रिजर्व बैंक ने कोविड की दूसरी लहर के घटते प्रभाव के साथ-साथ देश में बढ़ते टीकाकरण के कारण वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) की वृद्धि के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के अनुमान को 9.5 फिसदी पर पर बरकरार रखा है। वहीं केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो दर, या अल्पकालिक उधार दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखा। इसी तरह, रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर और 'बैंक दर' को 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि अर्थव्यवस्था कोविड की दूसरी लहर के बाद वापसी की राह पर है।
Published: undefined
उन्होंने कहा कि तेजी से टीकाकरण अभियान के साथ-साथ उत्साहजनक निर्यात और मौद्रिक के साथ-साथ वित्तीय सहायता ने रिकवरी में सहायता की है। उनके मुताबिक, निजी और सरकारी खपत, निवेश के साथ मांग में सुधार हो रहा है। उन्होंने भारत के लिए अवसर के रूप में मजबूत बाहरी मांग का हवाला दिया।
Published: undefined
शुक्रवार को, आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान अपनी प्रमुख अल्पकालिक उधार दरों को बरकरार रखा। इसके अलावा, उच्च खुदरा मुद्रास्फीति के स्तर के बावजूद आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विकास-उन्मुख समायोजन रुख को बरकरार रखा गया।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined