देश भर के यूपीआई उपयोगकर्ताओं को शनिवार को लेनदेन विफलताओं का सामना करना पड़ा। तकनीकी खराबी के कारण भुगतान प्रणाली यूपीआई के बंद होने के कारण ऐसा हुआ।
यह एक पखवाड़े से भी कम समय में तीसरी बार है, जब यूपीआई के तहत लेनदेन प्रभावित हुआ और सेवाओं में व्यवधान का सामना करना पड़ा।
हाल के दिनों में, 26 मार्च और दो अप्रैल को यूपीआई व्यवधान की सूचना मिली थी।
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आउटेज ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म डाउन डिटेक्टर के अनुसार, दोपहर 1 बजे तक 2,358 शिकायतें दर्ज की गईं। यूपीआई सर्विस से जुड़ी 81 प्रतिशत सबसे ज्यादा शिकायतें पेमेंट को लेकर दर्ज की गईं। वहीं, 17 प्रतिशत शिकायतें फंड ट्रांसफर को लेकर दर्ज की गईं।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक त्वरित भुगतान प्रणाली है, जिसे आरबीआई द्वारा विनियमित इकाई एनपीसीआई ने विकसित किया है।
एनपीसीआई ने एक्स पर पोस्ट किया, ''बीच-बीच में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण आंशिक रूप से यूपीआई लेनदेन में कमी आ रही है। हम इस समस्या को हल करने के लिए काम कर रहे हैं और आपको सूचना देते रहेंगे। आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है।''
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यूपीआई सर्विस को लेकर एसबीआई, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे प्रमुख बैंकिंग ऐप भी प्रभावित हुए।
भारत में यूपीआई लेनदेन काफी लोकप्रिय है। यहां तक कि हर गुजरते महीने के दौरान इसने नया रिकॉर्ड बनाया है। एनपीसीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई ने मार्च में 18.3 बिलियन लेनदेन की मात्रा दर्ज की, जबकि फरवरी में लेनदेन की मात्रा 16.11 बिलियन थी। लेनदेन की मात्रा को लेकर मासिक आधार पर 13.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
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मार्च महीने में यूपीआई-आधारित लेनदेन का रिकॉर्ड 24.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी में 21.96 लाख करोड़ रुपये से 12.79 प्रतिशत अधिक है।
मार्च में 24.77 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड-तोड़ यूपीआई लेनदेन ने मूल्य में सालाना आधार पर 25 प्रतिशत और मात्रा में 36 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की।
पीटीआई और आईएएनएस के इनपुट के साथ
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