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हिंदी पट्टी में खिसकते जनाधार से चिंतित बीजेपी, चंद्रबाबू नायडू को रिझाने के लिए अमित शाह ने लिखा पत्र

हिंदी पट्टी में खस्ताहालत होने की आशंका से परेशान बीजेपी ने दक्षिण भारत में अपने लिए उम्मीदें तलाशना शुरु कर दी हैं। इसी कवायद में अमित शाह ने टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखा है।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह

पुरानी कहावत है कि सांप निकल गया और लकीर पीटते रह गए। ऐसा ही कुछ किया है बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने से नाराज टीडीपी के एनडीए से अलग होने और लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिए जाने के बाद बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुटती दिख रही है। इसी कवायद में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखकर उनके फैसले को राजनीति से प्रेरित और एकतरफा करार दिया है।

पत्र में अमित शाह ने लिखा है कि यह फैसला पूरी तरह से राजनीति से को ध्यान में रखते हुए लिया गया, जबकि प्रदेश के विकास को नजरंदाज किया गया है। शाह ने लिखा कि बीजेपी हमेशा से ही विकास और काम करने में भरोसा रखती है और यही उसका प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने आगे लिखा है कि आंध्र प्रदेश प्रदेश के बंटवारे से लेकर आजतक बीजेपी ने हमेशा आंध्र प्रदेश के लोगों की आवाज को उठाया है और लोगों के हितों के लिए काम किया है। उन्होंने कहा है कि, “हम लगातार तेलगु लोग और तेलगु राज्य के हित के बारे में सोचते हैं।”

Published: 24 Mar 2018, 11:20 AM IST

चंद्रबाबू नायडू को 2014 के लोकसभा चुनाव की याद दिलाते हुए शाह ने लिखा कि जब राज्यसभा और लोकसभा में आपकी पार्टी के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी तब भी बीजेपी ने इस बात को प्राथमिकता से सदन में उठाया और प्रदेश के लोगों को न्याय दिलाने की बात कही थी।

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला ले लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह टीडीपी में फूट डालना चाहते हैं। लेकिन शाह का यह पत्र बीजेपी की हताशा की तरफ इशारा करता है। दरअसल हिंदी पट्टी में लगातार खिसकते जनाधार और उपचुनावों में मिली एक के बाद एक हार के बाद बीजेपी को अगले लोकसभा चुनावों के लिए दक्षिण भारत में संभावनाएं नजर आ रही हैं। लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस की मजबूत स्थिति और केरल में एलडीएफ और तमिलनाडु में दो दो फिल्म स्टार्स के राजनीतिक पटल पर उदय के बाद बीजेपी को आंध्र प्रदेश से ही उम्मीदें हैं। तेलंगाना में पहले ही के चंद्रशेखर राव अपने तेवर दिखा चुके हैं और तीसरे मोर्चे की पहल करते हुए गैर कांग्रेस-गैर बीजेपी दलों से मिल रहे हैं।

Published: 24 Mar 2018, 11:20 AM IST

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Published: 24 Mar 2018, 11:20 AM IST