तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास से ‘नकदी के ढेर’ की कथित बरामदगी नोटबंदी की विफल नीति का एक उदाहरण है।
राज्यसभा में वित्त विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान घोष ने कहा कि नोटबंदी की इस विफल नीति का इससे ज्यादा खुलासा क्या हो सकता है कि एक न्यायविद के घर में नकदी के ढेर कथित तौर पर पाए गए।
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उन्होंने कहा कि नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर नोटबंदी की उनकी नीति गलत साबित होती है तो लोग उन्हें मनचाही सजा दे सकते हैं।
घोष ने सवाल किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री जनता की सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं? ... क्योंकि नकदी के ये ढेर इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि नोटबंदी की नीति बुरी तरह विफल रही है। यह सरकार एक विफल सरकार है।’’
तृणमूल सदस्य 14 मार्च को रात करीब 11 बजकर 35 मिनट पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास में आग लगने के बाद कथित नकदी मिलने का जिक्र कर रही थीं।
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घोष ने कहा कि कभी-कभी संसद सदस्य भी कुछ गलतियां करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम जो कहते हैं उसमें कुछ गलतियां हो जाती हैं लेकिन एक व्यक्ति है जो कभी गलती नहीं करता, वह प्रधानमंत्री हैं।’’
चर्चा में भाग लेते हुए डीएमके के एम मोहम्मद अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार अतीत में की गई अपनी गलतियों से भी नहीं सीख रही है। सफल शासन मॉडल को अपनाने के बजाय, यह त्रुटिपूर्ण नीतियों को लागू करना, राज्यों के अधिकारों को दबाना और अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना जारी रखती है।’’
उन्होंने बीजेपी नीत एनडीए सरकार पर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और ‘एक राष्ट्र एक भाषा’ जैसी पहल के माध्यम से भारत की विविधता में एकता के सुंदर सिद्धांत को नष्ट करने का आरोप लगाया।
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अब्दुल्ला ने सरकार पर असत्य वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘भारत के लोगों ने आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और वित्तीय स्थिरता लाने के लिए विश्वास किया। इसके बजाय, उन्हें बेरोजगारी, वित्तीय कुप्रबंधन और ऐसी नीतियों का सामना करना पड़ा है, जो आम लोगों पर बोझ डालते हैं।’’
उन्होंने सरकार पर उद्योगपतियों की करीबी होने का आरोप लगाया और चुनावी बॉन्ड का भी मुद्दा उठाया।
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चर्चा में भाग लेते हुए सागरिका घोष ने कहा, ''... 2 अप्रैल को सुनामी आने वाली है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा पारस्परिक टैरिफ का एक नया दौर घोषित किया जाने वाला है और यह भारत की निर्यात आय के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।’’
एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुल निर्यात का 87 प्रतिशत 66 अरब डॉलर तक प्रभावित हो सकता है और लाखों भारतीयों को रोजगार देने वाले उद्योग अचानक अमेरिका में बाजार हिस्सेदारी खो देंगे।
बीजेपी के कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ने कहा कि जब तक शुल्क लागू नहीं होगा, तब तक कोई क्या कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम 2 अप्रैल के बाद... इसके लागू होने के बाद ही इस बारे में बात कर पाएंगे।’’
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