अर्थतंत्र

अर्थव्यवस्था और यस बैंक को लेकर रघुराम राजन ने कही बड़ी बात, मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप!

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने यस बैंक संकट के लिए मोदी सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। रघुराम राजन ने सरकार के सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा है कि अगर समय पर सही कदम उठाए जाते तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने यस बैंक संकट के लिए मोदी सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। रघुराम राजन ने सरकार के सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा है कि अगर समय पर सही कदम उठाए जाते तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए काफी वक्त था, लेकिन उस ओर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने बुधवार को कहा कि यस बैंक के संकट से निपटने को प्लान बनाने के लिए काफी वक्त था और इस संबंध में काफी दिनों से चर्चाएं चल रही थीं। पिछले सप्ताह ही रिजर्व बैंक ने यस बैंक को अपने नियंत्रण में लिया था और ग्राहकों पर महीने में 50,000 रुपये से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दी है।

Published: 12 Mar 2020, 1:40 PM IST

बिजनेस न्यूज चैनल सीएनबीसी-टीवी 18 से बातचीत करते हुए आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा, ‘यस बैंक ने हमें कई बार यह जानकारी दी कि वहां कुछ मुश्किल चल रही है। इसलिए उसे संकट से बाहर निकालने को किसी प्लान को तैयार करने के लिए काफी वक्त था। मैं कुछ और नहीं कहना चाहता हूं क्योंकि मेरे पास और ज्यादा जानकारी नहीं है।’ इसी बीच खबर है कि भारतीय स्टेट बैंक यस बैंक को बचाने के लिए 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी।

Published: 12 Mar 2020, 1:40 PM IST

रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत के लिए सरकार की इच्छाशक्ति को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मैं लंबे समय से देश में वित्तीय संस्थानों की सफाई की बात करता रहा हूं। आगे बढ़ने के लिए यह जरूरी है कि एक बार वित्तीय संस्थानों की खामियों को दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि इस सफाई को करने की इच्छाशक्ति न दिखाने के चलते ही भारतीय अर्थव्यवस्था की यह स्थिति हुई है।

Published: 12 Mar 2020, 1:40 PM IST

राजन ने वित्तीय संस्थानों को लेकर कहा, ‘वित्तीय संस्थानों में सफाई के काम को तत्काल प्रभाव से किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर निजी बैंकों, एनबीएफसी और सरकारी बैंकों पर लोगों के भरोसे में कमी आएगी। साफ है कि वित्तीय क्षेत्र ग्रोथ में योगदान नहीं दे पाएगा।’

Published: 12 Mar 2020, 1:40 PM IST

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Published: 12 Mar 2020, 1:40 PM IST