
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण के उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए घोटाले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष और बाराबंकी से सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में 18,500 आरक्षित सीटों पर एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों को नौकरी मिलनी थी, लेकिन इसमें से केवल 2,637 सीटों पर ही आरक्षण लागू किया गया। जबकि, शेष 15,863 सीटें अनारक्षित वर्ग के लोगों को दे दी गईं। यह फैसला संविधान में प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ है।
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कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बार-बार संविधान को बदलने की मंशा दिखाई तो दलित समाज और पिछड़े वर्ग ने दिखा दिया कि बीजेपी की मनमानी नहीं चलेगी। बीजेपी लोकसभा चुनाव में संविधान की ताकत देख चुकी है। इसीलिए वह अब अप्रत्यक्ष रूप से संविधान पर हमला कर रही है। बीजेपी द्वारा संविधान में दिए हुए प्रावधानों के ऊपर हमला किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती घोटाले से स्पष्ट है कि बीजेपी एससी-एसटी और ओबीसी वर्गों के लोगों को नौकरियों से वंचित रखना चाहती है। यह संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण के अधिकार का खुला उल्लंघन और सामाजिक न्याय पर सीधा हमला है।
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उन्होंने आगे कहा कि आरक्षित वर्गों के हक पर इस तरह डाका डालना न केवल अवैध है, बल्कि देश के सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर करता है। बाबा साहेब अंबेडकर जी ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की बात कही थी, लेकिन बीजेपी सरकार दलित, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समाज के लोगों को नौकरियों में हिस्सेदारी से भी वंचित रख रही है। इसी न्याय की लड़ाई कांग्रेस नेता लड़ते आए हैं और लड़ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी लगातार सामाजिक न्याय, हिस्सेदारी, जातिगत जनगणना की बात उठाते रहे हैं। शिक्षक भर्ती घोटाला उन लाखों युवाओं के सपनों पर प्रहार है, जो वर्षों से मेहनत कर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।
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तनुज पुनिया ने कहा कि कांग्रेस इस घोटाले की कड़ी निंदा करती है और उत्तर प्रदेश सरकार से तत्काल जवाबदेही तय करने की मांग करती है। इस भर्ती घोटाले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। आरक्षित वर्गों के 18,500 से अधिक पदों को तुरंत बहाल कर योग्य उम्मीदवारों को उनका अधिकार दिया जाए। इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे छात्रों और शिक्षकों पर हो रहे दमन को रोका जाए। उत्तर प्रदेश सरकार इस जनविरोधी फैसले को तुरंत वापस ले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सामाजिक न्याय और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी और जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी करेगी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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