देश में अभिव्यक्ति आजादी पर संकट मंडरा रहा है। देश में जो लोग मोदी सरकार की आलोचना करना चाहते हैं, उन्हें इससे रोक जा रहा है। इसका एक उदाहरण मुंबई में देखने को मिला है। मशहूर अभिनेता अमोल पालेकर को इससे दोचार होना पड़ा है। नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन आर्ट (एनजीएमए) कार्यक्रम की एक प्रदर्शनी के दौरान उन्हें सिर्फ इस लीजिए बोलने से रोक दिया गया, क्योंकि वे मोदी सरकार के संस्कृति मंत्रालय की आलोचना कर रहे थे।
पहले कार्यक्रम के आयोजकों ने उन्हें मंत्रालय की आलोचना करने से कई बार टोका। खबरों के मुताबिक, जब वे नहीं रुके तो उनका कड़ा विरोध किया। ऐसे में नाराज अमोल पालेकर अपना भाषण बीच में ही रोक कर बैठक गए।
Published: 10 Feb 2019, 10:48 AM IST
कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पालेकर एनजीएमए के मुंबई और बंगलूरू केंद्रों की एडवाइजरी समिति को कथित तौर पर खत्म करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की आलोचना कर रहे हैं। मंच पर मौजूद एनजीएमए के एक सदस्य ने इसका विरोध किया और कहा कि उन्हें कार्यक्रम के बारे में बात करनी चाहिए। इस पर पालेकर ने कहा कि वह उसी बारे में बात करने जा रहे हैं। क्या आप सेंसरशिप लगा रहे हैं।
Published: 10 Feb 2019, 10:48 AM IST
आयोजक को जवाब देने के बाद पालेकर फिर से मंत्रालय की आलोचना करने लगे। इस पर एक महिला ने विरोध किया और कहा कि यह कार्यक्रम प्रभाकर बारवे के बारे में है और आप उन्हीं पर बात करें। लेकिन, पालेकर ने रुकने से मना कर दिया। लगातार विरोध करने से परेशान होकर पालेकर को अपना पूरा भाषण बिना दिए हुए ही बैठना पड़ा।
पूरे मामले में अमोल पालेकर का बयान भी आया है। पालेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष जारी किया है। उन्होंने कहा कि मुंबई में नैशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के कार्यक्रम में बोलने के लिए मुझे आमंत्रित किया गया था, लेकिन ठीक ढंग से अपना विचार नहीं रखने दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान की डायरेक्टर ने कार्यक्रम के बाद उनसे खुले तौर पर नाराजगी जाहिर की।
Published: 10 Feb 2019, 10:48 AM IST
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Published: 10 Feb 2019, 10:48 AM IST