भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना वायरस के प्रभाव के दूसरे दौर से घरेलू आर्थिक विकास में भयंकर मंदी आ सकती है। यह वैश्विक विकास में चटिताजनक मंदी का नतीजा होगा। दास के अनुसार उसके कारण भारत में विकास की गति भी कुछ हद तक प्रभावित होगी।
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शक्तिकांत दास ने कहा कि इस वैश्विक महामारी का रूप ले चुके वायरस से भारत भी अछूता नहीं रहा। अब तक देश में 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस कारोबारी चैनलों के जरिये भारत को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है, जिसमें चीन से होने वाला खतरा सबसे अधिक है।
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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था का संबंध है, तो इस पर कुछ प्रभाव तो जरूर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत चूंकि वैश्विक मूल्य श्रृंखला से अपेक्षाकृत अछूता है, इसलिए बहुत हद तक भारत पर प्रभाव कम पड़ेगा। लेकिन भारत चूंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ा है, इसलिए इस पर कुछ प्रभाव पड़ना तय है। उन्होंने कहा कि पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी और एयरलाइंस समेत कई क्षेत्रों पर कोरोना का प्रभाव पड़ा है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वित्तीय बाजार की सेहत ठीक रखने के लिए आरबीआई ने कई जरूरी कदम उठाए हैं।
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इसके अलावा यस बैंक संकट पर भी शक्तिकांत दास ने बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि आरबीआई और सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है। साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि यस बैंक से निकासी पर लगाई गई सीमा को बुधवार 18 मार्च से हटा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह यस बैंक के ग्राहकों को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है।
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