गुजरात चुनाव 2017

पहले वादे नहीं निभाए, अब वादे करने से भी डरती है बीजेपीः गुजरात चुनाव के पहले चरण का प्रचार खत्म, नहीं जारी किया घोषणापत्र

गुजरात चुनाव में पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को मतदान है, लेकिन अब तक बीजेपी ने अपना घोषणापत्र नहीं जारी किया है, जबकि कांग्रेस अपना घोषणा पत्र काफी पहले जारी कर चुकी है।

फोटो: IANS
फोटो: IANS वोट मांगते गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अपने सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों पर इतना आत्मविश्वास है कि पार्टी ने अपना घोषणापत्र भी जारी करना जरूरी नहीं समझा। कांग्रेस ने गुजरात चुनाव के लिए बीते 4 दिसंबर को ही ‘नवसर्जन गुजरात मैनिफेस्टो’ के नाम से घोषणापत्र जारी कर दिया था। लेकिन बीजेपी अभी तक घोषणापत्र को लेकर चिंतामुक्त दिख रही है।

Published: 07 Dec 2017, 8:28 PM IST

2012 गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी की अगुवाई में डंके की चोट पर गुजरात मॉडल की बात करने वाली बीजेपी इस चुनाव में सुस्त दिख रही है। बीजेपी गुजरात में पिछले 22 वर्षों से सत्ता में है। इससे पहले हर बार पार्टी ने चुनाव से पहले घोषणापत्र जारी किया था। यह शायद पहला मौका है जब बीजेपी ने पहले चरण के चुनाव से दो दिन पहले भी घोषणापत्र जारी नहीं किया। ऐसा अनुमान है कि अगर अब बीजेपी घोषणापत्र जारी भी करती है तो उससे चुनाव के नतीजों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।

Published: 07 Dec 2017, 8:28 PM IST

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी की रणनीति इस बार पिछले चुनावों से अलग हो सकती है। 2012 में 13 और 17 दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसके लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने 3 और 4 दिसंबर को अपना-अपना घोषणापत्र जारी कर दिया था। 2012 में बीजेपी का दावा था कि उसने हर वर्ग के मतदाता से बात करने के बाद घोषणापत्र जारी किया है। इस बार कांग्रेस ने तो समय रहते अपना घोषणापत्र जारी कर दिया, लेकिन बीजेपी इसको लेकर कतई गंभीर नहीं दिख रही है।

Published: 07 Dec 2017, 8:28 PM IST

ऐसा जरूरी नहीं है कि चुनाव में भाग ले रही हर पार्टी अपना घोषणापत्र जारी करे। घोषणापत्र जारी करना न करना राजनीतिक दलों का अपना फैसला होता है। आमतौर पर प्रचार के दौरान पार्टियां अपने भाषणों और घोषणापत्रों के जरिये चुनाव जीतने के बाद जनता के लिए किए जाने वाले काम के बारे में बताती हैं। घोषणापत्र को विपक्षी दल किए गए वादों के सबूत के तौर पर देखते हैं। जिससे सत्ता में आई सरकार अपने किये गए वादों से समय आने पर मुकर न सके।

Published: 07 Dec 2017, 8:28 PM IST

गुजरात में बीजेपी ने भले ही अपना घोषणापत्र जारी कर वादे न किए हों, लेकिन पार्टी के नेताओं ने अपनी रैलियों में जनता से जमकर वादे किये हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अक्टूबर में कहा था कि उनकी नई वस्त्र नीति से लगभग 20,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है जिससे लोगों को करीब एक लाख नई नौकरियां मिल सकती हैं। गुजरात सरकार ने गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अंतर्गत 16 नई सम्पत्तियों में 15,000 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के लिए 19,650 करोड़ रुपये के निवेश का भी वादा किया है।

अब गुजरात चुनाव का परिणाम ही बताएगा कि बीजेपी का घोषणापत्र नहीं जारी करने का फैसला उसे कितना फायदा या नुकसान पहुंचाएगा।

Published: 07 Dec 2017, 8:28 PM IST

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Published: 07 Dec 2017, 8:28 PM IST