स्टार्टअप को मार्गदर्शन, बुनियादी ढांचा समर्थन, बाजार पहुंच तथा वित्त पोषण के अवसर उपलब्ध कराएगी। बुधवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के पास पेटीएम का स्वामित्व है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारत में नवाचार को बढ़ावा देने और विनिर्माण व वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) स्टार्टअप के विकास में तेजी लाने के लिए पेटीएम के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

इसमें कहा गया, ‘‘ इस सहयोग के तहत पेटीएम स्टार्टअप को मार्गदर्शन, बुनियादी ढांचा सहायता, बाजार पहुंच और वित्त पोषण के अवसर प्रदान करेगा, जिससे उन्हें विस्तार व नवाचार में मदद मिलेगी।’’ डीपीआईआईटी के निदेशक सुमीत कुमार जारंगल और पेटीएम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा ने वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

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चालू किसान क्रेडिट कार्ड की राशि 10 लाख करोड़ रुपये के पार

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि चालू किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खातों के तहत राशि 31 दिसंबर, 2024 तक 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। इससे 7.72 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है। मार्च, 2014 में चालू केसीसी की राशि 4.26 लाख करोड़ रुपये थी।

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि इससे कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए किसानों को दिए जाने वाले सस्ता ऋण की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि का पता चलता है। केसीसी एक बैंकिंग उत्पाद है, जिसके जरिये किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे उत्पादों के साथ ही संबद्ध गतिविधियों की नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए समय पर और सस्ता ऋण मिलता है।

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पांच माह में 14 प्रतिशत से ज्यादा गिरा निफ्टी

घरेलू शेयर बाजार के मानक सूचकांकों में पिछले पांच महीनों में खासी गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से 14 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है जबकि बीएसई सेंसेक्स अपने रिकॉर्ड स्तर से 13.23 प्रतिशत नीचे आ चुका है। प्रमुख सूचकांकों में आई इस गिरावट के पीछे उच्च मूल्यांकन, विदेशी कोषों की लगातार निकासी, कंपनियों के निराशाजनक तिमाही नतीजे और बढ़ते वैश्विक व्यापार तनाव की अहम भूमिका रही है।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स पिछले साल 27 सितंबर को 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड शिखर पर पहुंच गया था। उसी दिन निफ्टी ने भी 26,277.35 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को हासिल किया था। उसके बाद से घरेलू शेयर बाजारों में क्रमिक गिरावट का दौर शुरू हो गया और मानक सूचकांक लगातार नीचे आते गए। पिछले पांच महीनों में निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से 3,729.8 अंक यानी 14.19 प्रतिशत गिर चुका है। वहीं सेंसेक्स अपने रिकॉर्ड शिखर से 11,376.13 अंक यानी 13.23 प्रतिशत नीचे है।

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, ‘‘इस स्तर की गिरावट आमतौर पर कई कारकों के एक साथ आने से होती है। कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमतर रहने के बाद निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। इसके अलावा अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद आयात शुल्क से जुड़ी धमकियां आने और भारत की धीमी होती आर्थिक वृद्धि ने भी भारतीय शेयर बाजार के लिए माहौल को खराब करने का काम किया।’’

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